क्या आप भी हैं जोड़ों के दर्द से परेशान, इन योगासन के अभ्यास से मिलेगा आपको आराम

उम्र बढ़ने के साथ ही व्यक्ति का शरीर भी साथ देना छोड़ देता हैं जिसकी वजह से कई तरह की शारीरिक परेशानियां सामने आने लगती हैं। खासतौर से उम्र बढ़ने के साथ ऑस्टियोपोरोसिस, आर्थराइटिस जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं जिसमें असहनीय जोड़ों के दर्द का सामना करना पड़ता हैं एवं उठने-बैठने में भी परेशानी होती हैं। हांलाकि आजकल युवाओं में भी जोड़ों में दर्द की समस्या आम हो चली हैं। ऐसे में जोड़ों के दर्द की समस्या को रोजाना योगासन करके दूर किया जा सकता है। आज इस कड़ी में हम आपको उन आसनों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें करने से दर्द में जल्द लाभ मिलता है। तो आइये जानते हैं इन इन योगासन के बारे में...

वीरभद्रासन

अपने पैरों को लगभग 3-4 फीट अलग करके सीधे खड़े हो जाएं। अपने दाहिने पैर को 90 डिग्री बाहर की ओर मोड़ें। दोनों हाथों को बगल की ओर उठाएं और हथेलियों को नीचे की ओर रखते हुए जमीन के समानांतर रखें। सांस छोड़ें और दाहिने घुटने को मोड़ें। अपने आप को संतुलित करें। सांस छोड़ें और हाथों को नीचे की ओर लाएं। बाईं ओर भी यही दोहराएं। इससे जोड़ों के दर्द में आराम मिलेगा।

मलासन

मलासन यानि मल त्यागने की स्थिति में बैठना। यह आसन न केवल जोड़ों के दर्द को दूर करने में उपयोगी है बल्कि इससे ओस्टियोआर्थराइटिस जैसी समस्या में भी लाभ मिल सकता है। सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को खोलें और प्रार्थना की मुद्रा बनाएं।इस दौरान आपके हाथ सीने के पास होने चाहिए। अब धीरे-धीरे नीचे बैठें और मल त्यागने जैसी मुद्रा बनाएं। इस स्थिति में लंबी गहरी सांस छोड़ते रहे। आपकी दोनों जांघें 90 डिग्री के एंगल पर होनी चाहिए लेकिन शुरुआत में आप जितना बैठ पा रहे हैं केवल अपना ही बैठें। अब कुछ सेकेंड बाद फिर से पुरानी स्थिति में आ जाएं।

शवासन

शव अर्थात मुर्दा, शरीर को मुर्दे समान बना लेने के कारण ही इस आसन को शवासन कहते हैं। इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेटकर दोनों पैरों को आराम से फैला लें। अपने पैरों के पंजों को बाहर और एड़ियों को अंदर की ओर रखें। अपने दोनों हाथों को शरीर से करीब 6 इंच की दूरी पर रखें। अपनी हाथों की अंगुलियां मुड़ी हुई, गर्दन सीधी रखें। इस आसन को करते समय अपनी आंखो को बंद रखें।

धनुरासन

अपने पेट के बल लेट जाएं, पैरों को से अलग करें और हाथों को बगल में रखें। अपने घुटनों को मोड़ें, अपने पैरों को मोड़ें और टखनों को पकड़ने के लिए अपने हाथों को अपने पीछे फैलाएं। सांस भरते हुए अपनी छाती को जमीन से ऊपर उठाएं। इस मुद्रा में रहें और सामान्य रूप से सांस लें। सांस छोड़ें और धीरे से अपने टखनों को छोड़ दें। अपने पैरों, हाथ और छाती को लेटने की स्थिति में लाएं और आराम करें।

उत्तानासन

उत्तानासन को अगर नियमित रूप से किया जाए तो ना केवल जोड़ो के दर्द से राहत मिलेगी बल्कि कूल्हे की हड्डी, पिंडलियां और घुटनों की मांसपेशियों में मजबूती भी आएगी। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। उसके बाद कूल्हों के जोड़ों को झुकाने की कोशिश करें। इस दौरान ध्यान रहे कि आपकी कमर के जोड़ नहीं झुकने चाहिए। झुकते वक्त अपनी सांस छोड़ें और अपनी उंगलियों को जमीन पर टिकाने की कोशिश करें। शुरुआत में अगर आप पूरे हाथ को जमीन पर नहीं टिका पा रहे हैं तो आप केवल उंगलियों को टीका सकते हैं। गहरी लंबी सांस लेते रहे और अपने सिर को घुटनो के नीचे टच करने की कोशिश करें। इस स्थिति में तकरीबन 30 से 40 सेकेंड तक रहें। इस दौरान आपकी पीठ और टांगें दोनों एकदम सीधी होनी चाहिए। पुरानी स्थिति में आने के लिए सबसे पहले सांस अंदर ले और उसके बाद अपने पीठ को सीधा करें। फिर से सीधे खड़े हो जाएं।

सेतुबंधासन

सेतुबंधासन के अभ्यास के लिए पीठ के बल लेट जाएं और अपने हाथों को शरीर के बगल में रखें। अब हथेली को जमीन से सटाकर रखें और घुटने मोड़ें ताकि पैर के तलवे जमीन से लग जाएं। अब आप सेतुबंधासन की प्रारंभिक स्थिति में हैं। अब धीरे-धीरे सांस लेते हुए अपने कमर को जितना हो सके ऊपर उठाएं, जिससे आपका शरीर एक सेतु यानी पुल का आकार में आ जाए। अब इस स्थिति में सामान्य रूप से सांस लें और छोड़ें। 10 से 30 सेकेंड तक इसी मुद्रा में बने रहें। अब सांस छोड़ते हुए अपने कमर को वापस जमीन पर लाएं और आराम के लिए वापस शवासन के मुद्रा में आ जाएं।

बालासन

घुटनों के बल एक साथ घुटने टेकें, और अपनी एड़ी पर बैठें। एक गहरी सांस लें, अपनी बाहों को फैलाएं, आगे झुकें और अपने माथे को नीचे करें। इसे करते समय, सुनिश्चित करें कि आप अभी भी बैठने की स्थिति में हैं और आपका शरीर जमीन से नहीं उठा है। कुछ देर इसी मुद्रा में रहें और सामान्य रूप से सांस लें। धीरे-धीरे, अपनी बाहों को आराम दें और बैठने की स्थिति में वापस आ जाएं।

त्रिकोणासन

त्रिकोणासन यानि तीन कोणों वाला आसन। इस आसन को करने से न केवल पैरों की अकड़न दूर हो सकती है बल्कि यह घुटने के दर्द से राहत और जोड़ों में मजबूती भी बनाएं रख सकता है। सबसे पहले आप ताड़ासन की स्थिति में खड़े हो जाएं। फिर अपने दोनों पैरों के बीच में कुछ दूरी बनाएं और इस दौरान लंबी गहरी सांस लेते रहें। अपने शरीर को दाएं तरफ झुकाएं और दाएं हाथ को पंजे के पास जमीन पर टिकाएं। ध्यान रहे इस दौरान आपके घुटने नहीं मुड़ने चाहिए। आप अपने बाएं हाथ को ऊपर की तरफ कान की सीध में रखें और अपनी नजरों को बाएं हाथ की उंगलियों पर रखें। कुछ सेकेंड तक इस मुद्रा में खड़े रहे और उसके बाद यही प्रक्रिया दूसरी तरफ से दोहराएं।