जा रहे हैं अमरनाथ यात्रा पर, ध्यान रखें इन बातों का नहीं तो पड़ेगा पछताना

इस साल 30 जून 2022 से अमरनाथ यात्रा शुरू होने जा रही है। यह यात्रा कुल 43 दिनों तक यानी 11 अगस्त 2022 यानी रक्षाबंधन तक चलेगी। बाबा बर्फानी के नाम से मशहूर अमरनाथ धाम का इतिहास सदियों पुराना है। हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव ने अमरनाथ गुफा में ही माता पार्वती को अमर होने का रहस्य बताया था। बाबा अमरनाथ धाम के दर्शन करने हर साल श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं। आपको बता दे, कोरोना के चलते पिछले दो सालों से अमरनाथ यात्रा पर रोक लगी हुई थी।

बाबा अमरनाथ की गुफा समुद्र तल से करीब 3,800 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। गुफा में मौजूद शिवलिंग की खासियत है कि ये खुद-ब-खुद बनता है। ऐसा कहा जाता है कि कहा जाता है कि चंद्रमा के घटने-बढ़ने के साथ-साथ इसके शिवलिंग के आकार में बदलाव आता है। अमरनाथ का शिवलिंग ठोस बर्फ से निर्मित होता है। जबकि जिस गुफा में यह शिवलिंग मौजूद है, वहां बर्फ हिमकण के रूप में होती है। अमरनाथ यात्रा सबसे मुश्किल ट्रेक में से एक है । ऐसे में अगर आप भी इस साल अमरनाथ यात्रा पर जाने के लिए पंजीकरण करा लिया है तो आपको कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि अमरनाथ यात्रा के दौरान क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए।

अमरनाथ यात्रा के दौरान करें ये काम

अमरनाथ यात्रा का ट्रेक काफी मुश्किल है। इसलिए अपनी फिजिकल फिटनेस पर ध्यान देना बेहद जरुरी है। यात्रा पर जाने से पहले रोजाना 4 से 5 किलोमीटर पैदल वाक करें। अगर आप दौड़ सकते है तो नियमित 30 मिनट दौड़ें। साथ ही अपने डेली रुटीन में योग को शामिल करें। खासतौर पर ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें। ऐसा आप यात्रा पर जाने से एक महीने पहले से शुरू कर दे। ऐसे में 13 साल से कम उम्र के बच्चों और 75 साल से ज्यादा के बुजुर्गों को यात्रा पर ना ले जाएं। साथ ही प्रेग्नेंट महिलाओ और 6 महीने से छोटे बच्चों को इस यात्रा पर ले जाने की परमिशन नहीं है।

अमरनाथ यात्रा मॉनसून के दौरान शुरू होती है। ऐसे में इस दौरान यहां मौसम काफी ज्यादा ठंडा हो जाता है। इसके लिए गर्म कपड़े और छतरी जरूर लेकर जाएं। इसके अलावा टॉर्च, वॉटरप्रूफ ट्रेकिंग शूज, रेनकोट भी ले जाना ना भूलें।

अमरनाथ यात्रा के काफी चढ़ाई चढ़नी पड़ती है ऐसे में सलवार कमीज, पैंट शर्ट या ट्रैक सूट पहनें। सके अलावा, यात्रा के दौरान अच्छे ट्रेकिंग शूज पहनें। बारिश की वजह से पहाड़ों पर फिसलन बन जाती है ऐसे में चप्पल पहनने की गलती ना करें। यात्रा के दौरान खुद को हाइड्रेट रखें। इसके अलावा यात्रा के दौरान एनर्जी बनाए रखने के लिए आप अपने बैग में ड्राई फ्रूट्स, ग्लूकोज बिस्कुट, गुड़, डार्क चॉकलेट आदि जरूर रखें। साथ ही अपने पास में फर्स्ट- ऐड किट जरूर रखें।

अमरनाथ यात्रा के दौरान ना करें ये काम

अमरनाथ यात्रा एक कठिन ट्रेक है और गुफा तक पहुंचने के लिए कोई भी शॉर्ट कट नहीं है। इस दौरान अगर आप शॉर्ट कट लेने की सोचते हैं तो इससे आपकी जान को खतरा हो सकता है। ऐसे में इससे बचें। यात्रा के दौरान अपने आसपास की जगह और पर्यावरण को साफ रखें। ऐसे प्लास्टिक की चीजों का इस्तेमाल ना करें और ना ही जगह को गंदा करें। अमरनाथ यात्रा के दौरान नशीले पदार्थ और मांसाहारी भोजन के सेवन न करें। इस दौरान मांस-मदिरा का सेवन करने की गलती ना करें।

ये टिप्स भी आएंगे आपके काम

अमरनाथ यात्रा मार्गों पर चंदनवाड़ी, शेषनाग, पंचतरणी आदि जगहों पर सरकार की ओर से स्थापित डिपो हैं जहां से आप उचित कीमत पर खाने की चीजें जैसे बिस्कुट ले सकते हैं। साथ ही रास्ते में कई लंगर, चाय के स्टॉल और छोटे रेस्तरां भी हैं। इसके साथ ही चंदनवाड़ी, शेषनाग और पंचतरणी में आपको जलाने के लिए लकड़ी भी मिल जाएगी। अमरनाथ यात्रा के लिए आपको सरकार या प्राइवेट ऑपरेटर्स की तरफ से कैंप्स आदि दिए जाते हैं। यहां आपको सोने के लिए गद्दे, तकिए और कंबल आसानी से मिल जाएंगे। अमरनाथ यात्रा के लिए श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड की ओर से रजिस्ट्रेशन करवाने वाले यात्री 3 लाख रुरये के इंश्योरेंस के लिए एलिजिबल होंगे।

आपको बता दे, बाबा अमरनाथ धाम की यात्रा दो प्रमुख रास्तों से की जाती है। इसका पहला रास्ता पहलगाम से बनता है और दूसरा सोनमर्ग बालटाल से। श्रद्धालुओं को यह रास्ता पैदल ही पार करना पड़ता है। पहलगाम से अमरनाथ की दूरी लगभग 28 किलोमीटर है। ये रास्ता थोड़ा आसान और सुविधाजनक है। जबकि बालटाल से अमरनाथ की दूरी तकरीबन 14 किलोमीटर है, लेकिन यह रास्ता पहले रूट की तुलना में कठिन है।