खूबसूरत के साथ ही इन भूतिया जगहों के लिए भी प्रसिद्द हैं उत्तराखंड, जाने के नाम से ही लगता हैं डर

जब भी कभी देश में पर्यटन की बात की जाती हैं तो उत्तराखंड का नाम जरूर सामने आता हैं जहां कई मंदिर होने के साथ ही हिल स्टेशन और खूबसूरत जगहें हैं। उत्तराखंड को ‘देवभूमि’ के रूप में जाना जाता है, जहां लाखों-करोड़ों देवी देवता बसते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसी उत्तराखंड में कुछ जगहें ऐसी हैं जो भूतिया मानी जाती हैं और यहां जाने से लोग डरते हैं। उत्तराखंड की इन डरावनी जगहों को घोस्ट टूरिज्म के तौर पर प्रचारित किया जा रहा हैं। अगर आप भी उत्तराखंड घूमने का प्लान बना रहे हैं और अपने सफर को रोमांचक बनाना चाहते हैं, तो यहां बताई जा रही भूतिया जगहों पर घूमने जा सकते हैं। तो चलिए जानते हैं उत्तराखंड की इन भूतिया जगहों के बारें में...

परी टिब्बा

उत्तराखंड में फेमस भूतिया जगहों में सबसे पहला नाम आता है परी टिब्बा का। यह एक ऐसी जगह है जहां घने जंगल हैं। इस जगह को इतना लोकप्रिय इसलिए बना दिया गया क्योंकि ये जगह रस्किन बॉन्ड की कई किताबों में आई है। साथ ही यहां काफी सुनसान अंधेरा होता है और कई बार बिजली गिर चुकी है। कई कहते हैं कि ये प्रकृतिक है और कई कहते हैं कि इन जंगलों में कुछ है और इसलिए यहां पर इतनी बिजली गिरती है। आधे जले हुए पेड़, घना जंगल और कई कहानियां। लोग कहते हैं कि एक जोड़े पर यहां बिजली गिर गई थी और वो जिंदा जल गए थे। लोगों का ये भी दावा है कि उन्होंने यहां पर परियों को देखा है।

लंबी देहर माइन

ये खदानें हिल स्टेशन मसूरी के पास स्थित हैं। फिलहाल यहां कोई काम नहीं होता। जगह बहुत खूबसूरत है और कई बार यहां लोग तस्वीरें खिंचवाने भी आते हैं। पर ये खूबसूरत जगह भुतहा भी है। 1990 के दशक में यहां काम करने वाले मजदूर बीमार होने लगे। धीरे-धीरे ये बढ़ता गया और करीब 50 हज़ार लोग बीमार पढ़ने लगे और मरने लगे। इसके बाद माइन बंद हो गई और 1500 लोग उस गांव को छोड़कर चले गए। तब से ये जगह भुतहा घोषित हो गई।

मुलीनगर मैनशन

उत्तराखंड में 1825 से पहले बने मुलीनगर मैंशन की कहानी आपको इस मैंशन की ओर आकर्षित करेगी। किसी को नहीं पता कि इस मैंशन के मालिक के साथ क्या हुआ। ये मैंशन खाली और वीरान कैसे बन गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां कुछ अजीब हरकतें होती हैं। कहा जाता हैं कि इस मैंशन के पहले मालिक कैप्टन यंग का भूत आज भी घर में घूमता है। यात्री यहां इस उम्मीद में घूमने आते हैं कि उन्हें भूत दिख जाए।

सवॉय होटल

ये होटल मसूरी में स्थिथत है। 121 कमरों वाला यह होटल भूतिया होटल माना जाता है। लोगों की माने तो इस होटल में एक ब्रिइटिलश महियला की रहस्यमय तरीके से हत्या कर दीर गई थी। इस महिला के शव का जि।स डॉक्टर ने पोस्टमार्टम किाया था उसकी भी अचानक मौत हो गई थी। इस महिला की एक व्यक्ति ने चिटत्रकारी की थी उसकी भी मौत हो गई। ये तीनों हत्याएं आज तक रहस्यमयी है। कहते ब्रि टिकश महियला की आत्मा हर रात होटल के कमरे में भटकती है और अपने कातिनल तलाश करती है। यह होटल कई बार खरीदा और बेचा गया लेकिमन इसकी मनहूसि्यत ने सभी को बर्बाद कर दिकया।

लोहाघाट-मुक्ति कोठारी

उत्तराखंड के चंपावत जिले में स्थित लोहाघाट भारत के सबसे भयानक स्थानों में से एक है। एबट पहाड़ी पर स्थित अभय बंगला उत्तराखंड में सबसे डरावनी जगह के रूप में जाना जाता है। यहां आसपास रहने वाले लोगों ने कई डरावनी आवाजें सुनी हैं, बल्कि लोग तो बंगले के पास भी जाने से डरते हैं। शुरुआती दिनों में यह बंगला एक ब्रिटिश परिवार का हुआ करता था, जिसने इसे अस्पताल बनाने के लिए बेच दिया। हॉस्पिटल काफी फेमस हो गया, लेकिन एक डॉक्टर ने लोगों की मृत्यु की भविष्यवाणी का शुरू कर दिया। दिलचस्प बात तो ये है व्यक्ति की मृत्यु भी उसी दिन होती थी, जिसदिन वो बताया करता था। लेकिन असलियत तो ये थी डॉक्टर अपनी भविष्यवाणियों को सही साबित करने के लिए निर्दोष मरीजों को 'मुक्ति कोठारी' नाम के कमरे में ले जाता है और उनकी हत्या कर देता था। कहते हैं वो मरीज आज भी भूत बनकर बंगले में घूम रहे हैं।

मुलिंगर हवेली

मसूरी को बसाने वाले ब्रिटिश मिलिट्री अधिकारी कैप्टेन यंग ने मुलिंगर हवेली का निर्माण कराया था। इसमें वो खुद रहता था। ऐसा कहा जाता है कि यंग को अपनी हवेली से बहुत प्यार था। लेकिन जब उन्हें भारत छोड़कर जाने के लिए कहा गया। तो कैप्टन यंग इस दौरान अपनी हवेली में गए और फिर गायब हो गए। कोई नहीं जानता वो कहाँ गए। लोगों का कहना है कि हवेली में अभी भी कैप्टन की आत्मा घूमती है। कई लोगों ने तो हवेली में कैप्टेन यंग के भूत को देखने का दावा भी किया।

स्वाला गांव

उत्तराखंड के चंपावत जिले में स्वाला गांव है जिसे भूतिया गांव कहा जाता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि स्वाला गांव के पास 1952 में पीएसी की एक बटालियन की गाड़ी खाई में गिर गई थी। गाड़ी के अंदर फंसे जवान अपनी मदद के लिए गांव के लोगों के पुकारते रहे, लेकिन लोगों ने उनकी कोई मदद नहीं की। मदद करने की जगह गांव के लोग उनका सामान लूट कर भाग गए। जवानों की वहीं पर तड़प-तड़प कर गाड़ी में ही मौत हो गई। बताया जाता है कि जवानों की आत्माओं ने इस गांव में इतनी दहशन कर दी कि गांव के लोगों को गांव छोड़कर भागना पड़ा।
लोगों का मानना है कि आज भी इस गांव में उनकी आत्माएं घूमती हैं जिसके चलते इस गांव में कोई नही रहता है। ये गांव बिलकुल खाली पड़ा है।