आजकल देखा जाता हैं कि अच्छी सेहत और स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए हाथों को कीटाणुमुक्त करने के कई उपाय किए जाने लगे हैं। बाजार में आजकल 'सेनिटाइजर' आने लगा हैं जो कि कीटाणुओं का खात्मा करता हैं। लेकिन जार संभलकर, क्योंकि यही 'सेनिटाइजर' आपकी सेहत को भी नुकसान पहुंचा रहा हैं और बीमार बना सकता है। ये एक ऐसा लिक्विड है जो 99.9 प्रतिशत कीटाणुओं को खत्म करने का दावा करता है। अगर आप भी 'सेनिटाइजर' का अधिक इस्तेमाल करते हैं तो आगे जरूर पढ़ें।
रोग नियंत्रण और रोकथाम के लिए अमेरिकी केंद्रों में एपिडेमिक इंटेलिजेंस सर्विस द्वारा 2011 के एक अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि, स्वास्थ्य देखभाल के कर्मचारी जो नियमित रूप से हाथ धोने के लिए साबुन से ज्यादा सेनिटाइजर का उपयोग करते थे, वो लगभग छह गुना अधिक नोरोवायरस के प्रकोप में थे जो तीव्र आंत्रशोथ के अधिकांश मामलों का कारण बनता है।
सेनिटाइजर में ट्राइक्लोसान नाम एक कैमिकल होता है, जो त्वचा पर पड़ते साथ सूख जाता है। इसके ज्यादा इस्तेमाल से ये केमिकल त्वचा से खून में मिल जाते हैं। रक्त में मिलने के बाद ये मांसपेशियों को नुकसान पहुंचाते हैं। सेनिटाइजर में विषैले तत्व और बेंजाल्कोनियम क्लोराइड होता है, जो हमारी त्वचा के लिए बिल्कुल अच्छा नहीं होता। इससे त्वचा में जलन और खुजली जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
सेनिटाइजर में खुशबू के लिए फैथलेट्स नामक केमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। जिस सेनिटाइजर में इसकी मात्रा अधिक होती है, वो हानिकारक होते हैं। इस तरह के अत्यधिक खुशबू वाले सेनिटाइजर लीवर, किडनी, फेंफड़ों और प्रजनन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं। 'बिस्फेनॉल ऐ' ऐसा केमिकल है, जो कैंसर का भी कारक बन सकता है। सेनिटाइजर के इस्तेमाल के तुरंत बाद 'बिस्फेनॉल ऐ' युक्त किसी चीज को छूने से उसके शरीर पर बुरा प्रभाव डालने की संभावना होती है।