हमारे शरीर के अंदर जो कुछ भी बदलाव होते हैं उसका संकेत हमारा शरीर अलग-अलग तरीकों से देता है जिसमें से एक तरीका है यूरिन यानी पेशाब का रंग। यूरिन के रंग को देखकर पता लगाया जा सकता है कि आपके शरीर के अंदर क्या चल रहा है। आम तौर पर यूरिन का कलर पीला होता है और जब आप पूरी तरह से हाईड्रेटेड रहते हैं तो यूरिन का कलर हल्का पीला नजर आता है।
यूरिन का कलर जितना डार्क होता है शरीर के अंदर बीमारियों का खतरा भी उतना ही बढ़ जाता है। यूरिन में यूरोक्रोम नाम का एक केमिकल पाया जाता है। यह एक पीले रंग का पिगमेंट होता है। जिसकी वजह से यूरिन का रंग पीला नजर आता है। आपने बहुत बार देखा होगा कि जब आप डिहाईड्रेटेड रहते हैं तो यूरिन का कलर काफी ज्यादा डार्क और हल्का ब्राउन कलर का होता है वहीं कई बार कुछ चीजों को खाने के कारण और दवाईयों की वजह से भी यूरिन का कलर बदल जाता है। कई बार यूरिन का कलर हमें हमारी हेल्थ से जुड़ी कई चीजों के बारे में बताता है। तो आइए जानते हैं यूरिन का कलर और उससे शरीर में होने वाली समस्याओं के बारे में...
क्यों जरूरी है पेशाब निकलना?पेशाब हमारे शरीर से न केवल विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करता है। बल्कि शरीर में तरल पदार्थों को भी संतुलित करके रखता है। इसके अलावा यह चयापचय प्रक्रिया के दौरान पैदा होने वाले पदार्थों से भी पूरी तरह छुटकारा दिलाने का काम करता है। वहीं यूरिन टेस्ट के जरिए डायबिटीज, लीवर, और मेटाबॉलिज्म संबंधी रोग का भी पता लगाया जा सकता है। एक व्यक्ति दिन भर में कितनी बार पेशाब करता है यह भी उसके स्वस्थ या अस्वस्थ होने के बारे में बताता है। हाल ही में यूके एनएचएस के द्वारा कहा गया है कि दिन में चार से आठ बार और रात में एक बार पेशाब जाना सामान्य होता है।
ट्रांसपेरेंट कलरअधिक मात्रा में पानी के सेवन से आपका यूरिन ट्रांसपेरेंट कलर का नजर आता है। अगर कभी-कभी यूरिन का कलर ट्रांसपेरेंट नजर आता है तो इसके लिए घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन अगर हमेशा ही आपके यूरिन का कलर ट्रांसपेरेंट दिखता है तो यह इस बात की तरफ इशारा करता है कि आप जिनता पानी पी रहे हैं उसे कम करने की जरूरत है। ट्रांसपेरेंट यूरिन सिरोसिस और वायरल हेपेटाइटिस जैसी लीवर की समस्याओं का भी संकेत देते है। आपको बता दे, हाइड्रेटेड रहना एक अच्छी बात है, लेकिन बहुत अधिक मात्रा में पानी पीने से आपके शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है।
हल्के पीले से गहरा पीला रंग यूरोक्रोम पिगमेंट के कारण यूरिन का कलर हल्के पीले से डार्क पीला नजर आता है। जब आप पानी पीते हैं तो यह पिगमेंट डायल्यूट हो जाता है। यूरोक्रोम का निर्माण शरीर में हीमोग्लोबिन के टूटने के कारण होता है। कई बार खून में विटामिन डी की मात्रा अधिक होने के कारण भी यूरिन नियॉन कलर का नजर आता है।
लाल और गुलाबी यूरिन यूरिन का लाल और गुलाबी कलर इस बात पर निर्भर करता है कि आपने क्या खाया है। लेकिन यूरिन का ऐसा कलर कई तरह की बीमारियों के कारण भी हो सकता है जैसे बढ़ा हुआ प्रोस्टेट, किडनी स्टोन, ब्लैडर या किडनी में ट्यूमर आदि। लेकिन कई बार जब आप गहरे लाल और गुलाबी रंग की किसी चीज का सेवन करते हैं तो इस कारण भी आपका यूरिन लाल और गुलाबी रंग का नजर आता है।
नारंगी कलर का यूरिनअगर आपके यूरिन का रंग नारंगी कलर का है तो यह शरीर में डिहाईड्रेशन का संकेत देता है। पीलिया होने पर भी यूरिन नारंगी कलर का नजर आता है। अगर आपके यूरिन का कलर नारंगी और मल का रंग हल्का है तो इसकी वजह बाइल जूस का ब्लड स्ट्रीम में जाना हो सकता है। बाइल जूस लीवर से निकलने वाला पीले रंग का रस होता है यह शरीर में वसा को तोड़ने का काम करता है। जब भी बाइल जूस आंत से ऊपर उठ कर पेट और गले में जाता है तो इससे उल्टी, चक्कर, पेट दर्द आदि का सामना करना पड़ता है।
नीला और हरा यूरिन यूरिन का नीला और हरा कलर आपके द्वारा खाई जाने वाली किसी चीज के कारण हो सकता है। बहुत सी कैंडी और कुछ दवाईयों में मेथिलीन ब्लू नाम के एक डाई का इस्तेमाल किया जाता है जिसके सेवन से आपके यूरिन का रंग ब्लू नजर आ सकता है। लेकिन इस कलर का यूरिन किडनी और ब्लैडर से जुड़ी बीमारियों की तरफ भी इशारा करता है। स्यूडोमोनास एरुगिनोसा बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण भी आपके यूरिन का कलर नीला, हरा या बैंगनी नजर आ सकता है।
डार्क ब्राउन यूरिनयूरिन का डार्क ब्राउन कलर डिहाईड्रेशन की ओर इशारा करता है। कई बार दवाईयों के साइड इफेक्ट्स के कारण भी यूरिन का कलर डार्क ब्राउन दिख सकता है। डार्क ब्राउन कलर का यूरिन लीवर संबंधित बीमारियों की तरफ भी इशारा करता है। कई मामलों में बाइल जूस के यूरिन में मिलने के कारण भी ऐसा होता है।
बदबूदार यूरिनयूं तो पेशाब की गंद कभी अच्छी नहीं होती। लेकिन अगर यूरिन से अधिक बदबू आने लगे तो इसकी वजह मसालेदार भोजन, लहसुन और कई तरह की दवा हो सकती है। लेकिन अगर इनमें से किसी तरह की चीज का सेवन नहीं किया गया है, तो इसकी वजह पानी का कम सेवन भी हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति को यूरिन इंफेक्शन हो सकता है। इसके अलावा डॉक्टर बताते हैं कि यह समस्या अधिकतर डायबिटीज के रोगियों में देखने को मिल सकती है। साथ ही अगर पेशाब से पॉपकॉर्न की तरह स्मेल आती है तो यह केटोन्स की वजह से भी हो सकता है।