आपकी ये 8 गलत आदतें स्पर्म काउंट घटाते हुए बना रही नपुंसक, जानें और करें सुधार


देखा गया हैं कि कई पुरुषों को सेक्स लाइफ जरूर अच्छी हैं लेकिन स्पर्म काउंट कम होने की वजह से इफंर्टिलिटी अर्थात नपुंसकता की परेशानी का सामना करना पड़ता हैं। स्पर्म काउंट बढ़ाने के लिए अच्छे खानपान और संतुलित लाइफस्टाइल की जरूरत पड़ती हैं। लेकिन इसी के साथ ही आपको अपनी कुछ आदतों में भी सुधार लाने की जरूरत होती हैं। जी हां, आपकी कुछ गलत आदतें स्पर्म काउंट घटाते हुए आपको धीरे-धीरे नपुंसक बना रही हैं। आज इस कड़ी में हम आपको इन आदतों के बारे में बताने जा रहे हैं ताकि इनमें सुधार लाया जा सकें। तो आइये जानते हैं स्पर्म काउंट घटाने वाली इन आदतों के बारे में...

टाइट जींस, पैंट या अंडरवेयर पहनना

टाइट जींस पहनकर भले ही आप हैंडसम लगते हों, लेकिन ये आपके स्पर्म काउंट के लिए सही नहीं। टाइट कपड़े पहनने से अंडकोष की थैली का टेम्प्रेचर बढ़ने लगता है, जिससे स्पर्म काउंट घटने लगता है। इसी तरह टाइट अंडरवेयर पहनने से भी बचें। एक रिसर्च में पाया गया है कि जो पुरुष ढीले अंडरवियर पहनते हैं, उनके स्पर्म की क्वालिटी टाइट अंडरवियर पहनने वाले पुरुषों से बेहतर होती है।

पर्याप्त नींद न लेना

पर्याप्त नींद न लेने से कई हेल्थ प्रॉब्लम्स तो होती ही हैं, ये आपके स्पर्म की हेल्थ के लिए भी नुकसानदायक है। दरअसल रोज़ाना कम से कम 7 घंटे की नींद न लेने से बॉडी में स्ट्रेस बढ़ाने वाले हार्मोन्स का लेवन बढ़ जाता है। इससे बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन भी गड़बड़ हो जाता है। इसका असर स्पर्म काउंट पर पड़ता है।

एक्सरसाइज़ न करना और मोटापा

बीएमआई का हाई लेवल शरीर में कई बीमारियों के ख़तरे को तो बढ़ाता ही है, फर्टिलिटी को भी प्रभावित करता है। ओबेसिटी से शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल बढ़ जाता है, जो सीधे तौर पर स्पर्म के प्रोडक्शन पर असर करता है। बॉडी में फैट का एक्स्ट्रा लेवल शरीर के टेम्प्रेचर ख़ासकर टेस्टिकल एरिया के तापमान को बढ़ा देता है, जिससे स्पर्म काउंट कम होता है।

शुगर ड्रिंक्स की आदत

अगर आपको कोल्ड ड्रिंक्स या कोई भी शुगर बेस्ड ड्रिंक्स पीने की आदत है, तो इसे भी तुरंत बदल दें, क्योंकि ये भी आपके स्पर्म काउंट पर सीधा असर डालता है। कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में शक्कर की मात्रा बहुत ज़्यादा होती है। इसे रोज़ाना या ज़्यादा पीने से स्पर्म बनने की प्रक्रिया धीमी हो जाती हे।

ड्रिंकिंग और स्मोकिंग

आज के समय में ड्रिंकिंग और स्मोकिंग सोशल लाइफ का हिस्सा बन गया है, लेकिन ड्रिंकिंग या स्मोकिंग से बॉडी में स्ट्रेस हार्मोन का लेवल बढ़ जाता है। इससे स्पर्म काउंट कम होने लगता है। ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार 5 यूनिट शराब पीने से न केवल पुरुषों के स्पर्म की क्वालिटी प्रभावित हो सकती है, बल्कि यह स्पर्म काउंट को भी कम करता है। इसके अलावा स्मोकिंग डीएनए को भी नुकसान पहुंचाता है, जिससे स्पर्म म्यूटेशन को बढ़ावा मिलता है। इसलिए जहां तक हो सके, स्मोकिंग और ड्रिंकिंग से दूर रहें।

लैपटॉप को गोद में रखकर काम करना

अगर आप भी रेग्युलर लैपटॉप को गोद में रखकर काम करते हैं, तो ये भी आपके स्पर्म की हेल्थ के लिए ठीक नहीं। लैपटॉप से निकलने वाली हीट टेस्टिकल्स यानी अंडकोष का तापमान बढ़ा सकती है। टेस्टिकल्स का तापमान सामान्यतः 2 डिग्री होना चाहिए, लेकिन गोद में लैपटॉप रखने से ये तापमान बढ़ जाता है, जिससे आपके स्पर्म को नुकसान पहुंचता है। लंबे समय तक ऐसा करने से स्पर्म काउंट घटता है। इसलिए लैपटॉप को हमेशा मेज़ या बेड पर रख कर काम करें। यदि आप लैपटॉप गोद में रखकर ही काम करने में कंफर्टेबल फील करते हैं, तो एक्स्ट्रा केयर के लिए लैप पैड का इस्तेमाल करें और बीच-बीच में ब्रेक लेते रहें, ताकि हीट बहुत ज़्यादा न हो।

हॉट बाथ

हॉट बाथ से शरीर रिलैक्स भले ही फील करता हो, लेकिन इसका स्पर्म काउंट पर उल्टा असर होता है। दरअसल हॉट बाथ से शरीर के साथ-साथ टेस्टिकल्स यानी अंडकोष का तापमान बढ़ जाता है, जिससे स्पर्म की क्वालिटी ख़राब होती है और स्पर्म काउंट भी घटता है। फर्टिलिटी बनाए रखना चाहते हैं तो रोज़ाना हॉट बाथ से बचें।

सनस्क्रीन

आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन ये सच है कि सनस्क्रीन में मौजूद केमिकल्स आपके स्पर्म काउंट को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए सनस्क्रीन इस्तेमाल करते समय भी सावधानी बरतें। सनस्क्रीन में पाए जानेवाले केमिकल्स स्पर्म काउंट को 33% कम कर सकते हैं। इसमें मौजूद ऑक्टीनॉक्सेट हार्मोन लेवल में बदलाव लाता है, जबकि ऑक्सीबेनज़ोन स्पर्म प्रोडक्शन को धीमा कर देता है। इसलिए बेहतर होगा कि धूप में कम ही निकलें और अगर सनस्क्रीन अप्लाई कर रहे हैं, तो धूप से लौटते ही तुरंत चेहरा धो लें।