अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्द हैं अहमदाबाद के ये 7 मंदिर, जरूर जाना चाहिए एक बार दर्शन करने

दुनियाभर में गुजरात को अपने पर्यटन के लिए जाना जाता हैं। यहां का हर शहर अपनी विशेष पहचान रखता हैं। इसी का एक बड़ा शहर हैं अहमदाबाद जिसे गुजरात की पूर्व राजधानी के रूप में भी जाना जाता हैं। अहमदाबाद को अपनी जीवंत संस्कृति, समृद्ध विरासत, प्राकृतिक परिदृश्य और स्वादिष्ट व्यंजनों के साथ ही धार्मिक स्थलों के लिए भी जाना जाता हैं। अहमदाबाद विकास में काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। ये शहर जितना खूबसूरत है, उतना ही खूबसूरत यहां के भव्य मंदिर भी हैं। आज हम आपको अहमदाबाद के उन प्रसिद्द मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपनी भव्यता के लिए प्रसिद्द हैं। यदि आप अपनी फैमली या फ्रेंड्स के साथ घूमने के लिए अहमदाबाद जा रहे हैं तो इन मंदिरों का दर्शन जरूर करें। आइये जानते हैं इन मंदिरों के बारे में...

अक्षरधाम मंदिर

अक्षरधाम मंदिर अहमदाबाद के गांधीनगर इलाके में बना है। अक्षरधाम मंदिर गुजरात के प्रमुख सांस्कृतिक केंद्रों में से एक माना जाता है। इस मंदिर की स्थापना 1992 में हुई थी। भगवान स्वामीनारायण को समर्पित इस मंदिर में उनकी सोने की करीब 7 फीट ऊंची मूर्ति रखी है। इस मंदिर की जटिल नक्काशीदार दीवारों पर गुलाबी पत्थर लगा है जो दिन में सूरज की रोशनी में चमकता रहता है। हरेभरे पेड़-पौधों से सुशोभित इस मंदिर में बड़ी संख्या में लोग दर्शन के अलावा घूमने भी आते हैं। यहां पर उद्यानों में बच्चों को खेलने की उचित व्यवस्था है। इसके अलावा यहां के सुंदर झरने और झीलें पयर्टकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यहां की खासियत यह है कि यहां एक ही छत के नीचे कला, वास्तुकला, शिक्षा, अनुसंधान और प्रदर्शनियों के विभिन्न पहलुओं को एक साथ देखा जा सकता है।

जगन्नाथ मंदिर

इस मंदिर के निर्मिती के बारे में कहा जाता है कि करीब 150 वर्ष पूर्व भगवान जगन्नाथजी ने महंत नरसिंहदासजी के सपने में जाकर आदेश दिया कि यहाँ उनके भाई बलदेव और बहन सुभद्रा के साथ उनका मंदिर स्थापित किया जाए। प्रात: महंतजी ने यह स्वप्न की बात गाँववालों के समक्ष रखी और सभी ने इसे सहर्ष स्वीकारते हुए धूमधाम के साथ भगवान जगन्नाथ की प्राण-प्रतिष्ठा की। भगवान जगन्नाथ को विराजित करते ही क्षेत्र की रौनक में चार चाँद लग गए। यहाँ भगवान जगन्नाथ, बलभद्रजी तथा देवी सुभद्रा की आकर्षक प्रतिमाएँ आने वाले हर भक्त का मन मोह लेती हैं। तत्पश्चात 1878 से आषाढ़ी बीज के दिन निकाली जाने वाली रथयात्रा अब यहाँ की परंपरा का हिस्सा बन गई है। इस दौरान मंदिर की विशेष रूप से साज-सज्जा भी की जाती है। रथयात्रा में शामिल होने वाले भक्त स्वयं को भाग्यशाली मानते हैं। जय रणछोड़, माखनचोर की गूँज के साथ भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए यहाँ दूर-दूर से आए भक्तों का ताँता लगा रहता है। इसके मद्देनजर यहाँ सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए जाते हैं। भक्तों का मानना है कि भगवान जगन्नाथ के दर्शन मात्र से ही सारी इच्छाएँ पूर्ण हो जाती हैं।

वैष्णो देवी मंदिर

यह गांधीनगर रोड पर स्थित है और अहमदाबाद के सबसे अच्छे मंदिरों में से एक है। यह मंदिर जम्मू और कश्मीर में माता वैष्णो देवी मंदिर की प्रतिकृति है। यह मानव निर्मित पहाड़ी पर बना है और इस मंदिर के दर्शन के लिए पहाड़ी पर चढ़ना पड़ता है। नवरात्रि उत्सव के दौरान आपको यहां अवश्य जाना चाहिए। त्योहार के सभी नौ दिन यहां बड़े उत्साह के साथ मनाए जाते हैं। पास में ही एक तिरुपति बालाजी मंदिर भी है, जिसे आप इस मंदिर में जाते समय देख सकते हैं।

दादा भगवान मंदिर

अहमदाबाद का ये मंदिर अदालज त्रिमंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ये शहर से करीब 20 किलोमीटर की दूर पर अदलज गांव में है। इसका निर्माण दादा भगवान फाउंडेशन द्वारा किया गया है। यह एक बड़ा दो-मंज़िला मंदिर है जो सफ़ेद संगमरमर से सजाया गया है और इसमें तीर्थंकरों, अजितनाथ भगवान, रुषभदेव भगवान, महावीर भगवान के साथ-साथ शशा देवी, पद्मावती देवी और चक्रेश्वरी देवी की मूर्तियाँ हैं। इसमें सत्संग गतिविधियों के लिए कई कैमरों और प्रोजेक्टर के साथ एक बड़ा हॉल भी है। हॉल की क्षमता 500 से अधिक लोगों की है। यह अपने परिसर में कठपुतली शो का भी आयोजन करता है। इसके अलावा, तीर्थयात्रियों के लिए बुकस्टोर, एसी और बिना एसी वाले कमरे और आयुर्वेद चिकित्सा औषधालय जैसी सुविधाएं भी यहाँ उपलब्ध हैं।

हाथीसिंह मंदिर

यह जैन मंदिर 1848 में बनाया गया था और यह धर्मनाथ (पंद्रहवें जैन तीर्थंकर) को समर्पित है। इसके अलावा, आंगन में 52 उप-मंदिर हैं जो विभिन्न अन्य तीर्थंकरों को समर्पित हैं। तीन बाहरी किनारों पर बड़े उभरे हुए बरामदें हैं, सजाए गए स्तंभ और मूर्तिकला कोष्ठक हैं। सामने के प्रवेश द्वार के पास 78 फीट लंबा महावीर स्तम्भ भी है। दरअसल, कुछ आकृति मुगल काल के सल्तनत मीनारों से प्रेरित हैं।

इस्कॉन मंदिर

अहमदाबाद में इस्कॉन मंदिर आध्यात्मिकता का अनुभव करने के लिए सबसे अच्छी जगह है। ये मंदिर हरे कृष्ण मंदिर के रूप में भी जाना जाता है। इस्कॉन मंदिर बेहद शांति रहती है, जहां आप कुछ देर बैठकर ध्यान कर सकते हैं। यह भक्तों के लिए छात्रावास की सुविधा प्रदान करता है, फूड कोर्ट शुद्ध और स्वादिष्ट शाकाहारी भोजन परोसता है, जिसे प्रसाद कहा जाता है। यहां तक कि मंदिर में भक्तों के लिए बुक स्टॉल, स्मारिका दुकानें और ध्यान हॉल हैं। अपने शांत वातावरण के कारण भगवान कृष्ण के अनुयायी दुनिया भर से यहां आते हैं। ध्यान करते समय शांति और आध्यात्मिकता की तलाश के लिए सही जगह।

स्वामीनारायण मंदिर

अहमदाबाद के कालूपुर क्षेत्र में स्थित, श्री स्वामीनारायण मंदिर (जिसे अक्षरधाम मंदिर भी कहा जाता है) नारायण देव को समर्पित एक मंदिर है। इस भव्य मंदिर का निर्माण वर्ष 1822 में स्वामीनारायण के निर्देश पर किया गया था, जो हिंदू धर्म के स्वामीनारायण संप्रदाय के संस्थापक थे। ज्वलंत रंगों और जटिल नक्काशी से अलंकृत, स्वामीनारायण मंदिर उन्नीसवीं शताब्दी की वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है।