हम क्या खाते हैं. कितना खाते हैं. हमारा मूड, पर्सनैलिटी हर एक चीज का हमारी उम्र के साथ सीधा कनेक्शन होता है. उम्र बढ़ने के लक्षण सबसे पहले बालों और स्किन पर नज़र आते हैं। उम्र बढ़ने से स्किन बूढ़ी दिखने लगती है, स्किन पर झुर्रियों,झाइयां और महीन लकीरें दिखने लगती हैं, जिनसे चेहरे पर बुढ़ापा साफ दिखता है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनकी उम्र ज्यादा नहीं होती लेकिन उनकी स्किन बूढ़ी दिखती है। आज हम आपको रोजमर्रा से जुड़ी कई बुरी आदतों के बारे में बताने जा रहे है जो तेजी से आपको बूढ़ा बना रही हैं...
दिनभर बैठे रहनादिनभर कुर्सी पर बैठे रहना भी इंसानों के लिए खतरनाक है। गतिहीन जीवनशैली एजिंग की समस्या को ट्रिगर करती है। लम्बे समय तक बैठने से विभिन्न अंगों को नुकसान हो सकता है। लम्बे समय तक बैठने से क्रॉनिक डिसीस का जोखिम बढ़ाने से लेकर कोलेस्ट्रॉल, कोविड, कैंसर, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, डिप्रेशन और एन्जाइटी से मौत की संभावनाएं बढ़ती हैं। जब आप केवल बैठे रहते हैं तो पीठ और पेट की मांसपेशियां ढीली पड़ने लगती हैं। इसी स्थिति के चलते आपके कूल्हे और पैरों की मांशपेशियां कमजोर पड़ने लगती हैं। लंबे समय तक एक स्थिति में बैठने का परिणाम यह भी हो सकता है कि आपकी रीढ़ की हड्डी भी पूरी तरह से सीधी न रह सके। लंबे समय तक बैठे रहने से लोगों का वजन भी बढ़ता है और इसके परिणामस्वरूप कूल्हे और इसके नीचे के अंगों की हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। यह बुरी आदत इंसान को तेजी से बुढ़ापे की ओर धकेल रही है।
अनहेल्दी फूडइंसान की जीवन रेखा को कम करने में अनहेल्दी फूड का भी बड़ा रोल है। जो लोग रोजाना या हर 1-2 दिन में अनहेल्दी फूड का सेवन करते हैं उन्हें हाई कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol) और हाई ब्लड प्रेशर (High blood pressure) की समस्या हो सकती है। इसके अलावा ये अनहेल्दी फूड हार्ट प्रॉब्लम, वजन बढ़ना, किडनी समस्या, मुंहासे, पेट संबंधिक समस्याएं आदि का कारण बन सकते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अनहेल्दी चीजें खाने से इंसान की उम्र तेजी से बढ़ती है। इसलिए बाजार में बिकने वाले अनहेल्दी फूड से दूरी बनाना बेहद जरुरी है।
हंसने से परहेजहंसने में कंजूसी करना स्ट्रेस लेवल को बढ़ाता है। जो हमारे बॉडी सेल्स की फाइटिंग इंफेक्शन कैपिसिटी को प्रभावित कर सकता है। हंसने से शरीर में अच्छा फील कराने वाले हार्मोन रिलीज होते हैं, जो हमे दुरुस्त और सेहतमंद बनाए रखते हैं।
घर में कैद रहनाकोरोना की महामारी के चलते हर किसी ने घर में कैद रहने की आदत डाल ली है। ऐसा करना हमारी सेहत के लिए नुकसानदायक है। घर में कैद रहने से हमारी मानसिक सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है और एजिंग प्रोसेस भी तेज होता है। ऐसे में आप सुबह शाम घूमने-टहलने के लिए जाए।
ज्यादा स्क्रीन टाइमलंबे समय तक मोबाइल और लैपटॉप से चिपके रहना आंखों को सबसे पहले प्रभावित करता है। कंप्यूटर, लैपटॉप या फिर मोबाइल से निकलने वाली ब्लू रेज के कारण आंखों में सूखापन आ जाता है। साथ ही लैपटॉप या स्मार्टफोन से निकलने वाली रोशनी भी एजिंग प्रोसेस को प्रोमोट करने का काम करती है। स्टडीज के मुताबिक, मोबाइल फोन स्क्रीन से निकलने वाली रोशनी से भी इंसान की जीवन रेखा प्रभावित होती है।
कम नींद लेना
एक सेहतमंद जिंदगी के लिए पर्याप्त नींद लेना बहुत जरूरी होता है। नींद पूरी ना होने से बॉडी थका हुआ महसूस करती है। इससे मूड भी खराब होता है। मूड में अचानक से कई बदलाव होने लगते है। इसके साथ ही आप स्ट्रेस में भी रहने लगते है। नींद पूरी ना होने से ना सिर्फ बॉडी को बल्कि दिमाग को भी पूरी तरह से आराम नहीं मिल पाता। जिसकी वजह से बॉडी पेन, अकड़न, सिर में भारीपन, चिड़चिड़ेपन जैसी प्रॉब्लम्स होने लगती है। पूरी नींद ना लेना इम्मयून सिस्टम पर बुरा असर डालता है। जिससे आप बहुत जल्दी बीमारियों की चपेट में आ सकते है। स्टडीज की मानें तो अपर्याप्त नींद हमारी कोशिकाओं पर बुरा असर डालती हैं। इसलिए जवां रहने के लिए अच्छी नींद लेना भी बहुत जरूरी होता है।