भारत का इतिहास अपनेआप में बेहद समृद्ध और अनोखा रहा हैं। हांलाकि आजकल के बच्चे इतिहास पढ़ने में रुचि नहीं दिखाते हैं, लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो इतिहास में रुचि रखते हैं और अपने घूमने की ट्रिप में भी ऐसी जगहों को शामिल करते हैं जहां का इतिहास रोचक रहा हो। भारत के इतिहास की बात हो और उसमें झांसी का उल्लेख ना हो, ऐसा हो ही नहीं सकता हैं। भारत की आजादी का जब भी कभी उल्लेख होता हैं, तो 1857 की क्रांति में वीरगति को प्राप्त होने वाली झांसी की रानी का जिक्र जरूर आता हैं। ऐसे में झांसी का ऐतिहासिक महत्व और भी बढ़ जाता हैं। इतिहास के शौकीन और पर्यटकों के घूमने के लिए झांसी एक अच्छी जगहों में से एक है। आपको झांसी के इन स्थलों पर घूमने का प्लान जरूर बनाना चाहिए।
# झांसी फोर्टझांसी का किला भारत के उत्तरी भाग में उत्तर प्रदेश में स्थित एक पहाड़ी बगीरा की चोटी पर स्थित है। जिसका निर्माण 17 वीं शताब्दी में राजा बीर सिंह देव द्वारा करवाया गया था। आपको बता दें, स्वतंत्रता से पहले वर्ष 1857 में ईस्ट इंडिया कंपनी से लड़ी गई लड़ाई में इस किले का एक हिस्सा नष्ट हो गया था। इस किले के अंदर भगवान गणेश को समर्पित मंदिर है और एक म्यूजियम भी इस किले में देखा जा सकता है, जो चंदेला वंश के अवशेषों को समर्पित है। इसके अलावा यहां आप शहीदों को समर्पित युद्ध स्मारक भी देख सकते हैं और यहां रानी लक्ष्मीबाई पार्क भी निर्मित है। इस किले से आप झांसी का खूबसूरत दृश्य भी देख सकते हैं। सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे के बीच ये किला खुलता है और एंट्री फीस 5 रुपए है।
# गणेश जी का मंदिर झांसी के किले के एक स्थल से रानी लक्ष्मीबाई जी ने अपने घोड़े के साथ एवं अपने पुत्र के साथ छलांग लगाई थी। आप वह भी देख सकते हैं। किले के भीतर आपको बरादरी, मेमोरियल सिमेट्री, कालकोठरी, फांसी स्तंभ, गुलाम गौस खां , खुदा बख्श व मोतीबाई की कब्र भी देखने मिल जाएगी। किले में भवानी शंकर नाम की भी एक तोप है। आपको इस किले से झांसी शहर का मनोरम दृश्य भी देखने के लिए मिल जाता है। यह किला बहुत सुंदर है और आपको यहां पर आकर बहुत अच्छा लगेगा।
# रानी महलरानी महल अपनी बेहतरीन नक़्क़शीदार डिजाईन और कलाकृतियों के लिए जाना जाता है। यह पर्यटकों को बहुत ज्यादा आकर्षित करता है। यह किसी जमाने में रानी लक्ष्मीबाई का निवास स्थान हुआ करता था। लेकिन अब यह एक संग्रहालय के रूप में बदल दिया गया है जहां 9 से 12 वीं शताब्दी के बीच की वस्तुओं और राजाओं के द्वारा उपयोग की जाने वाली वस्तुओं को संग्रहित कर के रखा गया है अब ये पूरी तरह से सरकारी देखरेख के अंदर आता है। यह महल रानी लक्ष्मीबाई की वीरता की कहानी बयां कर रहा है जिनका खूबसूरत ढंग से चित्रण यहां देखने को मिलेगा। रानी महल में आप भारत के इतिहास, शासकों, उनकी परंपरा और मध्यकाल और उसके बाद की घटनाओं को देख सकते हैं।
# राजकीय संग्रहालयझांसी राजकीय संग्रहालय झांसी जिले में घूमने की एक प्रमुख जगह है। यहां पर आपको प्राचीन पेंटिंग्स और मूर्तियों का संग्रह देखने के लिए मिल जाता है। यहां पर पेंटिंग्स और मूर्तियों के लिए अलग-अलग गैलरी है। आप यहां पर 1857 की क्रांति की पेंटिंग्स भी देख सकते हैं। इसके अलावा इस संग्रहालय में झांसी के इतिहास को भी दर्शाया गया है। वह भी आप देख सकते हैं। यहां पर आपको प्राचीन आभूषण, बर्तन, झांसी रियासत के नक्शे, राइफल, पिस्तौल, एवं प्राचीन समय में सैनिकों के द्वारा उपयोग किए जाने वाले हथियार भी देखने के लिए मिल जाते हैं। झांसी संग्रहालय झांसी किले से थोड़ी दूरी पर स्थित है। आप यहां पर पैदल भी आ सकते हैं। झांसी सरकारी संग्रहालय देश के सबसे महत्वपूर्ण और सबसे पुराने संग्रहालयों में से एक है, और ये घूमने के लिए शीर्ष पर्यटन स्थलों में से एक भी है।
# राजा गंगाधर राव की छत्रीझांसी के राजा, राजा गंगाधर राव का स्मारक, उनकी मृत्यु के बाद उनकी रानी, रानी लक्ष्मीबाई द्वारा 1853 में बनवाया गया था। राजा गंगाधर राव की छतरी झांसी में लक्ष्मी झील के बगल में महालक्ष्मी मंदिर के पास स्थित है। सेनोटाफ एक हरे भरे बगीचे, एक निकटवर्ती तालाब और समृद्ध वास्तुशिल्प डिजाइनों से घिरा हुआ है। ऐसा कहा जाता है रानी अपने पति की मृत्यु के बाद प्रतिदिन कब्रगाह जाती थी। इन सभी कहानियों और स्मारक की लुभावनी वास्तुकला ने इसे झांसी जाने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक बना दिया है।
# इस्कॉन मंदिर इस्कॉन मंदिर झांसी में घूमने का एक धार्मिक स्थल है। यह मंदिर सफेद संगमरमर से बना हुआ है और बहुत खूबसूरत लगता है। यह मंदिर श्री राधा और कृष्ण जी को समर्पित है। मंदिर में आपको प्रतिदिन खिचड़ी का प्रसाद खाने के लिए भी मिलता है। मंदिर के बाहर आपको बहुत सारी प्रसाद की दुकान देखने के लिए मिलती है। आप वहां से प्रसाद ले सकते हैं। मंदिर में गौशाला भी बनी हुई है और यहां पर छोटा सा गार्डन भी है, जहां पर आप बैठ सकते हैं और बच्चे खेल सकते हैं। मंदिर का वातावरण बहुत शांत है और मंदिर में भजन-कीर्तन होते रहते हैं, जिससे मन को बहुत शांति मिलती है।
# मेजर ध्यानचंद की प्रतिमामेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता था। मेजर ध्यानचंद की प्रतिमा झांसी शहर में स्थित एक मुख्य आकर्षण है। आप यहां पर आ कर इस प्रतिमा के देख सकते हैं। यह प्रतिमा बहुत खूबसूरत लगती है। आप इस प्रतिमा के पास पहुंचकर झांसी शहर का मनोरम व्यू देख सकते हैं। इस प्रतिमा तक पहुंचने के लिए आपको सीढ़ियां चढ़ने पड़ती है। यह प्रतिमा एक पहाड़ी के ऊपर बनी है। इस पहाड़ी को ध्यानचंद हिल के नाम से भी जाना जाता है। आपको यहां पर आकर अच्छा लगेगा।
# सेंट जूड्स श्राइनझांसी, उत्तर प्रदेश में स्थित सेंट जूड्स श्राइन एक रोमन कैथोलिक लैटिन चर्च है, जो सेंट जूड थडियस को समर्पित है। इसे फ्रांसिस जेवियर फेनेच ने बनवाया था। यह झांसी के छावनी क्षेत्र में है और राज्य में कैथोलिक समुदाय के बीच लोकप्रिय चर्चों में से एक है। सेंट जूड्स श्राइन में भक्ति के साथ रोजाना सामूहिक आयोजन किया जाता है। साथ ही, हर साल 28 अक्टूबर के दौरान, देश भर से ईसाई यहां सेंट जूड का पर्व मनाने के लिए इकट्ठा होते हैं।