हार्ट अटैक को हिंदी में दिल का दौरा पड़ना कहा जाता है। दिल की बीमारी किसी समय में बूढ़ापे में होने वाले रोग के नाम से जानी जाती थी, लेकिन अब यह आम जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है। आंकड़े बताते हैं कि भारत में दिल की बीमारियों की दर पश्चिमी देशों के मुकाबले दोगुनी हो चुकी है। हार्ट अटैक तब होता है जब ह्रदय में ब्लड सर्कुलेशन ठीक से होना बंद हो जाता है और इसकी मांसपेशियों को जरुरत अनुसार ऑक्सीजन न मिलने के कारण वह ठीक से काम करना बंद कर देती हैं। हार्ट अटैक होने से पहले इसके कई चेतावनी भरे संकेत मिलते हैं जिनको ठीक से पहचान कर आप इसका पता लगा सकते हैं। हार्ट अटैक से बचने के कुछ तरीके हैं जैसे कि ज्यादा कैलोरी वाले खाने से बचना और नियमित व्यायाम करना आदि। इसलिए अपने आपको फिट और तंदुरुस्त रखना हार्ट अटैक से बचने का सबसे अच्छा तरीका है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं किस तरह आप हार्ट अटैक का बचाव कर सकते हैं।
* अपने कोलेस्ट्रोल स्तर को 130 एमजी/ डीएल तक रखिए : कोलेस्ट्रोल के मुख्य स्रोत जीव उत्पाद हैं, जिनसे जितना अधिक हो, बचने की कोशिश करनी चाहिए। अगर आपके यकृत यानी लीवर में अतिरिक्त कोलेस्ट्रोल का निर्माण हो रहा हो तब आपको कोलेस्ट्रोल घटाने वाली दवाओं का सेवन करना पड़ सकता है।
* नियमित व्यायाम करें : हार्ट अटैक से बचने का सबसे बेहतर तरीका है कि आप रोजाना व्यायाम करें। आप कम से कम 15 मिनट तक शारीरिक कसरत करें। दिल को तंदुरुस्त रखने के लिए वॉक करना भी एक अच्छा व्यायाम है।
* दिल के लिए फायदेमंद आहार का सेवन करें : दिल के लिए फायदेमंद डाइट का सेवन करने से हार्ट अटैक की सम्भावना काफी कम हो जाती है। यहाँ तक कि उचित भोजन का सेवन करने से आप किसी भी प्रकार की हार्ट प्रॉब्लम से बच सकते हैं। पोषक तत्वों से युक्त खाद्य पदार्थ जिनमें विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और अन्य पोषक पदार्थ भरपूर मात्रा में हों और कैलोरीज कम हों, का अधिक सेवन करें।
* पानी में नींबू का रस मिलाकर रोज पीएं। फलों में अमरूद, अन्नास, मौसमी, लीची और सेब का इस्तेमाल करें। सब्जियों में अरबी और चौलाई जरूर खाएं। खाने में दही जरूर खायें। दिल को मजबूत करने के लिए देसी घी में गुड़ मिलाकर खाएं।
* अपने वजन को सामान्य रखें : आपका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) 25 से नीचे रहना चाहिए। इसकी गणना आप अपने किलोग्राम वजन को मीटर में अपने कद के स्क्वेयर के साथ घटाकर कर सकते हैं। तेल नहीं खाकर एवं निम्न रेशे वाले अनाजों तथा उच्च किस्म के सलादों के सेवन द्वारा आप अपने वजन को नियंत्रित कर सकते हैं।
* पेशाब और शौच को ना दबाएँ : जब पेशाब और शौच का दबाव पड़ता है तो आपको जाना तो है ही पहले या बाद में। इसको दबाने से दिल पर प्रभाव पड़ता है और यह संक्रमण का कारण भी बनता है।