मध्यप्रदेश के इन मंदिरों में लगता है भक्तों का जमावड़ा, दर्शन कर पाएं आत्मीय आनंद

भारत एक विशाल देश हैं जहां के हर गली-मोहल्ले में आपको मंदिर के दर्शन करने को मिल जाएंगे। लेकिन जब बात उन धार्मिक स्थलों की आती हैं जो अपनी आध्यात्मिकता के लिए जाने जाते हैं, तो उसमें मध्यप्रदेश का नाम भी जरूर आता हैं। यहाँ कई प्राचीन और विशाल मंदिर स्थित हैं जो कि पर्यटकों के लिए किसी तीर्थ स्थल से कम नही हैं। मध्य प्रदेश की पवित्र यात्रा से आप मंत्रमुग्ध हो जाएंगे, और आप जीवन भर याद रखेंगे। हम आपको आज मध्य प्रदेश के कुछ ऐसे मंदिरों के बारे में बताएंगे जहां घूमने के साथ-साथ आपको पर्यटन का आनंद भी मिलेगा। इन मंदिरों के दर्शन कर आप आत्मीय आनंद की प्राप्ति कर सकते हैं। आइये जानते हैं मध्यप्रदेश के इन मंदिरों के बारे में:

भैरव पर्वत, उज्जैन

भैरव पर्वत शिप्रा नदी के तट के पास भैरव पहाड़ियों के शिखर पर स्थित है। भैरव पर्वत मध्य प्रदेश का एक प्रमुख मंदिर है। स्थानीय लोग मंदिर को इसके असामान्य निर्माण और सुंदर पत्थर के शिलालेखों के कारण गडकालिका कहते हैं। शक्ति पीठ के बारे में कहा जाता है कि जहां भगवान शिव ने सुदर्शन चक्र से जलती हुई लाश को 52 टुकड़ों में काट दिया था, वहीं मां सती की कोहनी गिरी थी। इस मंदिर में, देवी को अवंती के रूप में जाना जाता है और उन्हें लगातार लाल रंग के कपड़े पहनाए जाते हैं, जिसे विवाहित महिलाओं के लिए एक पवित्र रंग माना जाता है।

मैहर देवी मंदिर, सतना

सतना जिले में स्थित मैहर देवी मंदिर मध्य प्रदेश के प्रमुख दर्शनीय मंदिरों में से एक है। देवी शारदा के लिए प्रसिद्ध यह मंदिर त्रिकुट पहाड़ी के ऊपर स्थित है। मैहर देवी मंदिर में 1000 से भी अधिक सीढ़ियां है। मैहर मंदिर को माता सती के 51 शक्ति पीठों में से एक माना जाता है। माता के गले का हार गिरने से इस पवित्र स्थान का नाम मैहर रखा गया है।

महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, उज्जैन

भगवान शिव को समर्पित, महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उज्जैन शहर में स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है। शांति और सुकून का माहौल पेश करते हुए ये मंदिर कई तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग, मध्य प्रदेश के सबसे अच्छे मंदिरों में गिना जाता है। महा शिवरात्रि के दिन, हर साल मंदिर के पास एक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है, इस दौरान मंदिर पूरी रात खुला रहता है। मध्य प्रदेश के मंदिरों की भव्यता का अनुभव करने के लिए आपको साल के इस दिन अपनी मध्य प्रदेश यात्रा प्लान करनी चाहिए।

ओंकारेश्वर मंदिर, खंडवा

खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर मंदिर 12 ज्योतिर्लिंगों में स्थित है। यह मंदिर मध्य प्रदेश की प्रसिद्ध पवित्र नदी मां नर्मदा के किनारे स्थित हैं। जहां सालभर भक्तों की भारी भीड़ जुटती है। कहा जाता है कि माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ दिन भर कही भी रहें लेकिन रात्रि विश्राम वह ओंकारेश्वर में ही करते हैं, कहा जाता है कि दोनों यहां चौसर खेलते हैं। इसलिए यहां भगवान के सामने चौसर सजाई जाती है। इसके अलावा बताया जाता है कि ओंकारेश्वर ओम पर्वत पर बसा हुआ है। जब इसे आप दूर से देखते हैं तो यह ओम आकार का नजर आता है। ऐसे में अगर आप घूमने का प्लान बना रहे हैं तो नर्मदा के सौंदर्य के साथ-साथ आपको प्रसिद्ध भगवान ओंकारेश्वर के दर्शन भी होंगे।

जवारी मंदिर, खजुराहो

खजुराहो मंदिर परिसर के पूर्वी हिस्से में जवारी मंदिर है, जो 10 वीं शताब्दी के अंत में बनाया गया एक महत्वपूर्ण मंदिर है। मध्य प्रदेश में खजुराहो मंदिर की बाहरी दीवारों पर नक्काशी है, जबकि मंदिर के आंतरिक भाग में निरंधरा मंदिर है, जिसमें एक मंडप और गर्भगृह है। जावारी मंदिर अपनी जबरदस्त सुंदरता के लिए पहचाना जाता है, जिसमें दीवारों को ढंकने वाली शानदार मूर्तियां हैं।, जो अपने उत्कृष्ट निर्माण के लिए जाना जाता है। लोककथाओं के अनुसार, मंदिर का नाम उस संपत्ति के मालिक जावरी के नाम पर रखा गया है, जिस पर मंदिर बना है। मंदिर में निर्दोष डिजाइन और शानदार नक्काशी है जो अतीत के वैभव को दर्शाती है।

बिजासन माता मंदिर, सलकनपुर

मध्य प्रदेश के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में शामिल बिजासन माता मंदिर सलकनपुर भक्तो के बीच बहुत लौकप्रिय हैं। यह मंदिर माता दुर्गा के बिजासन रूप के लिए प्रसिद्ध है जोकि 800 फीट की उंचाई पर पहाड़ों में जाकर बसा है। सलकनपुर धाम में नवरात्री के समय बहुत भीड़ होती है जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते है। माता के दर्शन की एक झलक के लिए भक्त नवरात्री के अवसर पर दूर-दूर से पैदल चलकर आते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें पिपरिया से सलकनपुर तक पैदल आने वाले भक्तो की लम्बी कतार लगी रहती हैं।

सास बहू मंदिर, ग्वालियर

भगवान विष्णु के सम्मान में निर्मित, जिन्हें सहस्त्रबाहु के नाम से भी जाना जाता है, यह मंदिर ग्वालियर में स्थित है। मंदिर का निर्माण राजा महिपाल ने कराया था और इसका नाम धीरे-धीरे गलत उच्चारण के कारण बदल गया। सास बहू मंदिर शानदार नक्काशी का दावा करता है जो उस समय के कारीगरों और मूर्तियों और बनाने वाले कलाकारों के कौशल को चित्रित करता है। यह मंदिर ग्वालियर शहर के सबसे मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है और मौसम सुहावना होने पर ग्वालियर किले से मंदिर तक पैदल यात्रा, पर्यटकों द्वारा एक पसंदीदा गतिविधि है।

रामराजा मंदिर, ओरछा

निवाड़ी जिले में स्थित ओरछा शहर मध्य प्रदेश का न केवल एक बड़ा पर्यटन केंद्र बल्कि यहां प्रसिद्ध रामराजा मंदिर भी हैं। रामराजा मंदिर की खासियत यह है कि यहां भगवान श्रीराम राजा के रूप में विराजे हैं, जहां उनको शस्त्र सलामी भी दी जाती है। ओरछा के राजा केवल राम हैं, इसलिए यहां को भी बड़ा नेता या अधिकारी बिल्कुल सरल तरीके से अपना पद छोड़कर आता है। ओरछा बेतवा नदी के किनारे बसा हैं, जहां कई अन्य कई पर्यटन केंद्र है। ओरछा में हर साल ओरछा महोत्सव का आयोजन भी होता है, जिसमें देश विदेश के लोग जुटते हैं। इसके अलावा यहां आपको बुंदेलखंड की संस्कृति भी देखने को मिलेगी। इसलिए आप अगर कही घूमने का प्लान बना रहे हैं तो ओरछा आपके लिए अच्छा ऑप्शन हो सकता है।