गर्भधारण की चाह रखने वाली महिलाओं के लिए हानिकारक है करेला, जाने और नुकसान

करेला प्रकृति की एक अनमोल देन है। इसे सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। करेले के सेवन से डायबिटीज में लाभ, वजन घटाने तथा ऐसे कई फायदे होते हैं। लेकिन हर किसी के लिए करेले का अत्याधिक सेवन सिर्फ फायदों से भरा हो, ऐसा जरूरी नहीं है। विभिन्न शोधों के आधार पर जानें करेले का अधिक सेवन करने के ये साइड इफेक्ट जो आपको अब तक नहीं पता होंगे। प्रेगनेंसी में, बच्चों के लिए, लिवर, दिल की धड़कन आदि के लिए करेला नुकसानदायक हो सकता हैं। तो चलियें जानते हैं करेले के नुकसान।

* प्रेगनेंसी में नुकसानदायक :

करेले के जूस में मोमोकैरिन नामक तत्व होता है जो पीरियड्स के बहाव को बढ़ा देता है। गर्भावस्था के दौरान करेले का अधिक सेवन करने से गर्भपात तक हो सकता है। कई बार इसके अधिक सेवन से प्रेगनेंसी के दौरान पीरियड्स की स्थिति भी पैदा हो सकती है। साथ ही करेले में एंटी लैक्टोलन तत्व भी होते हैं, जो गर्भावस्था के दौरान दूध बनने की प्रक्रिया में परेशानी डालते हैं।

* फर्टिलिटी पर प्रभाव :

गर्भावस्था ही नहीं बल्कि गर्भधारण की चाह रखने वाले महिलाओं के लिए करेला नुकसानदायक हो सकता है। करेले में मौजूद तत्व फर्टिलिटी संबंधित दवाओं का प्रभाव खत्म कर देता है।

* बच्चों के लिए हानिकारक :

करेला का अधिक सेवन बच्चों के लिए हानिकारक हो सकता है। दरअसल करेले के बीज को कवर करने वाले लाल तत्व विषाक्त होते हैं। इसका सेवन करने से बच्चों को उलटी या दस्त का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा यदि आपके बच्चे को एलर्जी है तो उसे करेले का सेवन न करने दें।

* लिवर व किडनी संबंधी रोगियों को नुकसान :

लिवर व किडनी के मरीजों के लिए भी करेले का अत्याधिक सेवन हानिकारक साबित हो सकता है। यह लिवर में एन्जाइम्स के निर्माण को बढ़ा देता है जिससे लिवर प्रभावित होता है। वहीं करेले के बीजों में लेक्टिन नामक तत्व होता है जो आंतों तक प्रोटीन के संचार में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

* हाइपोग्लाइकेमिया कोमा :

करेले के नुकसान में एक नुकसान हाइपोग्लाइकेमिया कोमा नामक मानसिक समस्या का पैदा होना भी है। करेले का अधिक सेवन करने से शुगर कम हो जाती है। यह रक्त में शुगर के स्तर को इतना कम कर देती है कि इससे हाइपोग्लाइकेमिया कोमा की समस्या पैदा हो जाती है।

* हीमोलाइटिक एनीमिया :

करेले का अधिक सेवन करने से हीमोलाइटिक एनीमिया की समस्या हो सकती है। इस स्थिति में पेट दर्द, सिर दर्द, बुखार या कोमा की स्तिथि उत्पन्न हो सकती है।