दैनिक दिनचर्या में इन 8 चीजों की मदद से बनाए अपनी हड्डियों को मजबूत

वर्तमान समय की जीवनशैली और खानपान की वजह से शरीर अंदर से खोखला होता जा रहा हैं जिसके नुकसानस्वरुप लोगों को कई बीमारियों को सामना करना पड़ जाता हैं। इन्हीं बीमारियों में से एक हैं ऑस्टियोपोरोसिस जिसमें हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। एक रिपोर्ट बताती हैं कि भारत में 4 करोड़ से ज़्यादा लोग ऑस्टियोपोरोसिस से परेशान हैं। इसलिए आजकल देखा जाता हैं कि किसी छोटे से हादसे में भी फ्रेक्चर होने में देर नहीं लगती हैं। ऐसे में आपको जरूरत हैं हड्डियों को मजबूत बनाने की और इसका सबसे अच्छा तरीका हैं अपनी दिनचर्या में उचित आहार और जीवनशैली सुधार से। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपको उन उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मददगार साबित होगी।

विटामिन डी
स्वस्थ और मजबूत हड्डियों के लिए आपको विटामिन डी की बेहद ज़रूरत पड़ती है। ये कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है और ऑस्टियोपोरोसिस से बचाता भी है। विटामिन डी का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्त्रोत है सूरज। विटामिन डी को बढ़ाने के लिए सुबह रोज़ 10 से 15 मिनट के लिए सूरज के सामने खड़े हो जाएँ। ये आपके शरीर को भरपूर विटामिन डी देने में मदद करता है। हालाँकि ज़्यादा सूरज के सामने भी न खड़े हो और जब भी खड़े हो तो सनस्क्रीन का इस्तेमाल ज़रूर करें।

नारियल तेल
एक रिसर्च के अनुसार अपने आहार को नारियल के तेल के साथ मिलाकर खाने से एस्ट्रोजेन की कमी से होने वाली हड्डियों के नुकसान को रोका जा सकता है। नारियल के तेल में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हड्डियों के ढांचें को नियंत्रित करके रखते हैं और हॉर्मोन्स में आने वाले बदलाव की वजह से हड्डियों को पहुंचने वाले नुकसान से भी बचाता है। इसके साथ ही ये तेल शरीर में कैल्शियम और मैग्नीशियम को अवशोषित करने में मदद करता है। ये दो आवश्यक पोषण तत्व हड्डियों की मजबूती को बढ़ाने को नियंत्रित रखने में बेहद ज़रूरी हैं। इसके लिए आप पूरे शरीर पर कुछ मिनट तक नारियल के तेल से मसाज कर सकते हैं। फिर गर्म पानी से नहाएं। इस तरह आप रोज़ाना ये प्रक्रिया करें। इस तरह करने से आपकी हड्डियों पर बेहद अच्छा प्रभाव पड़ेगा। इसके साथ ही खाना बनाने के लिए नारियल के तेल का इस्तेमाल करें।


बादाम का दूध

बादाम के दूध में बहुत ही उच्च मात्रा में कैल्शियम होता है और ये ऑस्टियोपोरोसिस के लिए बहुत ही अच्छा घरेलू उपाय है। इसके साथ ही इसमें फ्लवोनोइड्स होते हैं जो शरीर से अत्यधिक फ्री रेडिकल्स को दूर करते हैं। जिसकी मदद से आपको ऑस्टियोपोरोसिस से सुरक्षित रखने में मदद मिलती है। इसके साथ ही इसमें मैग्नीशियम, मैगनीस और पोटैशियम होता है जो हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाने में मदद करता है। इस्तेमाल के लिए सबसे पहले एक कप बादाम को पानी में रातभर के लिए डुबोकर रखें। अगले दिन बादाम से उसके छिलके निकाल लें और फिर बादाम को मिक्सर में डाल दें और फिर उसमे आधा कप पानी मिला दें। अब पूरे मिश्रण को एक मुलायम पेस्ट में तैयार कर लें। फिर इसमें दालचीनी पाउडर और स्वादानुसार शहद मिलाएं और अब इस मिश्रण को फिर से मिक्सर में मिक्स करें। फिर मिश्रण को किसी छलनी से छान लें। अब इस बादाम के दूध को रोज़ाना पियें।

तिल के बीज
आयुर्वेद के अनुसार ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए सबसे अच्छा उपाय है कि आप अपने आहार में तिल के बीज मिलाएं। तिल के बीज कैल्शियम से समृद्ध होता है जो कि हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसके साथ ही इसमें मैग्नीशियम, मैगनीस, कॉपर, जिंक, फॉस्फोरस और विटामिन k और विटामिन डी होता है जो कि हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए बेहद ज़रूरी हैं। इस्तेमाल के लिए एक चम्मच भुने तिल के बीज एक कप गर्म दूध में डाल लें। अच्छे से मिलाने के बाद इस मिश्रण को पी जाएँ। इस मिश्रण को पूरे दिन में दो बार ज़रूर पियें। इसके साथ ही अपने आहार में तिल के बीज को ज़रूर मिलाएं।

अनानास
अनानास में मैगनीस है जो कि ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज और उसे रोकने में बेहद मदद करता है। मैगनीस की कमी हड्डियों को खराब कर देती है और इससे हड्डियों को नुकसान पहुंचने लगता है। इस कारण हड्डियों की घनिष्ठता कम होने लगती है और ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या पनपने लगती है। इसके लिए खाना खाने से पहले एक कप अनानास का सेवन ज़रूर करें। एक कप अनानास 75% मैगनीस शरीर को देने में मदद करता है। इसके अलावा आप रोज़ाना एक कप जूस अनानास का पियें इससे ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या रुकेगी।

आलू बुखारा
रोज़ाना आलू बुखारा खाने से फ्रैक्चर और ऑस्टियोपोरोसिस का इलाज करने में मदद मिलती है और ये एक रिसर्च से साबित हुआ है। आलू बुखारा आपकी हड्डियों के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं क्योंकि इनमे उच्च मात्रा में पोलीफेनोल्स होते हैं जिनकी मदद से हड्डियों को पहुंचने वाले नुकसान को दूर किया जा सकता है। इसके साथ ही इनमे बोरोन और कॉपर पाया जाता है जो कि ये दो खनिज हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद हैं। रोज़ाना दो से तीन आलू बुखारा को सब तरह की उम्र वाले व्यक्ति को खाने के लिए कहा जाता है और ऑस्टियोपोरोसिस को रोकने के लिए इसे पूरे दिन में पांच से दस बार खाना चाहिए।


सेब
रोज़ाना एक सेब खाने से ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या रूकती है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जैसे पोलीफेनोल्स और फ्लवोनोइड्स जो कि हड्डियों को स्वस्थ बनाने में मदद करते हैं। एक रिसर्च के अनुसार फ्लेवनॉइड्स जिसे फ्लोरिड्जिन कहा जाता है ये सेब में मौजूद होता है जो महिलाओं में रजोनिवृत्ति के बाद होने वाले ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षणों से बचाता है और हड्डियों की घनिष्टता को भी बढ़ाता है। सेब बोरोन से समृद्ध होता है जो कैल्शियम को शरीर में रोक कर रखता है जो हड्डियों और मांसपेशियों दोनों के लिए बेहद ज़रूरी है। सेब को आप छीलकर खाने की बजाए छिलके के साथ खाएं।

धनिया
धनिये खनिज से समृद्ध होता है जो कि हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए बेहद ज़रूरी है। धनिये के बीज और पत्तियां दोनों ही कैल्शियम, पोटैशियम और मैगनीस से भरपूर होती है। कैल्शियम और मैगनीस कमज़ोर हड्डियों का इलाज करने और उनको टूटने से बचाने में मदद करती हैं। ये पोषक तत्व बूढी महिलाओं के रीड की हड्डी को पहुंचने वाले नुकसान को दूर करता है। इस्तेमाल के लिए सबसे पहले दो चम्मच धनिये के बीज को एक कप गर्म पानी में डाल दें। फिर इस बर्तन को ढक कर रख दें और पांच से दस मिनट के लिए इसे ऐसे ही उबलते रहने दें। फिर इस मिश्रण को छान लें और अब इसमें शहद मिलाकर पी जाएँ। इस मिश्रण को पूरे दिन में दो बार ज़रूर पियें। इसके साथ ही अपने आहार में धनिये का बीज और धनिये की पत्तियां ज़रूर मिलाएं।