आपके बच्चे का नहीं लगता पढ़ाई-लिखाई में मन, तो याददाश्त बढ़ाने में यह फूल करेगा आपकी मदद; होगी चिंता दूर

गुलाब का नाम सुनते ही होंठो पर एक हल्की मुस्कान आ जाती है. फूल इतना मनमोहक होता है कि सबका दिल महक और सुंदरता से मोह लेता है। गुलाब का फूल मोहब्बत का इजहार, ईश्वर के चरणों पर चढ़ाने और चेहरे की खूबसूरती बढ़ाने के काम तो आता ही है लेकिन अगर हम आपसे कहे कि इसकी मदद से आप अपने बच्चे का मन पढ़ाई-लिखाई में भी लगा सकते है तो यह जानकर खुश जरुर होंगे. तो चलिए हम आपको बताते है कि कैसे...

प्राकृतिक खुशबू कई गुणों से भरपूर होती है। सुगंध व्यक्ति को तनावमुक्त रखने के साथ शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करती है। किसी भी तरह की खुशबू का व्यक्ति के मस्तिष्क पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है। फिर चाहे वो सकारात्मक हो या नकरात्मक। दोनों ही चीजें इस बात पर निर्भर करती हैं कि आखिर खुशबू कैसी है। एक अच्छी खुशबू व्यक्ति के बिगड़े हुए मिजाज को भी तुरंत ठीक कर सकती है। ऐसे ही गुणों से भरी हुई है गुलाब के फूल की खुशबू।

विज्ञान पत्रिका साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित एक अध्ययन में सामने आया है कि गुलाब की सुगंध या उसकी सुंगध वाली अगरबत्तियों के सपंर्क में रहने से याददाश्त और सीखने की क्षमता बेहतर हो सकती है।

गुलाब की सुंगध पर शोध करने वाले शोधकर्ताओं ने कुछ छात्रों को अपने घर की मेज पर गुलाब या सुगंधित अगरबत्ती लगाने के लिए कहा। इन्हीं छात्रों को रात में बिस्तर पर सोने से पहले साइड टेबल पर गुलाब या सुगंधित अगरबत्ती लगाने के भी कहा गया। जबकि, बाकी बचे हुए विद्यार्थियों को सामान्य तौर पर ही रोजमर्रा के काम करने के लिए कहा गया।

जर्मनी स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ फ्रीबर्ग के शोध प्रमुख जुर्गन कोर्नमीयर ने कहा, 'जब सोने और सीखने के लिए पास में गुलाब या अगरबत्ती का प्रयोग किया गया, तब विद्यार्थियों ने 30 प्रतिशत के साथ पढ़ाई में सफलता दिखाई'।

स्टूडेंट्स पर किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया कि गुलाब की खुशबू से नींद अच्छी आती है और पढ़ने, याद करने की क्षमता में भी सुधार आता है।

गुलाब के फायदे-

- गुलाब जल त्वचा में ऑयल को नियंत्रित करके पीएच बैलैंस को बनाए रखने में मदद करता है।
- गुलाब जल और नींबू के रस से बना टॉनिक चेहरे पर लगाने से कील, मुंहासे कम होते हैं।
- रूई के फाहे को गुलाब जल में भिगोकर इससे चेहरा साफ करने से यह प्राकृतिक टोनर का काम करता है।
- गुलाब की खुशबू से मानसिक तनाव व शारीरिक थकान भी दूर होती है।
- गुलाब जल में मौजूद एंटी-सेप्टिक और जीवाणुरोधी गुण आंखों को धूल, गंदगी, लालिमा और मेकअप उत्पादों के केमिकल से होने वाले नुकसान से बचाते हैं।

- गुलाब के फूलों को पीसकर लगाने से पलकों की सूजन कम होने लगती है।
- गुलाब के पत्तों को पीसकर लेप करने से सिर में होने वाले घाव, नेत्राभिष्यन्द या केटेरेक्ट (मोतियाबिंद) , दंतरोग तथा अर्श या पाइल्स में लाभ पहुँचाता है।
- 2-4 ग्राम गुलाब फूल के चूर्ण को शहद के साथ सेवन करने से कब्ज, उदावर्त तथा अतिसार या दस्त में लाभ होता है।
- गुलाब के फूलों के तेल में पकाकर, छानकर, तेल को गुदा पर लगाने से गुदा की सूजन कम हो जाती है।
- गुलाब के फूलों को पीसकर योनि में लगाने से प्रदर में लाभ होता है तथा फूल और जड़ो को पीसकर व्रण या घाव पर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है।
- गुलाब के फलों को पीसकर घाव के ऊपर डालने से घाव से बहता हुआ खून कम होने लगता है और घाव जल्दी सूखने लगता है।
- अगर बुखार कम होने का नाम नहीं ले रहा है तो गुलाब से बने गुलकन्द का सेवन करने से पित्त ज्वर में लाभ होता है।