कोरोना के हलके इंफेक्शन को भी घातक बना सकती है आपकी ये गलतियां, जानें और रहे सतर्क

दुनियाभर में ओमिक्रॉन के कारण कोरोना संक्रमण की रफ्तार बेकाबू हो चुकी है। पिछले 24 घंटे में ही 27.72 लाख नए संक्रमित मिले हैं। एक्सपर्ट का दावा है कि नया वैरिएंट डेल्टा जितना खतरनाक नहीं है लेकिन फिर भी लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि मरीज की जरा सी लापरवाही या गलती से इसका हल्का इंफेक्शन भी घातक रूप ले सकता है। इसलिए कुछ बातों का ख्याल रखना बेहद जरुरी है...

- कोरोना के ज्यादातर मामले हल्के लक्षणों से शुरू होते हैं। लेकिन म्यूटेंट स्ट्रेन में वृद्धि और जटिलताओं के बढ़ने से इंफेक्शन गंभीर रूप ले सकता है। इसमें मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत आ सकती है। कोविड साइकोटाइन और हैप्पी हाइपोक्सिया जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है, जो कम समय में हालात बिगाड़ सकते हैं।

डॉक्टर्स कहते हैं कि मरीजों को पहले दिन से ही इसे कंट्रोल करने का प्रयास करना चाहिए। कोविड-19 के गंभीर लक्षणों को बिल्कुल इग्नोर ना करें और रिकवरी के दौरान वो गलतियां करने से बचें जो हल्के लक्षणों को गंभीर रूप दे सकती हैं।

- बीमारी को लेकर जागरूक ना रहना आपकी बड़ी भूल हो सकती है, जिसकी कीमत आपको चुकानी पड़ सकती हैं। कोरोना के सामान्य और गंभीर लक्षणों पर बारीकी से नजर रखें। कोरोना के हलके लक्षणों को भी गंभीरता से लें और वायरल या एलर्जी रिएक्शन की तरह इसका इलाज ना करें। दूसरे इंफेक्शन से मिलते-जुलते लक्षण दिखने पर भी कोविड की जांच कराएं। समय पर संक्रमण का पता लगने से यह दूसरों को संक्रमित नहीं करेगा।

- डेल्टा वैरिएंट के समय गंभीर लक्षण और इंफ्लेमेशन से बचाने के लिए मरीजों को स्टेरॉयड दिए जा रहे थे। हालांकि, ओमिक्रॉन के मामलों में अभी तक ऐसी स्थिति नहीं देखी गई है। एक्सपर्ट कहते हैं कि हल्के लक्षण वाले रोगियों में स्टेरॉयड का इस्तेमाल बड़ी दिक्कत पैदा कर सकता है। इसलिए कोरोना संक्रमित मरीज रिकवरी के लिए खुद को घर में आइसोलेट रखें और डॉक्टर्स की सलाह लेने के बाद ही दवाओं का इस्तेमाल करें। एक्सपर्ट को लगता है कि स्टेरॉयड का बेवजह और निरंतर उपयोग म्यूकोमाइकोसिस या ब्लैक फंगस जैसी दिक्कतों से भी जुड़ा हो सकता है, जैसा कि पिछली बार कई मामलों में देखा गया था।

- यह अक्सर देखा गया है कि कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद लोग इलाज के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क नहीं करते हैं। एक स्पेशलिस्ट डॉक्टर ही आपको सही दवा और लक्षणों की गंभीरता को कम करने में मदद कर सकता है। डॉक्टर की सलाह लेकर आप जल्दी रिकवर हो सकते हैं, इसलिए लक्षण दिखने के पहले दिन से लेकर इलाज के अंतिम दिन तक डॉक्टर की सलाह पर काम करना जारी रखें।

- इंफेक्शन का कन्फ्यूजिंग नेचर और लक्षणों के धोखे में ज्यादातर लोग देर से टेस्ट कराते हैं। देरी से टेस्टिंग या बीमारी का पता ना लगने की वजह से भी एक हेल्दी इंसान गंभीर लक्षणों का शिकार हो सकता है। इसलिए शरीर में दिख रहे लक्षणों पर ध्यान दें और तुरंत जांच कराएं। अगर आप जांच नहीं करवा रहे हैं तो आइसोलेशन में रहें।

- ओमिक्रॉन के मरीज सामान्यत: 3 से 5 दिन के भीतर रिकवर हो रहे हैं। इस दौरान मरीजों को 2 से 3 दिन के लिए बुखार होता है। यदि आपको इससे ज्यादा समय के लिए बुखार है या पांच से ज्यादा दिन लक्षण रहते हैं तो ऐसे में बिना देरी करे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। हाई बीपी या डायबिटीज के मरीजों पर कोरोना ज्यादा हावी रहता है। इसलिए ऐसे मरीजों को ज्यादा सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।

- हेल्थ सिस्टम पर दबाव के चलते आपकी कोरोना रिपोर्ट आने में थोडा समय लग सकता है ऐसे में लक्षण दिखने के बाद खुद को आइसोलेट करें। इससे इंफेक्शन बाकी लोगों तक नहीं फैलेगा।