पुरुषों में प्राकृतिक तौर पर इनफर्टिलिटी की समस्या दूर करेंगे ये 9 योगासन

वर्तमान समय की बिगड़ी हुई लाइफस्टाइल और खानपान में लापरवाही की वजह से इंसान स्ट्रेस या डिप्रेशन का शिकार होते जा रहे हैं जिसका पुरुषों की फर्टिलिटी पर बुरा प्रभाव पड़ रहा हैं। कई गलत आदतें पुरुषों में इनफर्टिलिटी और कम स्पर्म काउंट की चिंता को बढ़ाते हैं। स्पर्म काउंट की क्वालिटी गिरने से पिता बनने की चाहत पूरी नहीं हो पाती हैं। इसके लिए पुरुष कई तरह की दवाओं का इस्तेमाल करते हुए नजर आते हैं लेकिन वे ओतने प्रभावी नहीं होते हैं और इसके साइड इफ़ेक्ट भी देखने को मिलते हैं। ऐसे में अगर आप प्राकृतिक तौर पर इनफर्टिलिटी की समस्या दूर करना चाहते हैं तो योगासन की मदद ले सकते हैं जो कि प्रभावी प्राकृतिक उपचार में से एक है। आज हम आपको कुछ ऐसे योगासन की जानकारी देने जा रहे हैं जो पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या दूर करेंगे। आइये जानते हैं इन योगासन के बारे में...

सूर्य नमस्कार

सूर्य नमस्कार के फायदे कई हैं। लेकिन फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए ये खास तरीके से काम करता है। ये पहले तो मानसिक शांति पाने में मदद करता है और स्ट्रेस में कमी ला कर नींद को बेहतर बनाता है। दूसरा ये पीरियड्स के पहले और दौरन ऐंठन के प्रबंधन के लिए एक प्रसिद्ध उपाय है और मेनोपॉज के अंत में भी फायदेमंद है। साथ ही ये गर्भाशय को बेहतर बनाने में भी मददगार है। इसके अलावा ये पुरुषों के शरीर में यौन कार्यों में सुधार करता है। यौन ग्रंथियों के खराब होने से संबंधित किसी भी आंतरिक दोष को दूर करता है।

धनुरासन

इस योगासन को कोई भी कर सकता है, लेकिन जिन पुरुषों में इनफर्टिलिटी की प्रॉब्लम हो गई हो, उन्हें इस योगासन को जरूर करना चाहिए। माना जाता है कि योग की इस मुद्रा से स्पर्म की क्वालिटी में सुधार आता है। स्पर्म की क्वालिटी में सुधार आने पर फर्टिलिटी को लेकर पॉजिटिविटी आने लगती है। इस आसन को करने के लिए सबसे पहले उल्टा लेट जाएं और अपनी ठुड्डी को नीचे टीका दें। फिर दोनों पैरों को मिलाएं और सीधे रहें। इसके बाद अपने पैरों को मोड़ते हुए पीछे लाएं और अपने हाथों से एंकल को पकड़ने की कोशिश करें। फिर अपने दोनों पैरों को खींचे जिसका आपका बॉडी उठेगी और सारा वेट आपके पेट पर आ जाएगा। इस आसन को करीब 10 बार करें।

सर्वांगासन

सर्वांगासन को शोल्डर स्टैंड भी कहा जाता है। जैसा कि नाम से स्पष्ट है इसमें शरीर के सभी अंगों का व्यायाम शामिल होता है। सर्वांगासन शरीर मे थायरॉइड ग्रंथियों को उत्तेजित करता है और शरीर को मजबूत करता है। इसलिए इसे फर्टिलिटी बढ़ाने वाले योग में शामिल किया गया है। सबसे पहले पीठ के बल पैरों को एक साथ मिला कर लेटें। पंजों को जमीन पर हथेलियों की तरफ से टिकाइए। अब बाहें शरीर के समानांतर तान कर रखें। दोनों पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं। तलवों को आकाश की ओर ऊपर करके जांघों तथा टांगों को सीधी रखें। सांस बाहर करें और टांगों को चेहरे की तरफ झुकाइए। याद रखें कि इस दौरान जांघ, घुटना और टांग बिल्कुल सीधी हो। हाथ से कमर की हड्डी को पकड़े रहें। अब पीठ को थोड़ा और ऊपर उठाएं।

कुम्भक आसन

यह आसन बस बेसिक प्लैंक पोज है जो आपकी पेट की मांसपेशियों को टोन करने और पेट की चर्बी को जलाने में मदद करता है। लेकिन, साथ ही साथ स्पर्म काउंट में सुधार करता है और आपकी फर्टिलिटी पर सकारात्मक प्रभाव डालता है। सबसे पहले अपने पेट के बल लेट जाएं। अपनी हथेलियों को अपनी छाती के पास रखें। अब अपने शरीर के वजन को अपनी हथेलियों और पैर की अँगुलियों से बैलेंस करते हुए उठाएं। इस पोजीशन में कम से कम एक मिनट तक रहें। दिन में 2 से 3 बार इसे दोहराएं।

पद्मासन

ये एक आसान योग मुद्रा है, जिसे बच्चे से लेकर बूढ़े तक कर सकते हैं। पुरुषों के लिए बात की जाए, तो मेंटल स्ट्रेस की वजह से उनका स्पर्म काउंट और क्वालिटी तेजी से बिगड़ने लगते हैं। ऐसे में उन्हें इस योगासन को नियमित रूप से करना चाहिए, क्योंकि ये ऐसी योग मुद्रा है, जो दिमाग को शांत करती है और शरीर को आराम देती है। पद्मासन जैसी ध्यान मुद्रा में बैठ जाएं और अपनी पीठ को सीधा रखें। अपने अंगूठे और अनामिका उंगली को एक दूसरे से धीरे से छूने दें। अपनी बाकी उंगलियों को सीधा करें। अपनी हथेलियों के पिछले हिस्से को अपने घुटनों पर रखें। अपनी आंखें बंद करें और अपना ध्यान अपनी सांसों पर केंद्रित करें।

हलासन

यह पेल्विक क्षेत्र में ब्लड सर्क्युलेशन और फर्टिलिटी पावर को बढ़ाता है। इससे महिलाओं के गर्भाशय के विकार, मासिक धर्म आदि की समस्याएं दूर होती हैं। हलासन से हर्निया, डायबिटीज रोग, किडनी, पेट की समस्याओं में भी बहुत लाभदायक होता है। जमीन पर पीठ के बल लेट जाएं। बाहें शरीर के समानांतर सीधी फैलाएं। हथेलियां जमीन से सटी हुई होनी चाहिए। अब सांस लेकर हथेलियों से जमीन को दबाते हुए दोनों टांगों की एड़ियों व पंजों को मिलते हुए टांगों को सीधी ऊपर उठाइए। पहले टांगों को सीधी रेखा में आकाश की ओर कीजिए। फिर कोहनियों को जमीन पर टिकाते हुए कमर पकड़कर कमर उठाते हुए टांगों को चेहरे की ओर झुकाते हुए पीठ भी उठाते जाएं। अब बाहों को मोड़कर हथेलियों को तकिए की तरह सिर के नीचे रखें। ध्यान रखें कि सांस की गति सामान्य हो।

सेतुबंधासन

यह एक बेहतरीन आसन है जो पेल्विक ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है और स्पर्म काउंट बढ़ाने में मदद करता है। जमीन पर अपनी पीठ के बल सीधा लेट जाएं। अपने पैरों को मोड़ें और एड़ी को जितना हो सके कूल्हे के करीब ले जाएं। अपने पेल्विस को जमीन से ऊपर उठाएं, अपने कंधों को और पीठ को जमीन पर टिकाकर रखें। आराम से सांस लेते हुए 10 सेकंड तक के लिए इस पोजीशन में बने रहें। दस सेकंड के बाद, अपने कूल्हों को धीरे-धीरे नीचे करें जैसे कि आपकी रीढ़ धीरे से ऊपरी कमर से शुरू होते हुए जमीन को छूती है। अपने कूल्हों को सीधे जमीन पर न रखें। इस आसन को 2 से 3 बार दोहराएं।

पादहस्तासन

इस फर्टिलिटी बढ़ाने वाले योग में हाथों से पांवों को झुककर पकड़ा जाता है, इसलिए इसे ‘पादहस्तासन’ कहा जाता है। जमीन पर बैठ जाएं। दोनों पांवों को एड़ियों से मिलाकर तानिए और कमर से झुककर हाथों को आगे ताने हुए पैरों के अंगूठों को पकड़िए। अब खड़े हो जाएं। हाथों को ऊपर तानिए। हथेलियों को सामने की ओर खुली रखिए। आपकी उंगलियां एक-दूसरे से लगी हों। रेचक करते हुए सामने की ओर झुकें। दोनों हाथों से पैरों के अंगूठों को पकड़ें। इसे दुहराते रहें। जब अभ्यास हो जाए तो सिर को दोनों बाहों के बीच से घुटनों की तरफ झुकाते हुए नाक घुटने से लगाइए। 20-30 सेकंड तक आसन में रहें और सामान्य सांसें लें। फिर धीरे-धीरे सांस लेते हुए आसन से बाहर आएं और धीरे-धीरे सामान्य अवस्था मे खड़े हों।

अर्ध मत्स्येन्द्रासन

यह मुद्रा स्पर्म काउंट और स्पर्म मोबिलिटी को बढ़ाती है। यह कमर और पीठ के निचले हिस्से के लिए एक बेहतरीन व्यायाम है। बैठते समय अपने पैरों को सीधा रखें। अपने दाएं पैर को उठाएं और इसे बाएं घुटने के बाईं ओर रखें। अपने शरीर को दाईं ओर मोड़ें और अपने बाएं हाथ से अपने दाएं टखने को पकड़ें। अपने दाएं हाथ को अपनी पीठ के पीछे मोड़ें। अपनी बाँह को ज्यादा से ज्यादा पीछे ले जाने का प्रयास जितना आपका शरीर इसे करने में सक्षम हो। जब तक आप इस पोजीशन में रह सकते हैं तब तक रहें। आप इस आसन को दोनों साइड से 2 से 4 बार दोहराएं।