देश के 7 सबसे अमीर मंदिर, हर साल मिलता हैं कई सौ करोड़ का दान

भारत देश को मंदिरों का देश कहा जाता हैं जहां देशभर में 500,000 से अधिक मंदिर हैं। हर मंदिर की अपनी विशेषता और आस्था हैं। कई मंदिर अपनी मान्यता के लिए प्रसिद्द हैं तो कई अपनी भव्यता के लिए। भगवान् से जुड़ी इस आस्था के चलते भक्त मंदिरों पर अपना सबकुछ न्यौछावर करने को तैयार रहते हैं जिसकी बदौलत हर साल मंदिरों को चढ़ावा आता हैं। भक्त अपनी श्रद्धा और भक्ति के लिए मंदिरों में लाखों रुपए, सोना, चांदी आदि दान करते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको देश के कुछ ऐसे बड़े अमीर मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जहां हर साल करोड़ों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं और कई सौ करोड़ चढ़ावा आता हैं। तो आइये जानते हैं इन मंदिरों के बारे में...

पद्मनाभ स्वामी मंदिर, त्रिवेंद्रम

पद्मनाभ स्वामी मंदिर भारत का सबसे अमीर मंदिर है। ये मंदिर तिरुवनंतपुरम् शहर के बीच स्थित है। इस मंदिर की देखभाल त्रावणकोर के पूर्व शाही परिवार द्वारा की जाती है। केरल के तिरुवनंतपुरम में स्थित, इसके खजाने में हीरे, सोने के गहने और सोने की मूर्तियां शामिल हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, मंदिर की 6 तिजोरियों में कुल 20 अर्ब डॉलर की संपत्ति है। यही नहीं, मंदिर के गर्भग्रह में भगवान विष्णु की बहुत बड़ी सोने की मूर्ती विराजमान है, जिसकी कीमत 500 करोड़ रुपए है।

सिद्धिविनायक मंदिर, मुंबई

मुंबई का सिद्धिविनायक मंदिर गणेश भगवान का बेहद लोकप्रिय मंदिर है। यहां सेलेब्रिटी से लेकर आम नागरिक तक माथा टेकने और मन्नत मांगने आते हैं। कोरोना काल में भक्तों की आवाजाही रुकी थी। जानकारी के अनुसार, हर साल मंदिर को दान से करीब 75 से 125 करोड़ रुपये प्राप्त होते हैं।

तिरूपति बालाजी मंदिर, आंध्रप्रदेश

सूची में दूसरे स्थान पर आंध्र प्रदेश का तिरुपति मंदिर है। भारत में वैष्णव संप्रदाय का मंदिर, तिरुपति दान के मामले में दुनिया का सबसे अमीर मंदिर है। इस मंदिर की वास्तुकला देखने लायक है। भक्त यहां हर साल लगभग 600 करोड़ रुपये दान के रूप में देते हैं। तिरूपति मंदिर भगवान वेंकटश्वर को समर्पित है, जिन्हें विष्णुजी का अवतार माना जाता है। ये मंदिर समुद्र तल से 2800 फिट की ऊंचाई पर स्थित है। शायद आप ये बात जानते न हो कि वर्ष 2010 में तिरुमाला तिरुपति मंदिर ने भारतीय स्टेट बैंक के पास ब्याज के लिए 1175 किलो सोना जमा था। मंदिर में एकता कपूर और बच्चन परिवार जैसे अमीर और प्रसिद्ध भक्त दर्शन करने के लिए यहां आते हैं। बहुत दिलचस्प बात यह है कि बाल मुंडन, जो इस मंदिर के आवश्यक अनुष्ठानों में से एक है, भी एक महत्वपूर्ण राजस्व उत्पन्न करने वाली गतिविधि है।

साई बाबा मंदिर

महाराष्ट्र के अहमदनगर में स्थित शिरडी साई बाबा मंदिर की काफी लोकप्रियता है। हर साल लाखों लोग यहां दर्शन के लिए देश-विदेश से आते हैं। शिरडी साई संस्थान की रिपोर्ट के मुताबिक 480 करोड़ रुपये सालाना दान-दक्षिणा से मंदिर को मिलने की रिपोर्ट्स पहले रही हैं, लेकिन ताज़ा आंकड़े 360 करोड़ रुपये सालाना के बताए जाते हैं। कहा जाता है कि मंदिर के पास लगभग 32 करोड़ की चांदी के जेवर हैं, और 6 लाख कीमत के चांदी के सिक्के हैं। साथ ही, हर साल लगभग 350 करोड़ का दान आता है।

वैष्णो देवी मंदिर

हिंदू धर्म में माता वैष्णो देवी मंदिर की काफी मान्यता है। ये मंदिर त्रिकुटा पर्वत पर कटरा नामक जगह पर 1700 मी। की ऊंचाई पर स्थित है। दुनियाभर से हर साल करोड़ों लोग माता के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं। मंदिर का मुख्य आकर्षण गुफा में रखे तीन पिंड है। इस गुफा की लंबाई 30 मीटर और ऊंचाई 1.5 मीटर है। सालभर में लाखों भक्त माता के दर्शन के लिए यहां पहुंचते हैं। जानकारी के अनुसार 500 करोड़ रुपये सालाना यहां के श्राइन बोर्ड को भक्तों के चंदे से मिलते हैं।

सोमनाथ मंदिर, गुजरात

सोमनाथ एक महत्वपूर्ण हिन्दू मंदिर है जिसकी गिनती 12 ज्योतिर्लिंगों में प्रथम ज्योतिर्लिंग के रूप में होती है। गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बंदरगाह पर स्थित इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था। इसका उल्लेख ऋग्वेद में भी मिलता है। इसे अब तक 17 बार नष्ट किया गया है और हर बार इसका पुनर्निर्माण किया गया। सोमनाथ में हर साल करोड़ों को चढ़ावा आता है। इसलिए ये भारत के अमीर मंदिरों में से एक है।

जगन्नाथ मंदिर, ओडिशा

पुरी में जगन्नाथ मंदिर भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है, जिसे देश और यहां तक कि दुनिया के कोने-कोने से अपने भक्तों से भारी मात्रा में दान मिलता है। हालांकि मंदिर की सही संपत्ति के बारे में कोई नहीं जानता, लेकिन अनुमान है कि मंदिर में 100 किलो से अधिक सोने और चांदी के सामान हैं। प्राचीन मंदिर भगवान जगन्नाथ को समर्पित है और हिंदुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है। इसके अलावा, मंदिर अपने वार्षिक रथ यात्रा उत्सव के लिए भी प्रसिद्ध है। ऐसा कहा जाता है कि मंदिर को यूरोप के अपने एक भक्त से 1.72 करोड़ रुपए दान में मिले थे।