पाइल्स, जिसे बवासीर या होमोरोइड्स भी कहा जाता है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें गुदा और मलाशय की नसों में सूजन और जलन हो जाती है, जिससे दर्दनाक मस्से बनते हैं। यह बीमारी दो प्रकार की होती है: आंतरिक बवासीर, जिसमें गांठ मलाशय के अंदर बनती है और बाहरी बवासीर, जिसमें मस्से मलाशय के बाहर त्वचा के नीचे होते हैं। पाइल्स के कारण आमतौर पर कब्ज, गर्भावस्था, मोटापा, लंबा समय तक बैठे रहना, फाइबर की कमी, या पानी की कमी होती है। अगर आप भी पाइल्स से परेशान हैं, तो इन दो योगासनों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें, जो राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं।
उत्तानासन (Standing Forward Bend)उत्तानासन से हैमस्ट्रिंग, पिंडलियों और रीढ़ की हड्डी की खिचाव होता है और यह मलाशय में रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है। इस आसन से ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होता है, जो पाइल्स के इलाज में मदद करता है।
कैसे करें उत्तानासन:- सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं और लंबी सांस लें।
- फिर सांस छोड़ते हुए, शरीर को आगे की ओर झुका कर हाथों से जमीन को छुएं।
- हाथों को नीचे जमीन पर रखते हुए पैरों के अंगूठों को छूने की कोशिश करें। इस दौरान घुटनों को सीधा रखें।
- कुछ सेकंड्स तक इस अवस्था में बने रहें, फिर धीरे-धीरे हाथ ऊपर उठाते हुए सामान्य स्थिति में लौट आएं।
बाउंड एंगल पोज (Bound Angle Pose)यह आसन आंतरिक जांघों को मजबूत करता है और शरीर के निचले हिस्से की लचीलापन को बढ़ाता है। यह पाइल्स से राहत पाने में भी सहायक है, क्योंकि यह मलाशय में रक्त प्रवाह को बेहतर करता है और आंतरिक अंगों को उत्तेजित करता है। कैसे करें बाउंड एंगल पोज:
- सबसे पहले एक कंबल पर बैठ जाएं और अपनी पीठ को सीधा रखें।
- पैरों के तलवों को एक दूसरे से छूते हुए घुटनों को बाहर की तरफ फैलाएं।
- उंगलियों से पैरों के अंगूठे को पकड़ें और हल्का फैलाएं।
- इस स्थिति में लगभग एक मिनट तक बने रहें और फिर धीरे-धीरे शरीर को ढीला छोड़ दें।
इन योगासनों को नियमित रूप से करने से पाइल्स की समस्या में राहत मिल सकती है और साथ ही शरीर में लचीलापन भी बढ़ता है।
Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और पेशेवर चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।