इन 5 देशों में एयरपोर्ट नहीं होने के बावजूद दुनिया के हर कोने से आते है सैलानी, जानें इनके बारे में

जब भी कभी विदेश यात्रा पर जाना हो या लंबी यात्रा का सफ़र तय करना हो तो हवाई सफर पसंद किया जाता हैं। इसके लिए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (हवाईअड्डा) बनाए जाते हैं ताकि एक देश से दूसरे देश में यात्रा के लिए जाया जा सकें। फ्लाइट को सबसे जल्दी पहुंचाने वाले परिवहन और सबसे आरामदायक साधनों में से एक माना जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि दुनिया में कई ऐसे देश भी हैं, जहां एयरपोर्ट नहीं है। इन देशों में खुद का हवाई अड्डा नहीं है और फिर भी यहां दुनिया के कोने-कोने से सैलानी आते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको दुनिया के उन देशों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां एक भी एयरपोर्ट नहीं है और कैसे लोग उस देश तक पहुंचते है। तो आइये जानते हैं इसके बारे में...

लिस्टेंस्टीन

यह भी यूरोप का ही एक देश है, जो ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड के बीच में स्थित है। महज 160 वर्ग किलोमीटर में फैले इस देश में ज्यादातर लोग जर्मन भाषा बोलते हैं। लिस्टेंस्टीन को एक प्राचीन देश के तौर पर जाना जाता है, क्योंकि यहां पाषाण युग से लोगों के निवास करने के प्रमाण मिले हैं। इसके अलावा यह देश इसलिए भी जाना जाता है, क्योंकि यहां एक भी एयरपोर्ट नहीं है, लेकिन यहां पर एक हेलीपोर्ट जरूर है। यहां से नजदीकी एयरपोर्ट स्विट्जरलैंड का ज्यूरिख हवाईअड्डा है। स्विट्जरलैंड में सेंट गैलेन-अलटेनरहेन एयरपोर्ट से पर्यटक लिकटेंस्टीन घूमने के लिए पहुंच सकते हैं। लिकटेंस्टीन पहुंचने के लिए टैक्सी, ट्रेन या नाव ले सकते हैं।

वेटिकन सिटी

वेटिकन सिटी दुनिया का सबसे छोटा देश है। आपको बता दें कि इस खूबसूरत देश का अपना कोई एयरपोर्ट नहीं है। ये रोम के अंदर एक स्वतंत्र राज्य है, जो 109 एकड़ के छोटे से क्षेत्र में फैला हुआ है। वेटिकन सिटी जाने वाले पर्यटकों को पहले रोम में लियोनार्डो दा विंची-फिमिसिनो एयरपोर्ट के लिए अपनी टिकट बुक करानी पड़ती है और फिर वेटिकन सिटी तक पहुंचने के लिए कैब या टैक्सी लेनी पड़ती है। वेटिकन सिटी रोम के एयरपोर्ट से केवल 30 किलोमीटर दूर है। यह देश ही इतना छोटा है कि यहां एयरपोर्ट बनाने की जगह ही नहीं है। यहां का नजदीकी एयरपोर्ट रोम में है। यह ईसाई धर्म के प्रमुख संप्रदाय रोमन कैथोलिक चर्च का केंद्र है और इस संप्रदाय के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप का निवास स्थान यही है।

मोनाको

वेटिकन सिटी के बाद मोनाको दुनिया का दूसरा सबसे छोटा देश है। ये देश तीन तरफ से फ्रांस से घिरा हुआ है, जिसका अपना कोई एयरपोर्ट नहीं है। मोनाको घमने जाने वाले पर्यटकों को फ्रांस के नीस कोटे डी’ज़ूर एयरपोर्ट से नाव या कैब बुक करनी पड़ती है। उसके बाद ही लोग मोनाको पहुंच पाते हैं। फ्रांस के नीस कोटे डी’ज़ूर एयरपोर्ट से मोनाको तक केवल आधे घंटे का समय लगता है। आपको जानकर हैरानी होगी यहां दुनिया के किसी भी देश से ज्यादा प्रतिव्यक्ति करोड़पति हैं, लेकिन इसके बावजूद यह भी हैरान करने वाली बात है कि इस देश में एक भी एयरपोर्ट नहीं है। यहां का नजदीकी एयरपोर्ट फ्रांस में है।

सैन मैरिनो

दुनिया के 5वें सबसे छोटे देश सैन मैरिनो में एक भी एयरपोर्ट नहीं है। यहां आने वाले पर्यटकों को सबसे पहले इटली में फेडेरिको फेलिनी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए टिकट बुक करानी पड़ती है और फिर यहां पहुंचने के लिए कैब या टैक्सी लेनी पड़ती है। इटली और सैन मैरिनो के बीच की दूरी केवल 21 किलोमीटर है, जिसे एक घंटे से भी कम समय में कवर किया जा सकता है। यहां घूमने के लिए बहुत कुछ है। एक बार सैन मैरिनो घूमने का प्लान जरूर बनाएं।

अंडोरा

अंडोरा स्पेन और फ्रांस के बीच की सीमा पर स्थित है। यह खूबसूरत यूरोपीय देश एडवेंचर और प्रकृति से प्यार करने वाले पर्यटकों के लिए स्वर्ग समान है। यूरोप का छठा सबसे छोटा और दुनिया का 16वां सबसे छोटा देश है अंडोरा, जो करीब 468 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। इस देश की जनसंख्या 85,000 के आसपास है। इस देश में एक भी एयरपोर्ट नहीं हैं, लेकिन इनके पास तीन प्राइवेट हैलीपैड जरूर हैं। यहां से सबसे करीबी एयरपोर्ट स्पेन में है, जो इस देश से लगभग 12 किलोमीटर दूर है। हालांकि इसके बावजूद यहां हर साल लाखों की संख्या में लोग घूमने के लिए आते हैं। हालांकि स्पेन और फ्रांस में स्थित 5 एयरपोर्ट से 3 घंटे के अंदर अंडोरा पहुंचा जा सकता है। पर्यटक इनमें से किसी एक एयरपोर्ट के लिए टिकट बुक कर सकते हैं और फिर अंडोरा आसानी से पहुंच सकते हैं।