देश के ये 8 बगीचे करते हैं पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित, लें यहां घूमने का मजा

जब भी कभी किसी शहर में पर्यटन के लिए जाया जाता हैं तो लोग वहां के प्रसिद्द बगीचे में घूमने जरूर जाते है जो खूबसूरती के साथ शांति और सुकून की प्राप्ति करवाता हैं। देशभर में कई बगीचे हैं जो अपनी विशेषता के लिए इस कदर जाने जाते है कि पर्यटक वहां जाने के लिए उस शहर में घूमने की चाह रखते हैं। बगीचों का वातावरण और सुंदरता देखते ही बनती हैं। ऐसे ही कुछ बगीचों की जानकारी आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिनका रोचक इतिहास इन्हें और भी लुभावना बनाता हैं। तो आइये जानते हैं इन बगीचों के बारे में...

लालबाग बोटेनिकल गार्डन, बेंगलुरू

लालबाग बोटेनिकल गार्डन बेंगलुरु की शान ही है, इसे 18वीं शताब्दी में हैदर अली ने बनवाना शुरू किया था। लेकिन इसको पूरा किया उनके बेटे टीपू सुल्तान ने। इस बाग का आकर्षण कांच की कंजरवेटरी और 3000 मिलियन वर्ष पुरानी बड़ी ग्रेनाइट चट्टानभी है। यहां अनोखे फूल तो मिलेंगे ही साथ में चिड़ियों की भी कई प्रजाति यहां मिलेंगी

लोधी गार्डन, दिल्ली

दिल्ली के लोधीगार्डनके बारे में तो आपने जरूर ही सुना होगा। ये गार्डनइंडो-इस्लामिक शैली मेंबनाया गया है। इस पार्क में 16वीं सदी का पत्थर का पुल है, जिसे आठ पियर ब्रिजभी कहा जाता है। यहां बनागुंबद का एक अष्टकोणीय डिजाइनभी बेहद खास है। ये गार्डन 90 एकड़ की बड़ी जगह में बना है और विदेशी भी इसको देखने आते हैं। ये गार्डन खान मार्केट के पास लोधी रोड पर बना है और मॉर्निंग वॉक करने वालों की तो यहां लंबी लाइन लगती है।

मुगल गार्डन, दिल्ली

दिल्ली के मुगल गार्डन को सभी जानते हैं। ये है भी इतना खास कि साल में सिर्फ एक बार खुलने पर यहां दर्शकों का जमघट लग जाता है। इस गार्डन के हर गुलाब को किसी फेमस व्यक्ति का नाम दिया जाता है। बोंसाई और कैक्टस के बगीचे भी आपको जरूर पसंद आएंगे। फूलों का बगीचा तो है ही खास। इस गार्डन की तस्वीरें ही आपको इतना भाएंगी कि आप खुद को रोक ही नहीं पाएंगी।

मेहताब बाग, आगरा

ताजमहल के लिए पहचाने जाने वाले आगरा की एक और खासियत है मेहताब बाग। ये बाग ताज महल के उत्तरी छोर पर बना है। इस बाग का निर्माण ताजमहल के साथ ही 1631 से 1635 के बीच कराया गया था। 25 एकड़ में बना ये बाग यमुना किनारे बना है और पहले इसका नाम चांदनी बाग हुआ करता था।

रॉक गार्डन, चंडीगढ़

रॉक गार्डन देश का अनोखा बगीचा है जिसे नेक चंद रॉक गार्डनभी कहा जाता है। इस गार्डन में इको टूरिज्म के मकसद से बनवाया गया था। इसमें कई सारी बेकार समझी जाने वाली चीजों का इस्तेमाल हुआ है जैसे चूड़ी, क्रॉकरी, टाइल्स और मूर्तियों के बेकार टुकड़े। एक रिटायर्ड अधिकारी नेक चन्द्र सैनी ने अपने खाली समय में साल 1957 में बनाना शुरू किया था। अब ये गार्डन करीब 40 एकड़ में फैला है। घूमने वालों को यहां आने के बाद ज्यादा मजा इसलिए भी आता है क्योंकि यहीं पास में सुखना लेक भी है। चंडीगढ़ आकर इन दोनों ही जगह पर हर कोई जाना ही चाहता है।

हैंगिंग गार्डन, मुंबई

मुंबई भले ही समुंदर के लिए जाना जाता हो लेकिन यहां का एक गार्डन भी बेहद फेमस है। मालाबार हिल पर बना ये बगीचा फिरोजशाह मेहता गार्डन भी कहलाता है। इस बगीचे को पानी के बड़े स्त्रोत के ऊपर बनाया गया है। इसलिए इसे हैंगिंग गार्डन नाम मिला था। इस गार्डन से अरब सागर और उगते-ढलते सूरज को आसानी से देखा जा सकता है। मुंबई की असल सुंदरता आपको इस गार्डन से नजर आ जाएगी। आप मुंबई का नेचर से जुड़ा रूप भी देख सकेंगी।

इंदिरा गांधी ट्यूलिप गार्डन, श्रीनगर

श्रीनगर का येइंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डनदेश का बिलकुल अनोखा गार्डन है जहां जाकर आप शायद वापस जाना ही ना चाहें। ये पूरे एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन है जो 74 एकड़ में फैला है। यहां पर आपको ट्यूलिप की 65 प्रजातियां देखने को मिलेंगी। कुल फूलों की 47 प्रजातियां यहां मिल जाएंगी। जब रवान रेंज की तलहटी में स्थित इस गार्डन को पहले सिराज बाग नाम से जाना जाता था। 2007 में खुले इस गार्डन में करीब 1।5 मिलियन ट्यूलिप बल्ब मिल जाएंगे। ट्यूलिप गार्डन देखने के लिए स्विट्ज़रलैंड जाने वालों के लिए कश्मीर का ये बगीचा जरूरी ठिकाना है।

फूलों की घाटी, चमोली

फूलों की घाटीदेश के बेस्ट गार्डन में से एक है। इस घाटी का नाम अल्पाइन घाटी है और इसे पर्वतारोही फ्रैंक एस स्मिथने 1937 में खोज निकाला था। अल्पाइन के पेड़ों वाले इस बगीचे को वर्ल्ड हेरिटेज साइटमाना गया है। 8 किलोमीटर लंबे और 2 किलोमीटर चौड़े इस गार्डन को 1982 में नेशनल पार्क घोषित किया गया था।