दिल्ली से करीब तीन सौ किलोमीटर और नैनीताल से करीब छब्बीस किलोमीटर दक्षिण पूर्व में नौकुचियाताल नामक एक ऐसी नीली झील है जिसका जादुई आकर्षण देश विदेश के पर्यटकों को हमेशा अपनी तरफ खींचता रहा है। समुद्रतल से 4000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह झील पहाड़ों के अंचल में पानी के भूमिगत स्रोतों से बनी है। यहां घूमने का बेहतरीन समय मार्च से नवंबर और जुलाई से सितंबर तक होता है। आइये जानते हैं यहां देखने लायक पांच जगहों के बारे में।
नौकुचियाताल
झील के नो कोने होने के कारण ही इस झील का नाम नौकुचियाताल पड़ा है। यहां हनुमानजी की एक विशाल मुर्ति है। हरी भरी प्रकृति,तितलियां, पक्षी,जानवरों के अलावा यहां रंग बिरंगे फूलों को देखने का मजा ही कुछ और है।
भीमतालनौकुचियाताल जाने के लिए भीमताल जाना पडता है। भीमताल भी कुमाऊँ की एक बडी झील है। जिसे महाभारत के पात्र राम से जोडा जाता है। इसके अलावा भुवानी रोड पर मेहरा गांव में एक लोक संस्कृति संग्रहालय भी है,जहां बहुत कुछ देखा जा सकता है। इस ताल के बीच में स्थित रेस्त्रां सबके आकर्षण का केंद्र हैं।
साततालपक्षी प्रेमीयों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है। यहां कई तरह के प्रवासी तथा स्थानीय पक्षियों का निवास स्थल है। उत्तराखंड के राज्य पक्षी मोनल को भी यहां देखा जा सकता है।
मुक्तेश्वर नौकुचियाताल से बीस किलोमीटर दूर मुक्तेश्वर बहुत ही सुन्दर जगह है। यहाँ अंग्रेजों द्वारा स्थापित एक अनुसंधान का केंद्र भी है। यहाँ से हिमालय का नजारा देखने को मिलता है।
जंगलीआगाँवनौकुचियाताल से आठ किलोमीटर दूर यह प्रकृति प्रेमियों एवं फोटोग्राफर्स लिए के स्वर्ग से कम नहीं है।