टीवी के जाने-माने एक्टर सिद्धांत वीर सूर्यवंशी का शुक्रवार सुबह 46 साल की उम्र में हार्ट अटैक से निधन हो गया। बताया जा रहा है कि सिद्धांत को जब हार्ट अटैक आया उस समय वह जिम में वर्कआउट कर रहे थे। हार्ट अटैक आने के बाद सिद्धांत को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। आपको बता दे, इससे पहले जिम में वर्कआउट करते समय मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव कार्डियक अरेस्ट आया था। राजू श्रीवास्तव का अस्पताल में कई दिनों तक इलाज चलता रहा लेकिन डॉक्टर द्वारा की गई तमाम कोशिशो के बावजूत राजू श्रीवास्तव को नहीं बचाया जा सका।
जिम में वर्कआउट के दौरान हार्ट अटैक आने के मामले बीते कुछ सालों में काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। ऐसे में आज हम आपको बताते है कि आखिर वर्कआउट करने के दौरान हार्ट अटैक क्यों आता है।
हार्ट अटैक क्या है?मेडिकल की भाषा में समझे तो हार्ट अटैक को मायोकार्डियल इनफार्क्शन (Myocardial infarction) के रूप में जाना जाता है। 'मायो' शब्द का अर्थ है मांसपेशी जबकि ‘कार्डियल’ हृदय को दर्शाता है। वहीं दूसरी ओर, 'इनफार्क्शन' अपर्याप्त रक्त आपूर्ति के कारण टिश्यू के नष्ट होने को संदर्भित करता है। टिश्यू के नष्ट होने से हृदय की मांसपेशियों को लंबे समय तक नुकसान पहुंच सकता है। इंसान को उस समय हार्ट अटैक आता है, जब दिल को खून पहुंचाने वाले सिस्टम में रुकावट आने लगती है। कभी-कभी दिल की मांसपेशियों के एक हिस्से में ऑक्सीजन युक्त ब्लड का प्रवाह धीमा या कई मामलों में ब्लॉक भी हो जाता है। ऐसे में अगर ब्लड फ्लो को जल्द से जल्द ठीक नहीं किया जाता है तो मांसपेशियों में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है जिसके चलते हार्ट मसल्स मरने लगती हैं। हालांकि, हार्ट अटैक के दौरान दिल धड़कता रहता है जबकि कार्डियक अरेस्ट में ऐसा नहीं होता है। कार्डियक अरेस्ट का मतलब है, दिल काअचानक धड़कना बंद कर देना। यह किसी के साथ भी हो सकता है और इसके पीछे कई तरह की वजहें भी हो सकती हैं, जिसमें दिल का दौरा भी शामिल है। यह एक मेडिकल एमर्जेंसी होती है जिसमें फौरन CPR करने की ज़रूरत पड़ती है। कार्डियक अरेस्ट होने पर व्यक्ति को सीने जलन, सांस लेने में दिक्कत, सीने में तेज़ दर्द और चक्कर जैसे लक्षणों का अनुभव होता है। इस दौरान पल्स और ब्लड प्रेशर एकदम रुक जाता है, इसलिए मरीज़ की जान बचाना काफी मुश्किल होता है।
वर्कआउट करते समय क्यों आता है हार्ट अटैक?अब सवाल उठता है कि आखिर वर्कआउट करते समय हार्ट अटैक क्यों आता है। ऐसे में डॉक्टर्स का कहना है कि अपनी शारीरिक क्षमताओं को ध्यान में रखते हुए व्यक्ति को एक्सरसाइज करनी चाहिए क्योंकि शरीर की भी एक क्षमता होती है। कई बार शारीरिक क्षमता कम होने के बावजूद भी लोग जिम में जरुरत से ज्यादा एक्सरसाइज करते हैं जिसकी कारण उनके दिल पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। मैराथन रनर्स पर हुई एक स्टडी के मुताबिक, जब लोग अपना रनिंग ईवेंट पूरा कर लेते हैं तो उनके ब्लड सैंपल में हार्ट डैमेज से जुड़े बायोमार्कर बन जाते हैं। हालांकि, ये समय के साथ अपने आप रिकवर भी हो जाते हैं। लेकिन जब हमारे हार्ट पर लगातार स्ट्रेस रहता है तो ये टेंपरेरी डैमेज गंभीर रूप ले लेते हैं। इसके अलावा,जो लोग पहले से ही किसी हार्ट की बीमारी का शिकार होते हैं, उनके साथ भी यह समस्या हो सकती है।
वर्कआउट करते इन बातों का रखे ध्यानअक्सर देखा गया है कि लोग मस्क्यूलर बॉडी बनाने के चक्कर में काफी अधिक वेट ट्रेनिंग करने लगते हैं। ऐसा करने से उन्हें कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि आप जिम ज्वॉइन करने के तुरंत बाद ही हैवी वेट टॅनिंग करने की बजाय पहले अपना एक लक्ष्य बनाएं और धीरे -धीरे उस लक्ष्य तक पहुंचने की कोशिश करें। यह कहना है अमेरिका के लॉस एंजलिस में एक हार्ट इंस्टिट्यूट के एसोसिएट डायरेक्टर सुमित चौग का।
किन लोगों को होता है दिल की बीमारियों का ज्यादा खतरा उम्र पर निर्भर करता है दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा। माना जाता है कि रोजाना एक्सरसाइज करने वाले कम उम्र के लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है जबकि रोजाना एक्सरसाइज करने वाले बूढ़े लोगों को दिल की बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा होता है। लेकिन बीते कुछ समय से ये देखा गया है कि कम उम्र के लोगों में भी दिल की जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी अधिक हो गया हैं।
कैसे रोके हार्ट अटैक का खतरा?अब मन में यह सवाल उठता है कि आखिर इस खतरे से कैसे बचा जा सकता है। ऐसे में डॉक्टर्स का कहना है कि अगर आप हफ्ते में कुछ दिन वर्कआउट करते हैं तो ये ठीक है। लेकिन वर्कआउट करने की बजाय अगर आप अधिक समय बैठे या लेटे रहते हैं तो इससे आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। दिल को हेल्दी बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप एक्टिव रहें। अगर आपकी जॉब डेस्क पर बैठे रहने की है तो हर एक घंटे में उठकर थोड़ी टहल लें।
समय-समय पर करवाएं ये चेकअपदिल की सेहत को लेकर सबसे पहले स्ट्रेस करना छोड़ दीजिए क्योंकि ये भी दिल पर बुरा असर डाल सकता है साथ ही समय-समय पर अपना ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल चेक करते रहे। साथ ही एक जरुरी बात है जिस पर भी ध्यान रखना बेहद जरुरी है वे है आपके परिवार में किसी भी प्रकार के ह्रदय रोग या अन्य बीमारियों की हिस्ट्री। अक्सर हम इस बात पर गौर नहीं करते हैं। जरूरी नहीं कि परिवार में किसी को ह्रदय रोग हों तो आपको भी होंगे ही लेकिन इसकी आशंका हमेशा हो सकती है। इसलिए आपके परिवार में यदि हाई बीपी, हाई शुगर, कोलेस्ट्रॉल आदि भी एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक आया है तो जरूरी है कि आप कम उम्र से ही अपने रूटीन में स्वास्थ्यवर्धक आदतों को डाल लें।
हार्ट से बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि आप एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें और डाइट में हेल्दी चीजों का सेवन करें। भोजन में अधिक से अधिक फाइबर और गुड फैट्स जैसे ओमेगा-3 फैटी एसिड्स को डाइट में शामिल करें। साबुत अनाज, साबुत फल, हरी सब्जियां, आदि का सेवन करें। साथ ही सफेद दुश्मनों यानी नमक, शकर और चावल का सेवन कम से कम कर दें।
इस चीजों का ना करें सेवनदिल को स्वस्थ रखने के लिए जरुरी है कि आप अधिक मात्रा में शराब, कैफीन और सिगरेट का सेवन ना करें। इनका दिल की सेहत पर भी बहुत बुरा असर पड़ता है। इनसे दूरी बनाए रखें या सेवन कम से कम करें। शराब का अधिक सेवन करने से खून में फैट की मात्रा बढ़ने लगती है और धीरे-धीरे ये फैट धमनियों में जमने लगता है और धमनियां सिकुड़ने लगती हैं जिससे ब्लड का फ्लो कम हो जाता है और दिल तक खून को पहुंचने में परेशानी होती है। इससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है। सिगरेट भी आपके दिल के लिए काफी खतरनाक होती है। अगर आप सिगरेट नहीं पीते हैं तो पीने वाले लोगों से भी कम से कम उस समय दूर रहिए, जब वो सिगरेट पी रहे हों। सिगरेट आपके हार्ट और रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है।
हार्ट को स्वस्थ रखने के लिए अपनी डाइट से सोड़ा ड्रिंक्स को हटा देना चाहिए। ज्यादा सोड़ा वाली चीजें पीने से शरीर को नुकसान पहुंचता है। इससे हार्ट को काफी नुकसान होता है। अगर आप कभी कभार इसका सेवन करते हैं तो ठीक है लेकिन रोजाना इसका सेवन से खतरा पैदा कर सकता है
इसके अलावा ज्यादा केक, कुकीज और मफिन खाने से भी हार्ट पर काफी नुकसान पहुंचता है। इस तरह के खाने में शुगर बहुत ज्यादा होती है, जिससे मोटापा बढ़ता है। मोटापा हार्ट और डायबिटीज जैसी बीमारियों को बढ़ावा देता है।