ये हैं हिमाचल प्रदेश की 12 प्रमुख झीलें, इनकी खूबसूरती जीत लेगी आपका दिल

हिमाचल प्रदेश भारत का एक बेहद ही प्रमुख राज्य है, जो अपनी खूबसूरती, पर्यटन स्थल और अपनी आकर्षक जगहों के लिए जाने जाता है। अपने शांत वातावरण, ठंडे मौसम और मनोरम वादियों एवं प्राकृतिक सौंदर्य के लिए हिमाचल प्रदेश सैलानियों के बीच काफी लोकप्रिय है। हर साल लाखों की तादाद में टूरिस्ट हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशनों को देखने के लिए आते हैं। जिस तरह से यहां शिमला, कुल्लू, धर्मशाला और मनाली फेसम है उसी तरह से यहां की कई झीलें भी विश्व प्रसिद्ध हैं। जी हां, अगर आप हिमाचल प्रदेश घूमने का मन बना रहे हैं तो यहां की खूबसूरत झीलों की सैर जरूर करें। हिमाचल प्रदेश में कई सारी झीलें हैं जो बेहद सुंदर है और आपका दिल जीत लेंगी।

पराशर झील

पराशर झील के बारे में लोगों को ज़्यादा पता नहीं है, इसलिए यह जगह शांत और लोगों की चहल पहल से बिल्कुल दूर है। यह समुद्री तल से 2730 मीटर की ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ की आश्चर्यचकित कर देने वाली खूबसूरती और शांति इस जगह को छोटे स्वर्ग के रूप में निखारती है। पराशर झील के आसपास आपको एक पेड़ नहीं मिलेगा। झील के चारो तरफ हरे हरे घास के मैदान और पास में ही 14वीं शताब्दी का पगोड़ा शैली में बना पराशर ऋषि का अद्भुत मंदिर है। झील के पास के यह हरे हरे घास के मैदान दिसंबर माह में पीले पड़ जाते हैं। झील का सबसे बड़ा रहस्य है इसमें बसा 'टहला'। जी हां टहला, यह झील का एक छोटा सा द्वीप है, जो पूरे साल इसमें टहलता रहता है। आप कभी भी यहाँ चले जाइए, कभी ये आपको झील के इस कोने में दिखेगा तो कभी उस, इसलिए इसे टहला कहा जाता है। पराशर झील के पास स्थापित मंदिर के बारे में कहा जाता है कि, पराशर ऋषि ने इसी मंदिर में तपस्या की थी। यह मंदिर मंडी रियासत के राजा बाणसेन ने बनवाई थी। दिलचस्प बात यह है कि, सालों पहले इस झील के पास एक बहुत बड़ा सा पेड़ हुआ करता था, जिसे बिना काटे, बिना उखाड़े ही काट छांट कर ही इस मंदिर का निर्माण किया गया। है ना यह अद्भुत और दिलचस्प बात।

चंद्रताल झील

चंद्रताल हिमाचल प्रदेश की एक आकर्षक झील है, जो लाहौल-स्पीति जिले के अंतर्गत समुद्र तल से 4250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इस झील का आकार अर्धचांद की तरह है, इसलिए इसका नाम चंद्रताल पड़ा यानी चांद की झील। यह एक साफ पानी की झील है, जिसका पानी शीशे की तरह चमकता है और पूरी तरह प्रदूषण मुक्त है। माना जाता है कि झील का यह क्षेत्र कभी स्पीति और कुल्लू जाने वाले तिब्बत और लद्दाखी व्यापारियों का महत्वपूर्ण स्थल हुआ करता था। लेकिन अब यह झील पूरे विश्व को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां साल भर एडवेंचर के शौकीनों का आवागमन लगा रहता है। इस झील से एक पौराणिक किवदंती भी जुड़ी है, माना जाता है कि यह वो स्थान है जहां भगवान इंद्र के रथ ने युधिष्ठिर को उठाया था, युधिष्ठिर पांच पांडवों में से सबसे बड़े थे। चंद्रताल की यात्रा आपके लिए कई मायनों में खास हो सकती है। यह एक आकर्षक झील है, जिसका चमचमाता पानी पर्यटकों को काफी ज्यादा आनंदित और रोमांचित करता है। यह झील पहाड़ियों और बर्फीली चोटियों से घिरी है, जो आपको काफी ज्यादा उत्साहित करने का काम करेंगी।

डल झील

हिमाचल प्रदेश में स्थित डल झील कांगड़ा जिले में मैकलोडगंज नड्डी रोड पर तोता रानी गांव के पास धर्मशाला से 11 किलोमीटर की दूरी पर है। मैकलोडगंज बाजार से पश्चिम की ओर 2 किमी की दूरी पर जाने पर यह प्रसिद्ध झील दिख जाएगी। यह झील देवदार के हरे- भरे जंगलों के बीच बसी हुई है। इस झील के आसपास बेहद हरियाली है और यहां टूरिस्ट प्रकृति की नैसृगिक खूबसूरती का लुत्फ उठा सकते हैं। यह झील करीब एक हेक्टेयर में फैली हुई है। इस डल झील के तट पर एक प्रसिद्ध शिव मंदिर है। कहा जाता है कि यह मंदिर करीब 200 साल पुराना है। पौराणिक मान्यता है कि दुर्वासा ऋषि ने यहां भगवान शिव से प्रार्थना की थी। हिमाचल प्रदेश में स्थित डल लेक समुद्र तल से 1,775 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

गोबिंद सागर झील

सतलुज नदी पर बने भाखड़ा बांध के पानी से निर्मित एक मानव निर्मित झील है गोबिंद सागर झील। यह झील 170 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है और 90 किलोमीटर लंबी है। गोविन्द सागर झील इस क्षेत्र में सबसे अधिक देखी जाने वाले पर्यटक स्थलों में से एक है जो शांत वातावरण, हिमालयी सुंदरता साहसिक गतिविधियों, मनोरंजन आदि के लिए प्रसिद्ध है। अपने स्थान और हिमालय पर्वतमाला से निकटता के कारण, झील हरे-भरे हरियाली और हर मोड़ पर शांति की आभा से घिरी हुई है। झील प्रकृति प्रेमियों और साहसिक गतिविधियों को पसंद करने वाले लोगों के लिए स्वर्ग के समान है। आप झील के किनारे शांतिप्रिय टाइम बिताने के साथ साथ साहसिक और मनोरंजक एक्टिविटीज को एन्जॉय कर सकते है।

करेरी झील

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में धर्मशाला से लगभग 9 किमी की दूरी पर स्थित एक खूबसूरत झील है करेरी झील। हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध झीलें में से एक के रूप में जाने जानी वाली यह झील उत्तर पश्चिम में धौलाधार श्रेणी में स्थित एक उथली और ताज़ी पानी की झील है। करेरी झील एक प्रमुख दर्शनीय स्थल होने के अलावा धौलाधार रेंज में एक बेहद लोकप्रिय ट्रैकिंग स्थल भी है। बता दे इस झील में पानी बर्फ पिघलने से मिलता है। हिमाचल प्रदेश की यात्रा करने वाले अधिकांश बैकपैकर्स ट्राइंड या इंद्रहार पास सर्किट ट्रेकिंग के लिए आते हैं, यह करेरी झील के लिए एक छोटा ट्रेक है जो शानदार और शांत अनुभव देता है। करेरी झील की एक और खास बात यह है कि यह दिसंबर से मार्च में सर्दियों के महीनों के दौरान बर्फ से जम जाती है जो और अधिक आकर्षक प्रतीत होती है। यही सभी आकर्षण करेरी झील को हिमाचल प्रदेश में घूमने के लिए सबसे अच्छी झीलें में से एक बनाती है।

खज्जियार झील

हिमाचल प्रदेश के चंबल जिले स्थित खज्जियार झील अपनी बेजोड़ सुन्दरता और शांतिप्रिय वातावरण के लिए जानी जाती है। खज्जियार झील से जुड़ी एक और ख़ास बात यह है की साफ और धूप वाले दिन झील के किनारे से कैलाश पर्वत का अद्भुत दृश्य दिखाई देता है जो इस खूबसूरत झील के आकर्षण में चार चाँद लगाने का कार्य करता है। यकीन माने आप जब भी खज्जियार झील घूमने के लिए आयेगें तो आसपास की घाटी और कैलाश पर्वत के विहंगम दृश्य देखकर मंत्रमुग्ध हो उठेगे। इतना ही नही ‘मिनी स्विस’ के नाम से प्रसिद्ध, खज्जियार में आप पैराग्लाइडिंग,कैम्पिंग और घुड़सवारी जैसी एक्टिविटीज भी एन्जॉय कर सकते है।

मणिमहेश झील

हिमाचल प्रदेश की प्रमुख झीलें में शुमार मणिमहेश झील उच्च ऊंचाई वाली झील है। मणिमहेश का शाब्दिक अर्थ है “शिव के आभूषण” यह हिमालय के पीर पंजाल रेंज में मणिमहेश कैलाश चोटी के करीब 4,080 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। झील को हिंदुओं द्वारा बहुत पवित्र माना जाता है क्योंकि यह तिब्बत में पवित्र मानसरोवर झील के करीब है। वर्ष के अधिकांश समय मणिमहेश यात्रा बर्फबारी के कारण बंद रहती है। झील तक पहुँचने के लिए पर्यटकों और तीर्थ यात्रियों को करामाती पहाड़ों और हरियाली के माध्यम से 13 किमी की पैदल दूरी तय करनी होती है। झील एक प्रमुख तीर्थ यात्रा है, जिसे हिंदू कैलेंडर के अनुसार,अगस्त और सितंबर के महीने के दौरान अमावस्या के आठवें दिन किया जाता है जिसे ‘मणिमहेश यात्रा’ के रूप में जाना जाता है। यदि आप अपने फ्रेंड्स या फैमली के साथ घूमने के लिए हिमाचल प्रदेश की प्रसिद्ध झीलें की तलाश में हैं तो आप मणिमहेश झील की यात्रा भी कर सकते है।

नाको झील

नाको झील समुद्र तल से 3,662 मीटर की ऊंचाई पर स्थित हिमाचल प्रदेश की एक और खूबसूरत झील है जिसकी गिनती हिमाचल प्रदेश की सबसे अधिक घूमीं जाने वाली झीलें में की जाती है। बर्फ से ढकी चोटियाँ, चट्टानें और सेब के बाग झील की सुन्दरता के प्रमुख आकर्षण है। झील के चारों ओर विलो और चिनार के पेड़ इस पर आश्चर्यजनक प्रतिबिंब भी बनाते हैं जो देखने में बहुत ही आकर्षक प्रतीत होते है। नाको झील के आसपास देखने के लिए कई पयटक स्थल भी मौजूद है जिन्हें पर्यटक नाको झील की यात्रा में देख सकते है।

रेणुका झील

हिमाचल प्रदेश की खूबसूरत झीलें में शामिल रेणुका झील अपनी प्राचीन सुंदरता और परिवेश के लिए प्रसिद्ध है जो हर साल हजारों पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करती है। रेणुका झील नाहन से लगभग 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक प्राकृतिक झील है जो 3214 मीटर की परिधि को कवर करती है। आपको बता दें कि यह झील महिला के आकार में है इसलिए देवी रेणुका का एक आदर्श माना जाता है। आप जब भी हिमाचल प्रदेश की इस प्रसिद्ध झील की यात्रा पर आयेगें तो झील के सुरम्य वातावरण में अपनी परिवार के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड कर सकते है झील में बोटिंग कर सकते है। इन सबके अलावा यहां पर विभिन्न प्रकार की मछलियाँ और अन्य जलीय जीवों को देख सकते हैं।

रिवालसर झील

हिमाचल प्रदेश राज्य के मंडी में 1360 मीटर की ऊंचाई पर स्थित एक और लोकप्रिय झील है रिवालसर झील जिसे हिमाचल प्रदेश की सबसे अधिक घूमें जाने वाली झीलें में से एक माना जाता है। हिमाचल प्रदेश की इस खूबसूरत झील को त्सो पेमा लोटस झील के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा कहा जाता है कि रिवालसर के छोटे से शहर से गुरु पसमासम्भव ने तिब्बत में महायान बौद्ध धर्म का प्रसार किया। इसीलिए इस झील को हिंदुओं और बौद्धों के बीच पवित्र स्थल माना जाता है। जगमगाता नीला पानी इस जगह के बारे में एक अद्भुत आभा पैदा करता है जो इसे देखने लायक जगह बनाता है।

सूरज ताल झील

सूरज ताल झील को भारत की तीसरी सबसे बड़ी झील के रूप में जाना जाता है। यह समुद्र तल से 4950 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। स्पीति घाटी में स्थित सूरज ताल झील का शाब्दिक अर्थ है, 'सूर्य देवता की झील'। बारालाचा दर्रे के ठीक नीचे इस तेजस्वी झील को देखने के लिए आपको जरुर जाना चाहिए। यह जगह प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफरों के लिए स्वर्ग के समान है। इस झील को लेकर ऐसी मान्यता है कि यहाँ डुबकी लगाने से पापों का नाश होता है यही मान्यता हर साल हजारों पर्यटकों और श्रधालुयों को यहाँ खिचे आने पर मजबूर कर देती है। हिमाचल प्रदेश की लोकप्रिय झीले में शामिल सूरज ताल झील ट्रेकर्स और बाइकर्स के बीच भी काफी पॉपुलर है।

भृगु झील

भृगु झील हिमाचल प्रदेश की प्रमुख झीलें में से एक के रूप में मान्यता प्राप्त है। भृगु झील कुल्लू जिले में रोहतांग दर्रे के पूर्व में लगभग 4,235 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। कहते है कि महान हिंदू ऋषि भृगु ने यहां तपस्या की थी जिसके बाद इस झील को भृगु झील के नाम से जाना जाने लगा। आप मई से अक्टूबर तक इस झील की सैर कर सकते हैं। जबकि बाकी के लगभग 6 महीने यह झील बर्फ से जमी रहती है। हिमाचल प्रदेश की यह प्रसिद्ध झील ट्रेकर्स के लिए भी पॉपुलर ट्रेकिंग स्पॉट के रूप में कार्य करती है। क्योंकि यह क्षेत्र का सुंदर दृश्य प्रस्तुत करता है जिन्हें पर्यटक ट्रेकिंग के दौरान देख सकते है।