ज्यादा देर तक सोना सेहत के लिए है बेहद खतरनाक, समय से पहले हो सकती है मौत

यह सच है कि रात की अच्छी नींद सेहत के लिए जरूरी है, हर इंसान के लिए 8 घंटो तक सोना ही उचित रहता है। लेकिन ओवरस्लीपिंग से डायबिटीज, हृदय रोग और मृत्यु के बढ़ते जोखिम सहित कई समस्या समस्याएं हो सकती हैं। आपके लिए जरूरी नींद की मात्रा आपके जीवनकाल के दौरान महत्वपूर्ण रूप से अलग-अलग होती है। यह आपकी उम्र और आपकी दिन चर्या पर निर्भर करती है। एक्सपर्ट आमतौर पर सलाह देते हैं कि वयस्कों को हर रात 7-9 घंटे की नींद लेनी चाहिए। लेकिन अगर आप इससे ज्यादा सोते है तो आप कई तरह की शारीरिक परेशानियों का सामना कर सकते है। ऐसे में आज हम आपको ज्यादा देर तक सोने के कुछ साइड इफेक्‍ट के बार में बताने जा रहे है।

डायबिटीज

शोध में सामने आया है कि ज्यादा सोना या कम सोना दोनों ही स्तिथि में डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है। बहुत अधिक नींद शरीर में शुगर को संसाधित करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है और ग्लूकोज सहिष्णुता को बिगाड़ सकता है। इस कारण आपको टाइप 2 मधुमेह का खतरा ज्‍यादा बढ सकता है।

मोटापा

आपका कम सोना या ज्यादा सोना शरीर के वजन हो भी प्रभावित करता है। एक शोध में सामने आया है कि जो लोग रात को 9-10 घंटे सोते है उनका वजन 7-8 घंटे सोने वाले लोगों की तुलना में छह साल की अवधि में 21% अधिक मोटे होने की संभावना होती है। नींद और मोटापे के बीच यह संबंध तब भी बना रहा जब भोजन के सेवन और व्यायाम को ध्यान में रखा गया। नींद और मोटापे के बीच यह संबंध तब भी बना रहा जब भोजन के सेवन और व्यायाम को ध्यान में रखा गया।

सिरदर्द

कुछ लोगों को सिरदर्द होने की संभावना होती है। वीकेंड या छुट्टी के दिन सामान्य से अधिक समय तक सोने से सिर में दर्द हो सकता है। शोधकर्ताओं का मानना ​​है कि यह सेरोटोनिन सहित मस्तिष्क में कुछ न्यूरोट्रांसमीटर पर नींद के प्रभाव के कारण होता है। जो लोग दिन में बहुत अधिक सोते हैं और रात की नींद में खलल डालते हैं, वे भी सुबह सिरदर्द से पीड़ित हो सकते हैं।

पीठ दर्द

एक समय था जब डॉक्टर पीठ दर्द से पीड़ित लोगों को सीधे बिस्तर पर जाने की बात कहते थे, लेकिन वे दिन लंबे चले गए। जब आप पीठ दर्द का अनुभव कर रहे हों तो आपको अपने नियमित व्यायाम कार्यक्रम को कम करने की भी जरूरत नहीं हो सकती है। अपने डॉक्टर से जांच करें। जब भी संभव हो, वे सामान्य से अधिक सोने की सलाह देते हैं।

अवसाद

हालांकि अनिद्रा ज्यादा सोने की तुलना में अवसाद से अधिक जुड़ी हुई है। अवसाद से ग्रस्त लगभग 15% लोग बहुत अधिक सोते हैं। यह बदले में उनके अवसाद को और खराब कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ठीक होने की प्रक्रिया के लिए नियमित नींद की आदतें जरूरी हैं। जब भी हम अधिक देर तक सोते हैं तो इसका असर हमारे दिमाग पर बहुत गहरा पड़ता है। इससे हमारी याददाश्त कमजोर होने लगती है।

दिल की बीमारी

एक अध्ययन से पता चलता है कि जो महिलाएं प्रति रात नौ से 11 घंटे सोती हैं, उनमें आठ घंटे सोने वाली महिलाओं की तुलना में कोरोनरी हृदय रोग होने की संभावना 38% अधिक होती है। शोधकर्ताओं ने अभी तक अधिक नींद और हृदय रोग के बीच संबंध के कारण की पहचान नहीं की है।

कब्‍ज की समस्‍या

जो लोग ज्‍यादा देर तक सोते हैं उनको हमेशा कब्‍ज की परेशानी रहती है। पेट ठीक रखने के लिये नियमित रूप से कसरत करना जरुरी है।

समय से पहले मौत

ज्‍यादा देर सोने से आपकी मौत जल्‍दी को सकती है। यह बात रिसर्च में प्रूफ की गई है। वे लोग जो नींद कम लेते हैं और वे लोग जो ज्‍यादाा सोते हैं, उन्‍हें मौत का खतरा जल्‍दी होता है। 8 घंटे की नींद हर मनुष्‍य के लिये काफी है।