डायबिटीज की बीमारी आज आम हो गई है। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो इंसान के शरीर को धीरे-धीरे खोखला कर देती है। डायबिटीज से बचने के लिए इसके संकेतों को पहचानना जरूरी है। इसके लक्षण सामान्य से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं। टाइप-1 डायबिटीज में लक्षण तुरंत दिखाई देने लगते हैं, जबकि टाइप-2 डायबिटीज के लक्षण बहुत देरी से नजर आते हैं। टाइप-2 की तुलना में टाइप-1 डायबिटीज को ज्यादा गंभीर माना जाता है। डायबिटीज के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 14 नंवबर को 'वर्ल्ड डायबिटीज-डे' भी सेलिब्रेट किया जाता है। डॉक्टर्स कहते हैं कि इस बीमारी में मरीजों को कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए, वरना ये बीमारी नासून बन सकती है...
सुस्त रहनासुस्ती भरी लाइफस्टाइल ना सिर्फ मोटापा बल्कि बल्ड शुगर भी तेजी से बढ़ाता है। वहीं एक्टिव लाइफस्टाइल ना सिर्फ ब्लड शुगर बल्कि पूरी सेहत के लिए फायदेमंद है। अपनी लाइफस्टाइल में हर दिन एक्सरसाइज को जरुर शामिल करे। शुरुआत में बहुत भारी-भरकम एक्सरसाइज करने से बचे वरना ब्लड शुगर में गिरावट ज्यादा हो सकती है।
हाई कार्ब्स-लो फैट डाइटअन्य पोषक तत्वों की तरह शरीर को फैट को भी आवश्यकता रहती है। दरअसल, कई लोग वजन कम करने के चक्कर में डाइट से फैट को पूरी तरह से निकाल देते हैं ऐसा करने से शरीर में हेल्दी फैट की भी कमी हो जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार डायबिटीज के मरीजों में हेल्दी फैट होना जरूरी है और इसे नट्स, सीड्स और शुद्ध तेल के जरिए लिया जा सकता है।
खाने के बीच लंबा समयखाने के बीच का अंतर भी डायबिटीज के मरीजों के लिए घातक साबित हो सकता है। अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो खाने के बीच के अंतर को कम करने की कोशिश करे। दरअसल, अगर डाइट के बीच ज्यादा समय हो जाने से खाने की मात्रा भी अधिक हो जाती है। जिसकी वजह से ब्लड शुगर में बढ़ोतरी हो जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि डायबिटीज के मरीजों को थोड़े-थोड़े अंतराल में कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए।
फलों की क्वांटिटीज्यादातर लोगों को ये गलतफहमी होती है कि डायबिटीज के मरीजों को फल नहीं खाना चाहिए क्योंकि उसमें नेचुरल शुगर होती है। डायबिटीज मरीजों को फलों से पूरी तरह परहेज नहीं करना चाहिए और ना ही फलों का अधिक सेवन करना चाहिए। डायबिटीज में सीमित मात्रा में फलों का सेवन करना चाहिए। फलों को धीरे-धीरे अच्छे से चबाकर खाना सही रहता है।
ज्यादा स्ट्रेस लेनासेहत के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक तनाव लेना है। ये आपके हार्मोन, मानसिक और शारीरिक सेहत पर बुरा असर डालता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स डायबिटीज के मरीजों को तनाव मुक्त जीवन जीने की सलाह देते हैं। शोध में सामने आया है कि तनाव ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है और दिल की सेहत के भी हानिकारक साबित होता है।
पर्याप्त नींद ना लेनानींद शरीर को आराम तो देती ही है साथ ही शरीर के विभिन्न कार्यों को नियंत्रित करती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार सोते समय बॉडी के अंदर अधिकांश हार्मोनल संतुलित होते रहते हैं। इंसुलिन भी एक हार्मोन ही है। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को अच्छी नींद लेनी बहुत जरूरी है।