वर्तमान समय में वर्क फ्रॉम होम को तवज्जो दी जा रही हैं जिसमें लोग अपने घर पर ही घंटों कुर्सी के सामने बैठ ऑनलाइन काम कर रहे हैं। इस दौरान कई लोगों को आराम ना मिल पाने की वजह से कंधे के दर्द का सामना करना पड़ रहा हैं। घंटों कुर्सी के सामने बिताने की वजह से यह परेशानी पनप रही हैं। कंधे का यह दर्द कई बार आसानी से चला जाता हैं जबकि कई बार इसे कई दिन लग जाते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे आसन की जानकारी देने जा रहे हैं जिनकी मदद से कंधे के दर्द से छुटकारा पाया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन आसन के बारे में।
ताड़ासनसबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं और अपने दोनों हाथों को ऊपर की तरफ लेकर जाएं। अपने दोनों हाथों की उंगलियों को एक दूसरे के साथ मिलाएं और अपनी हथेलियों को आसमान की तरफ रखें। अपनी बॉडी को ऊपर की तरफ स्ट्रेच करने की कोशिश करें। इस दौरान आपका सिर भी ऊपर की तरफ होना चाहिए और आपकी नजरें हाथों पर होनी चाहिए। इस स्थिति में कम से कम 20 से 30 सेकंड तक रहें और उसके बाद अपने हाथों को नीचे की लेकर जाएं। अपने दोनों हाथों को पीछे की तरफ मिलाएं और अपने पूरे शरीर को आगे की तरफ झुकाएं। जैसे-जैसे आपका शरीर आगे की तरफ जाएगा वैसे-वैसे आपके दोनों हाथ ऊपर की तरफ उठते चले जाएंगे। अब अपने सर को पैरों से छुबाने की कोशिश करें और अपने हाथों को आगे की तरफ लेकर जाएं। इस दौरान अपने हाथों पर ज्यादा जोर ना दें। अब फिर से पुरानी स्थिति में आएं और अपने हाथों और शरीर को हल्का छोड़ दें।
भुजंगासनअपने पेट के बल लेट जाएं। हथेलियां छाती के समीप रखें, अपनी छाती को धीमे -धीमे उठाएं, इस मुद्रा में कोहनी हल्की-सी मुड़ी रहती है यानी हाथ पूरी तरह से सीधे नहीं रहते हैं। इस दौरान ध्यान रहे कि सिर से लेकर पेट के निचले हिस्से को हवा में उठाना है जबकि कमर से नीचे का हिस्सा जमीन पर ही रहना चाहिए। पैरों के पंजे जमीन को छूते रहने चाहिए। पीठ जितनी आराम से मुड़ सके, सिर्फ उतनी ही मोड़ें। चेहरा ऊपर छत की ओर नहीं बल्कि सामने की ओर रहना चाहिए। इस दौरान कुल मिलाकर पांच बार सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप इस आसन को 30 से 60 सेकेंड तक के लिए कर सकें। धीरे-धीरे जैसे आपके शरीर में लचीलापन बढ़ने लगेगा, आप समय बढ़ा सकते हैं लेकिन 90 सेकेंड से ज्यादा इस आसन को ना करें। इस प्रक्रिया को कुल चार बार करें।
उत्तानासनसीधे खड़े हो जाएं। सांस छोड़ते हुए कूल्हे के जोड़ों से झुकना शुरू करें। याद रहे कि पैर एकदम सीधे रहने चाहिए। यदि आपके शरीर में इतना लचीलापन है कि आप इस मुद्रा में अपनी हथेली को जमीन पर टिका सकते हैं तो बेहतर रहेगा, अन्यथा आपसे जितना झुकते बन रहा हो सिर्फ उतना ही झुकें क्योंकि जबरदस्ती हथेली को जमीन पर टिकाने से आपकी हॅम्स्ट्रिंग में चोट लग सकती है। आसन में रहते हुए सांस बिल्कुल ना रोकें। सांस अंदर लेते हुए धड़ को उठाएं, लेकिन अपने कूल्हे के जोड़ों से ही वापिस सीधा खड़े होने की कोशिश करें। पूरी प्रक्रिया में पैरों को सीधा रखें। कुल मिलाकर पांच बार सांस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। शरीर में जैसे-जैसे लचीलापन आने लगेगा, आप हथेली को जमीन तक आसानी से ले जा पाने में सक्षम हो जाएंगे। इस प्रक्रिया को चार बार दोहराएं।
सुखासनसबसे पहले जमीन पर योगा मैट बिछाएं और उस पर दोनों पैरों को क्रॉस करके बैठ जाएं। अब अपने हाथों को जांघों पर रखें और पूरे शरीर को हल्का छोड़ दें। अब अपनी गर्दन को आगे की तरफ झुकाएं और अपनी ठोड़ी को छाती से टच करवाएं। अब अपनी गर्दन को दाएं तरफ झुकाएं और अपने दाएं कान को दाएं कंधे पर टच करने की कोशिश करें। इस दौरान आपका कंधा ऊपर की तरफ नहीं उठना चाहिए। अब अपनी पुरानी स्थिति में आ जाएं और इसी प्रक्रिया को बाएं तरफ से करें। अपने बाएं कान को बाएं कंधे पर टच करने की कोशिश करें। उसके बाद अपनी गर्दन को पीछे की तरफ लेकर आएं और अपनी नजरों को आसमान की तरफ रखें। फिर से पुरानी स्थिति में आ जाएं। इस आसन के दौरान गर्दन और कंधे पर ज्यादा जोर ना डालें।
अपानासनपीठ के बल लेट जाएं। अब दोनों घुटने को छाती के पास लाने की कोशिश करें (जितना संभव हो सके)। हाथो से दोनों घुटनों को पकड़ें, ताकि पैर हिलने ना पाए। घुटने मोड़ते वक्त कंधे या सिर को न उठाएं। सांस निकालते हुए अपने पैरों और बाहों को छोड़ें ताकि प्रारंभिक स्थिति में वापिस लौट सकें। एक मिनट के लिए कम से कम आराम करें। इस प्रक्रिया को आठ बार दोहराएं।
शवासनपीठ के बल लेट जाएं। इस दौरान हाथ शरीर से जरा-सा दूर रहेंगे और हथेलियां ऊपर छत की ओर रहेगी। दोनों पैरो में करीब दो फुट का फासला कर लें और शरीर को एकदम ढीला रखें। आंखें बंद रखिए ताकि आप रिलैक्स महसूस करें। ध्यान रहे इस दौरान सोना नहीं है। बस संपूर्ण शरीर और दिमाग को आराम देना है। कोशिश करें कि आपकी श्वास एकदम शांत और धीमी हो जाए। जितनी श्वास शांत और धीमी हो जाएगी, उतना आप रिलैक्स महसूस करेंगे। शवासन में 5 से 10 मिनट तक रहें। शवासन से बहार निकलने के लिए सांस पर ध्यान केंद्रित करें। धीमे से पैरों और हाथों की उंगलियों को हिलाना शुरू करें, फिर कलाइयों को घुमाएं। अब हाथ ऊपर उठाकर पूरे शरीर को स्ट्रेच करें और धीरे से उठ कर बैठ जाएं।