महिलाएं सैनिटरी पैड्स की जगह इन 5 चीजों का भी कर सकती हैं इस्तेमाल, क्या आपको है इनकी जानकारी?

महिलाओं को हर महीने पीरियड्स होते हैं। पीरियड को माहवारी भी कहते हैं। पीरियड महिलाओं में होने वाली एक प्राकृतिक क्रिया है पीरियड के दौरान गर्भाशय के अंदर से रक्त और उत्तक योनि के द्वारा बाहर निकलते हैं। पीरियड्स के दौरान आमतौर पर 3-7 दिनों तक ब्लीडिंग होती है। भले ही पीरियड्स का आना एक नैचुरल प्रोसेस है, लेकिन इसके बावजूद इस दौरान हाइजीन का पूरा ख्याल रखना बेहद जरुरी है। पीरियड्स में साफ-सफाई का ख्याल रखने और दाग से बचने के लिए महिलाएं सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल करती हैं। इसके पीछे उनका कंफर्ट और इसके विकल्पों की जानकारी ना होना वजह हैं। लेकिन क्या पीरियड्स के दौरान सिर्फ सैनिटरी पैड ही इस्तेमाल किया जा सकता है?

आपको बता दे, लंबे समय तक सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल करने से उनकी सेहत पर बुरा असर भी पड़ सकता है। इसके अलावा, यह वातावरण के लिए भी नुकसानदायक है। दरअसल, सैनिटरी पैड प्लास्टिक से बना होता है और इसे पूरी तरह से डीकंपोज होने में 500 साल से अधिक का समय लग सकता हैं। वहीं, लम्बे समय तक सैनिटरी पैड्स का इस्तेमाल हेल्थ और स्किन प्रॉब्लम्स (जैसे जायनल माइक्रोफ्लोरा बैलेंस का बिगड़ना, यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, स्किन रैशेज, जेनाइटल ट्रैक्ट इंफेक्शन) का कारण भी बन सकता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ सैनिटरी पैड्स के विकल्पों के बारे में बताने जा रहे हैं...

टैम्पोन (Tampon)

सैनिटरी पैड्स के बाद सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाली चीज टैम्पोन है, जो पीरियड्स के दौरान हाइजीन को बनाए रखने में मदद करती है। हालांकि, यह भी सैनिटरी पैड्स की तरह इको-फ्रेंडली नहीं है, लेकिन इससे हेल्थ और स्किन प्रॉब्लम्स से छुटकारा पाया जा सकता है। वहीं, यह इस्तेमाल में भी काफी आसान होता है।

क्लॉथ पैड्स इस्तेमाल करें

क्लॉथ पैड्स एकदम सैनिटरी पैड्स की तरह दिखते और इस्तेमाल होते हैं। इनको इस तरह से बनाया जाता है कि आप इसे धोकर दोबारा इस्तेमाल कर सकती हैं। कपड़े और कॉटन से बने होने की वजह से यह इको-फ्रेंडली भी है। इसे बनाने में सैनिटरी पैड्स की तरह अन्य टॉक्सिक चीजें इस्तेमाल नहीं की जाती हैं और इसका इस्तेमाल हेल्थ और स्किन प्रॉब्लम्स का खतरा भी पैदा नहीं करता है।

मेंस्ट्रुअल कप (Menstrual Cup)

टैम्पोन की तरह मेंस्ट्रुअल कप को भी वजायना में इंसर्ट किया जाता है। सैनिटरी पैड्स और टैम्पोन के मुकाबले इसमें एक बार में ज्यादा ब्लड कलेक्ट किया जा सकता है। सैनिटरी पैड के इस विकल्प को महिलाएं 3 से 5 साल तक इस्तेमाल कर सकती हैं। जिसकी वजह से इसे भी इको-फ्रेंडली की लिस्ट में रखा जाता है।

मेन्स्ट्रुअल स्पॉन्ज (Menstrual Sponge)

मेन्स्ट्रुअल स्पॉन्ज के बारे में बहुत कम महिलाएं जानती हैं। यह सैनिटरी पैड्स का अगला ऑप्शन है। मेन्स्ट्रुअल स्पॉन्ज को सी-स्पॉन्ज (sea sponge) भी कहा जाता है, क्योंकि इसे समुद्र से निकाला जाता है। यह पूरी तरह नैचुरल होता है और इसे 6 महीने तक री-यूज भी किया जा सकता है। टैम्पोन की तरह मेन्स्ट्रुअल स्पॉन्ज को भी वजायना में इंसर्ट किया जाता है और इसकी अब्जोर्प्शन कैपासिटी भी काफी अच्छी है। यह इको-फ्रेंडली होने के साथ स्किन फ्रेंडली भी है क्यूंकि इसमें किसी भी तरह की ब्लीच, क्लोरीन, कैमिकल या सिंथेटिक मटेरियल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

मेंस्ट्रुअल डिस्क (Menstrual Disc)

महिलाएं पीरियड्स के दौरान सैनिटरी पैड की जगह मेंस्ट्रुअल डिस्क भी इस्तेमाल कर सकती हैं। यह भी मेंस्ट्रुअल कप की तरह इंसर्ट की जाती है लेकिन इसकी प्लेसमेंट मेंस्ट्रुअल कप के मुकाबले वजायना के अंदर थोड़ी आगे की जाती है। मेंस्ट्रुअल कप सर्विक्स के नीचे प्लेस किया जाता है और मेंस्ट्रुअल डिस्क वजायनल कैनाल और सर्विक्स के मिलने वाली जगह वजायनल फोर्निक्स पर प्लेस की जाती है। इसका इस्तेमाल 12 घंटे तक किया जा सकता है।