देसी घी न सिर्फ खाने का ही स्वाद नहीं बढ़ाता बल्कि इसका सेवन सेहत को फायदा पहुंचाता है। आयुर्वेद में घी को किसी दवा से कम नहीं माना गया है। गर्मी हो या सर्दी, दोनों ही मौसम में इसका सेवन करने से व्यक्ति को सेहत से जुड़े कई लाभ मिलते हैं। घी में विटामिन, कैल्शियम, फॉस्फोरस, मिनरल, पोटैशियम, विटामिन-ए, ओमेगा-3 फैटी एसिड और संयुग्मित लिनोलिक एसिड जैसे कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। घी आंत की सूजन को कम करके दिल को सेहतमंद बनाए रखने में भी मदद कर सकता है। देसी घी आपकी त्वचा, बालों, पाचन और दिल की सेहत के लिए भी अच्छा है। आपने मार्केट में दो तरह के घी देखें होंगे, एक जिसका रंग सफेद होता है और दूसरा जिसका रंग पीला होता है। ऐसे में हर किसी के दिमाग में एक ही सवाल उठता है कि दोनों में से कौन का घी सेहत के लिए फायदेमंद साबित होता है। ऐसे में सबसे पहले यह जानना जरुरी है कि सफेद घी भैंस के दूध से बनता है, पीला घी गाय के दूध से बनता है।
सफेद घी की खास बातेंपीले घी की तुलना में सफेद घी में फैट की मात्रा अधिक होती है। एह घी भैंस के दूध से तैयार किया जाता है। इसमें वसा की मात्रा अधिक होने के कारण इसे लंबे समय तक सुरक्षित करके रखा जा सकता है। इसके सेवन से हड्डियां मजबूत बनती है साथ ही सफेद घी वजन बढ़ाने और हृदय की मांसपेशियों की गतिविधि को सुचारू रूप से चलाने में मदद करता है। सफेद घी मैग्नीशियम, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे तत्वों से भरपूर होता होता है।
पीले घी की खास बातें अब बात करते है पीले घी की। यह घी गाय के दूध से तैयार किया जाता है। गाय के दूध में A2 प्रोटीन होता है, जो भैंस के दूध में नहीं होता है। A2 प्रोटीन सिर्फ गाय के घी में ही मिलता है। गाय के घी में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, खनिज, कैल्शियम, विटामिन होते हैं। गाय के दूध से तैयार यह घी के सेवन से वजन घटाने में मदद मिलती है। यह घी डाइजेस्ट भी आसानी से हो जाता है। गाय का घी हृदय को सुचारू रूप से चलने में मदद करता है। साथ ही इसके सेवन से खतरनाक ब्लड कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है।
दोनों में से कौन सा बेहतरअब सवाल उठता है कि दोनों में कौन सा घी बेहतर है या ज्यादा फायदेमंद है। तो आपको बता दे दोनों का सेवन ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होता है। हालाकि, भैंस के घी की तुलना में गाय के घी को ज्यादा अच्छा समझा जाता है। गाय का घी बेहतर होता है क्योंकि इसमें कैरोटीन विटामिन ए होता है, जो आंख और मस्तिष्क के कार्य के लिए अच्छामाना जाता है। गाय का घी पाचन के लिए अच्छा होता है और इसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
भैंस के दूध वाले घी में गाय के घी की तुलना में अधिक वसा और कैलोरी होती है। यह सर्दी, खांसी और कफ जैसी समस्याओं और जोड़ों के दर्द को ठीक रखने में भी मदद करता है और उम्र बढ़ने के प्रभाव को कम करता है।
देसी घी के फायदे को कर देगी डबल ये चीजेंयहां, हमने यह तो समझ लिया कि सफेद घी और पीले घी में अंतर क्या है और दोनों में से ज्यादा फायदा किसके सेवन से है तो अब हम आपको बताते है कुछ ऐसी चीजों के बारे में जिन्हें अगर आप घी से साथ मिलाकर सेवन करेंगे तो आपको डबल फायदा मिलेगा। तो चलिए जानते है उन चीजों के बारे में...
दालचीनीदालचीनी के सेवन से पाचनतंत्र संबंधी विकार, दांत, व सिर दर्द, चर्म रोग, मासिक धर्म की परेशानियां ठीक की जा सकती हैं। इसके साथ ही दस्त, और टीबी में भी इसके प्रयोग से लाभ मिलता है। दालचीनी में एंटी-वायरल और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो ब्लड शुगर को कंट्रोल करके पेट की समस्याओं में भी राहत देते हैं। घी में दालचीनी मिलाकर उसे और हेल्दी बनाया जा सकता है। इसके लिए आप सबसे पहले एक पैन में घी डालें। उसमें 2 दालचीनी की स्टिक डालें। मीडियम आंच पर घी को 4-5 मिनट तक गर्म करके इसे पूरी तरह से ठंडा होने दें। ऐसा करने से घी में दालचीनी के स्वाद और गुण आ जाएंगे।
काली मिर्चकाली मिर्च में कई तरह के औषधीय गुण पाए जाते हैं, जिससे कई रोगों को दूर रखा जा सकता है। साथ ही कई रोगों के इलाज में मदद मिल सकती है। इसमें मुख्य रूप से एंटी-फ्लैटुलेंस, ड्यूरेटिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, डाइजेस्टिव, मैमोरी इनहेंसर और पेन रिविलर गुण पाए जाते हैं। घी में काली मिर्च मिलाकर सेवन करने से भूख न लगना, सांस की दिक्कत, खांसी जैसी समस्याओं में निजात मिलती है। काली मिर्च पेट में हाइड्रोक्लोरिक एसिड बनाती है जो पाचन क्रिया में मदद करता है। घी में काली मिर्च के गुण लाने के लिए इसका पाउडर 5 मिनट तक घी में डालकर गर्म करें। इसके बाद घी को ठंडा करके एयरटाइट डिब्बे में छानकर रख लें।
लहसुनलहसुन (Garlic) सदियों से भारतीय रसोई का हिस्सा रहा है। लहसुन मैंगनीज सेलेनियम विटामिन सी विटामिन बी 6 एलिसिन और अन्य एंटीऑक्सिडेंट विटामिन और मिनरल्स से भरा हुआ है। ये सभी पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए बेहद लाभकारी हैं। लहसुन हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। घी में लहसुन मिलाने से वह और खुशबूदार और टेस्टी हो जाता है। घी में लहसुन के गुण लाने के लिए एक कड़ाही में कटी हुई लहसुन की कली के साथ थोड़ा सा घी डालकर धीमी आंच पर 4 से 5 मिनट तक पकाएं। घी गर्म होने पर गैस बंद करके कढ़ाई को थोड़ी देर ढक्कन से ढक दें। इसके बाद इसे एक कांच की बोतल में छानकर भर लें।
तुलसीतुलसी के पौधे का जितना महत्व धार्मिक रूप से है, उतना ही आयुर्वेद में भी है। आयुर्वेद में तुलसी को औषधीय पौधा माना जाता है, जो व्यक्ति को कई रोगों से बचाता है। तुलसी हमारे स्वास्थ्य के लिए बहेद फायदेमंद होती है। सुबह के समय खाली पेट तुलसी खाना अधिक कारगर साबित हो सकता है। कई पोषक तत्वों से भरपूर तुलसी, शरीर की छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी बीमारियों को ठीक करने में मदद कर सकती है। तुलसी इम्यून सिस्टम को मजबूत, खून साफ और आंखों की सेहत को बनाए रखने के साथ सामान्य फ्लू के इलाज में भी मदद करती है। घी में तुलसी मिलाने से इसमें मौजूद सभी गुण घी में आ जाते हैं।
हल्दीहल्दी एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो शरीर से हानिकारक टॉक्सिन को बाहर निकालने का काम करता है। हल्दी में कर्क्यूमिन होता है जो स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके औषधी गुण शरीर को स्वस्थ रखते हैं। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन सूजन कम करके शरीर के दर्द से निजात दिलाने में मदद करता है। घी में हल्दी मिलाने से किडनी और दिल की सेहत में सुधार होता है। हल्दी वाला घी बनाने के लिए एक जार में 1 कप घी डालें। 1 चम्मच हल्दी, 1/2 चम्मच काली मिर्च पाउडर डालकर अच्छी तरह मिलाएं। इस मिश्रण को एक एयर टाइट जार में भरकर रख लें।