हमारी आधुनिक जीवनशैली कुछ ऐसी हो गई हैं कि पहले हम अपने शरीर को आराम देने और अच्छा महसूस कराने के नाम पर कुछ आदतें पाल लेते हैं, जैसे-शारीरिक गतिविधियों की कमी, टेक्नोलॉजी का ज़रूरत से अधिक इस्तेमाल, धूम्रपान, शराब का सेवन और खानपान की असेहतमंद आदतें। फिर ये पाली हुई आदतें हमारे शरीर के साथ खेलना शुरू कर देती हैं।
इन आदतों का पहला अटैक होता है हमारी पाचन प्रणाली पर। पाचन की समस्याएं, जैसे-अपच, पेट में गैस, पेट फूलना और कब्ज़ आदि धीरे-धीरे दूसरी बीमारियों के लिए शरीर में रास्ता बनाना शुरू करती है। पेट की बीमारियों के शुरुआती दौर में हम ओटीसी (ओवर द काउंटर) दवाइयां लेते हैं पर बिना उचित डॉक्टरी सलाह के ये दवाइयां हमारे शरीर का नुक़सान ही करती हैं।
हम पेट की कई समस्याओं का उपचार आसानी से मिलने वाली जड़ी-बूटियों यानी हर्ब्स से कर सकते हैं। दि हिमालया ड्रग कंपनी में हेड-मेडिकल सर्विसेज़ ऐंड क्लीनिकल डेवलपमेंट डॉ. राजेश कुमावत लंबे समय से भारतीय खानपान का हिस्सा रही उन पांच हर्ब्स के बारे में बता रहे हैं, जिनका सेवन पाचन संबंधी कई परेशानियों से छुटकारा दिलाने का करता है।
सोंठ
भारतीय रसोई में खाने को ख़ुशबूदार बनाने के लिए
सामान्य तौर पर प्रयोग होने वाली सोंठ की गंध तीखी होती है और खाने में
इसका प्रभाव उष्ण होता है। यह अपच का घरेलू उपचार है और गैस्ट्रिक एसिड और
पाचक एंजाइम्स को प्रेरित करती है, जो पाचन सुधारते हैं। सोंठ से पाचन
तंत्र से गैस बाहर करने में भी मदद मिलती है।
काली मिर्च
व्यंजनों
को सजाने और ख़ुशबू देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली काली मिर्च, भारत
में इस्तेमाल होने वाला एक सामान्य मसाला है। काली मिर्च में पिपराइन नामक
कंपाउंड होता है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण में सुधार करता है। काली मिर्च
से पित्त रस यानी बाइल एसिड्स का स्राव बेहतर बनता है, जिससे भोजन के
ब्रेकडाउन में आसानी होती है। काली मिर्च पाचन तंत्र से गैस भी बाहर करती
है और इसलिए पेट फूलने, डकारें आने आदि में भी लाभप्रद है।
त्रिफला
तीन
औषधीय फलों-आंवला, हरीतकी, बिभीतकी का एक प्रभावशाली आयुर्वेदिक मिश्रण
त्रिफला, अपने स्वास्थ्य संबंधी फ़ायदों के लिए जाना जाता है। त्रिफला,
पाचन तंत्र में गैस एकत्रित होने से रोकता है। यह पाचन तंत्र की पेशियों की
संकुचन क्षमता में सुधार करता है और पूरे पाचन तंत्र में भोजन को आगे
बढ़ाने में मदद करता है। त्रिफला, अपच ठीक करने में भी सहायक है।
सौंफ
माउथ
फ्रेशनर के रूप में सामान्यतः इस्तेमाल की जाने वाली सौंफ के अनेक पाचक
औषधीय गुण होते हैं। सौंफ एंटीस्पाज़्मोडिक (मरोड़ कम करना) असर करती है
जिससे आंतों की संकुचित पेशियों को आराम मिलता है। सौंफ के दाने पाचन तंत्र
से गैस बाहर करने में भी सहायक हैं।
शंखभस्म
शंख से
निर्मित एक आयुर्वेदिक दवा शंखभस्म भूख और पाचन में सुधार करती है और पाचन
संबंधी समस्याओं, जैसे-गैस्ट्राइटिस और ड्युओडेनाइस (छोटी आंत के पहले
हिस्से में सूजन) में राहत प्रदान करती है।
डिस्क्लेमर :
पाचन संबंधी समस्याओं के बेहतर उपचार के लिए जहां ये इंग्रेडिएंट्स अलग-अलग
या कॉम्बिनेशन में इस्तेमाल किए जा सकते हैं पर किसी भी तरह का उपचार शुरू
करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना बहुत ज़रूरी है।