डायबिटीज यानी मधुमेह बीमारी से भारत ही नहीं बल्कि विश्व की आधी से ज्यादा जनता जूझ रही है। डायबिटीज तब होती है जब आपका अग्न्याशय पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन करने में असमर्थ होता है या उस समय होता है जब शरीर अपने द्वारा उत्पादित इंसुलिन का प्रभावी ढंग से उपयोग नहीं कर पाता है। इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। हालाकि, जीवनशैली में सुधार कर इसे कंट्रोल में रखा जा सकता है।
डायबिटीज के दो प्रकार है - टाइप 1 और टाइप 2टाइप 1 डायबिटीज किसी भी उम्र में हो सकती है। यह बच्चों या युवाओं में पाया जाता है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी होती है। टाइप 1 डायबिटीज के दौरान शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है। यानी शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन बनाने वाले अग्नाशय की कोशिकाओं पर हमला कर उन्हें खत्म कर देती है। टाइप 1 डायबिटीज कम उम्र में या जन्म से भी हो सकता है।
मोटापा, हाइपरटेंशन और खराब लाइफस्टाइल टाइप 2 डायबिटीज के मुख्य कारण है। इसमें शरीर में इंसुलिन कम मात्रा में बनता है। इसमें शरीर में या तो इंसुलिन कम बनता है या फिर शरीर की कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति संवेदनशील नहीं होतीं। टाइप 2 डायबिटीज अधिकतर वयस्क लोगों में पाया जाता है।
अगर आप टाइप 2 डायबिटीज के मरीज हैं तो आइए जानते हैं ब्लड शुगर लेवल को कम करने आपको किन चीजों का सेवन करना चाहिए और किन चीजों का नहीं
इन चीजों को करें अपनी डाइट में शामिल-- सेब, संतरा, बेरीज, मेलन आदि
- ब्रोकली, फूलगोभी, पालक, खीरा आदि
- किनोआ, ओट्स, ब्राउन राइस आदि
- बीन्स, दाल, चना
- बादाम, अखरोट, पिस्ता, काजू
- चीया सीड्स, कद्दू के बीज, अलसी के बीज, भांग के बीज
- सीफूड, टोफू, लो फैट रेड मीट आदि
- ब्लैक कॉफी, फीकी चाय, सब्जियों का जूस।
ना करें इन चीजों का सेवन- हाई फैट मीट
- फुल फैट डेयरी प्रोडक्ट्स (फैट मिल्क, बटर, चीज़)
- कैंडीज, कुकीज, मिठाई, बेक्ड चीजें, आइस क्रीम
- जूस, सोडा, मीछी चाय, स्पोर्ट्स ड्रिंक्स
- टेबल शुगर, ब्राउन शुगर, शहद, मेपल सिरप
- चिप्स, प्रोसेस्ड मीट, माइक्रोवेव में बनें पॉपकॉर्न
- फ्राइड फूड्स, डेयरी मुक्त कॉफी क्रीमर आदि