भारत पहुंचा चीन वाला कोरोना वैरिएंट, गंध की कमी-सांस लेने में समस्या समेत ये 18 लक्षण दिखें तो हो जाएं अलर्ट

दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामले एक बार फिर चिंता बढ़ा रहे हैं। चीन, जापान, अर्जेंटीना, दक्षिण कोरिया, अमेरिका और ब्राजील जैसे देशों में केस बढ़ने शुरू हो गए हैं। मरीजों के बढ़ते हुए आंकड़ों को देखते हुए भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी मीटिंग बुलाई जिसमें कई अहम फैसले लिए गए। चीन में कोविड-19 मामलों में उछाल के लिए जिम्मेदार ओमिक्रॉन के BF.7 वैरिएंट (BF.7 variant of Omicron) के कुल 4 मामले भारत में भी दर्ज किए गए है। जिनमें तीन गुजरात से और एक ओडिशा से थे। गुजरात में जो 61 वर्षीय एनआरआई महिला कोविड पॉजिटिव पाई गई है उसे वैक्सीन की तीन डोज लगी हुई थीं।

यह तो हम सभी देख रहे है कि कोरोना वायरस लगातार म्यूटेट हो रहा है और म्यूटेशन के कारण इसके लक्षणों में भी बदलाव देखने को मिल रहा है। कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जिनमें वैक्सीनेशन करा चुके लोग भी संक्रमित हो रहे है।दरअसल, कई ऐसे लक्षण हैं जिन्हें कोई भी इंसान सामान्य मानकर अनदेखा कर देता है लेकिन वे लक्षण कोरोना के भी हो सकते हैं। यूके की हेल्थ स्टडीऐप ZOE पर संक्रमित हुए लोग अपने लक्षण बताते हैं। इस ऐप पर पिछले कुछ दिनों में संक्रमित लोगों ने कौन से लक्षणों के बारे में बताया है? इस बारे में जान लीजिए।

Express.co.uk के अनुसार, कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से ZOEऐप लगातार कोविड के लक्षणों के बारे में यहजानकारी दे रहा है कि समय के साथ लोगों में लक्षण किस तरह बदल रहे हैं। ZOE हेल्थ स्टडी के मुताबिक, गंध की कमी और सांस लेने में लकलीफ होना कोविड-19 के BF.7 वैरिएंट के कॉमन लक्षण हैं। कोरोना के अन्य वैरिएंट में भी यह सबसे कॉमन लक्षण था।एनोस्मिया कोविड-19 का एक मुख्य संकेत हुआ करता था लेकिन जिन लोगों को कोविड हो रहा है उनमें से सिर्फ 16% लोग ही इसे अनुभव कर रहे हैं। नीचे बताए हुएकोविड-19 (covid-19 new symptoms) के सबसे आमलक्षण बताए जा रहे हैं जिन्हें अनदेखा करना बड़ी भूल हो सकती हैं।

- गले में खराश
- छींक
- बहती नाक
- बंद नाक
- कंपकंपी के साथ बुखार
- लगातार खांसी
- सांसों लेने में समस्या
- थकान महसूस होना
- बिना कफ वाली खांसी
- सिरदर्द
- कफ के साथ खांसी
- बोलने में परेशानी
- मांसपेशियों में दर्द
- गंध ना आना
- अधिक बुखार
- भूख में कमी
- डायरिया
- बीमार होना

लक्षण दिखें तो क्या करें?

नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) का कहना है कि 5 दिन बाद भी कई लोग दूसरों को संक्रमित नहीं करते हैं लेकिन कुछ लोगों के साथ ऐसा नहीं है वे संक्रमित होने के 10 दिन बाद तक संक्रमण फैला सकते हैं। इसलिए जिन लोगों को कोई लक्षण नजर आ रहे हैं उन्हें अनदेखा करने की जगह पांच दिन तक अन्य लोगों के संपर्क में आने से बचना चाहिए और कम से कम 10 दिनों तक बुजुर्ग-बच्चों या बीमार लोगों से मिलने से बचना चाहिए।

सावधान रहने की जरूरत

अपोलो हॉस्पिटल की एमडी डॉ संगीता रेड्डी का कहना है, 'भारत में कोविड वैक्सीनेशन अभियान और इफेक्टिव वैक्सीन को देखते हुए चीन में कोविड-19 के बढ़ने मामलों से घबराने की जरूरत नहीं है। हमें चीन से आने वाली फ्लाइट्स के के संबंध में नीतियों पर तुरंत काम करना चाहिए। चीन में फैला वर्तमान COVID न केवल चीन के लिए एक दुखद त्रासदी है, बल्कि वैश्विक आबादी को भी बड़े जोखिम में डाल सकता है।'

एंटी टास्क फोर्स के वरिष्ठ सदस्य और कोविड टीकाकरण अभियान के प्रमुख डॉ एनके अरोड़ा के मुताबिक, 'भारत को चीन में बढ़ते मामलों से डरने की जरूरत नहीं है लेकिन सावधानी बरतनी काफी जरूरी है। भारत में बड़े स्तर पर वैक्सीनेशन हो चुका है जिसमें बुजुर्ग, युवा और कम उम्र के बच्चे भी शामिल हैं।'

नीति आयोग के मेंबर डॉ वीके पॉल ने लोगों को भीड़ में मास्क लगाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा- 'मास्क गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों और बुजुर्गों के लिए बेहद जरूरी है। अभी केवल 27% आबादी ने ही बूस्टर डोज ली है। यह खुराक लेना सभी के लिए कम्पलसरी है।'

चीन में संक्रमण के हालात 2020 की याद दिला रहे

चीन में कोरोना की नई लहर की वजह से अस्पतालों में तेजी से मरीज बढ़ रहे हैं। परेशानी की बात यह है कि मेडिकल स्टाफ भी संक्रमित हो रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कई पॉजिटिव डॉक्टर्स को मरीजों के इलाज के लिए मजबूर किया जा रहा है। संक्रमण के हालात 2020 की याद दिला रहे हैं। तब से अब तक शी जिनपिंग सरकार ने इससे निपटने के लिए सख्त नियम लागू किए। जीरो कोविड पॉलिसी लाई गई। बेहद सख्त लॉकडाउन लगते रहे। तमाम दावों और वादों के बावजूद कोरोना कंट्रोल नहीं किया जा सका।

चीन में अगले कुछ महीनों में 80 करोड़ लोग कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी ने कहा कि चीन में जीरो कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद 21 लाख मौतें हो सकती हैं। एयरफिनिटी ने इसकी वजह चीन में कम वैक्सीनेशन और एंटीबॉडीज में कमी बताया।