कोरोना वायरस की आयुर्वेदिक दवाई के रूप में बाबा रामदेव ने लॉन्च की 'कोरोनिल', जानें इसके बारे में

कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता ही जा रहा हैं और दुनियाभर में इससे होने वाले संक्रमितों की संख्या का आंकड़ा अब जल्द ही 1 करोड़ को पार कर लेगा। लंबे समय से इस बीमारी के इलाज के लिए दवाई ढूंढी जा रही हैं लेकिन अभी तक कुछ खास हाथ नहीं लगा हैं। इस बीच बाबा रामदेव द्वारा 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' (Divya Coronil Tablet) लॉन्च की गई हैं जिसे कोरोना वायरस की पहली आयुर्वेदिक दवाई माना जा रहा हैं। लॉन्च के दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि हमने क्लीनिकल कंट्रोल स्टडी की और 100 लोगों पर इसका टेस्ट किया गया। तीन दिन के अंदर 65 फीसदी मरीज पॉजिटिव से निगेटिव हो गए। आइए जानते हैं इस दवा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातो के बारे में।

पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, कोरोना की इस खास आयुर्वेदिक दवा को तैयार करने के लिए शास्त्रों और वेदों को पढ़कर उसे विज्ञान के फॉर्मूले में ढाला गया, जिसके परिणाम स्वरूप इस आयुर्वेदिक दवा को तैयार किया जा सका है। आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल में गिलोय, अश्वगंधा, तुलसी, श्वसारि रस और अणु तेल का मिश्रण है।

कंपनी का दावा है कि कोरोना मरीजों के लिए यह दवा कारगर होगी। कारण कि क्लिनिकल ट्रायल के दौरान ही 100 में से 65 मरीजों पर इस दवा ने असर दिखाया है। आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, यह दवा दिन में दो बार, सुबह और शाम को ली जा सकती है।

पतंजलि के दावे के अनुसार दवा में मौजूद अश्वगंधा, कोरोना के रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन (RBD) को शरीर के एंजियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एंजाइम (ACE) से नहीं मिलने देता। यानी कोरोना इंसानी शरीर की स्वस्थ्य कोशिकाओं में घुस नहीं पाता। वहीं, इसमें मौजूद गिलोय कोरोना संक्रमण को रोकता है। तुलसी कोरोनो वायरस के आरएनए RNA पर अटैक करती है और उसे मल्टीप्लाई होने यानी संख्या बढ़ाने से रोकती है।

आचार्य बालकृष्ण के मुताबिक, 'दिव्य कोरोनिल टैबलेट' जल्द ही बाजार में उपलब्ध होगी। कंपनी की ओर से इसके साथ श्वसारि वटी टैबलेट भी बेची जाएगी। श्वसारि रस कफ में गाढ़े बलगम को बनने से रोकता है। साथ ही यह बने हुए बलगम को खत्म कर फेफड़ों में सूजन को कम करता है।

कोरोना मरीजों के लिए आयुवेर्दिक दवा कोरोनिल को पतंजलि रिसर्च इंस्टीट्यूट और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, जयपुर ने मिलकर तैयार किया है। फिलहाल इस दवा का उत्पादन हरिद्वार की दिव्य फार्मेसी और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड कर रहे हैं। पतंजलि आयुर्वेद के सीईओ आचार्य बालकृष्ण ने दावा किया है कि यह दवा कोरोना के मरीजों के लिए बहुत असरदार साबित होगी।

भारतीय दवा नियामक से अप्रूवल के बाद, दवा का क्लिनिकल ट्रायल इंदौर और जयपुर में हुआ। बाबा रामदेव ने कहा कि पहले आयुर्वेद का क्लिनिकल ट्रायल बहुत मुश्किल था, लोग समझते थे कि कोई बला गले ना पड़ जाए। लेकिन ये दवा बला को दूर करने वाली बन गई।