एक उम्र के बाद इंसान का शरीर जवाब देने लगता हैं और जोड़ों में दर्द की शिकायत सामने आने लगती हैं। हांलाकि आज के समय में यह परेशानी युवाओं को भी होने लगी हैं और आए दिन घुटने और जोड़ों का दर्द झेलना पड़ता हैं। इस दर्द के चलते व्यक्ति के काम करने की कार्यक्षमता कम हो जाती हैं और कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए कई लोग पेनकिलर का इस्तेमाल करते हैं जो कि आगे चलकर आपको कई और परेशानियों में भी डाल सकता हैं। ऐसे में आप तेल की मालिश की मदद ले सकते हैं। आज हम आपको कुछ खास प्रकार के तेल की जानकारी देने जा रहे हैं जिनके इस्तेमाल से जोड़ों का दर्द दूर करने में आपको मदद मिलेगी। आइये जानते हैं इन तेल के बारे में...
लहसुन तेल आयुर्वेद में लहसुन एक अच्छा दर्दनिवारक माना जाता है।लहसुन में विटामिन, एंटी-बैक्टीरियल, मिनरल्स और एंटीफंगल गुण पाए जाते हैं, जो कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करते हैं। इसके लिए सरसों के तेल में लहसुन की 10-12 कलियां, 2 जायफल, गिलोय की सूखी डंठल सभी को कूटकर डालें। इसके बाद सरसों के तेल को 1 घंटे तक धीमी आंच पर पकाते रहें। पकाने के बाद ठंडा करके छान लें और एक शीशी में करके रख लें। रात को सोने से पहले इस तेल से जोड़ों की मालिश करनी चाहिए। इस तेल से जोड़ों पर कम से कम 5-7 मिनट तक मालिश करें। इसे हल्का गर्म करके इस्तेमाल करें, जल्द आराम मिलेगा। एक हफ्ते में आपको दर्द से आराम मिलना शुरू हो जाएगा।
सरसों का तेलहर भारतीय रसोई में सरसों का तेल जरूर पाया जाता है। यह तेल जोड़ों के दर्द से राहत दिलाने में मददगार साबित हो सकता है। इसके लिए आपको आधी कटोरी तेल को गर्म कर उसमें एक या दो लहसुन की कली डाल दें। अब तेल को ठंडा करें और फिर इस तेल से हाथों और पैरों की जमकर मालिश करें। इससे आपको जोड़ों के दर्द में आराम मिलेगा।
कपूर का तेलशरीर के दर्द को दूर करने के लिए कपूर के तेल की मालिश की जा सकती है। यह काफी फायदेमंद होता है। दरअसल कपूर के तेल से मालिश करने से शरीर का ब्लड सर्कूलेशन ठीक बना रहता है। वहीं अर्थराइटिस के मरीज कपूर के तेल से मालिश कर सकते हैं। इससे उन्हें आराम मिलेगा।
लोबान का तेललोबान में एंटी-सेप्टिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो जोड़ों के दर्द को दूर करने में मददगार हो सकते हैं। स्टडी के मुताबिक, लोबान का तेल अर्थराइटिस के लक्षणों जैसे- जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्याओं से राहत दिलाने में मददगार हो सकता है। अगर आपको लगातार जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है, तो आप नियमित रूप से इस तेल से अपने घुटनों और प्रभावित हिस्से की मालिश कर सकते हैं।
काले जीरे का तेलआयुर्वेद में काले जीरे का इस्तेमाल कई तरह की दवाओं को तैयार करने के लिए किया जाता है। इस जीरे से तैयार तेल का इस्तेमाल करने से आप जोड़ों के दर्द से राहत पा सकते हैं। अगर आपको लगातार जोड़ों के दर्द की शिकायत रहती है, तो दिन में कम से कम 3 बार जीरे के तेल से अपने जोड़ों की मालिश करें।
अदरक का तेलजोड़ों में दर्द होने पर आप अदरक के तेल का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। लगातार जोड़ों के दर्द में शिकायत होने पर आप नियमित रूप से अदरक के तेल से मालिश करें। इससे आपको काफी बेहतर रिजल्ट मिल सकता है। इसके अलावा ज्वाइंट पेन से राहत पाने के लिए शारीरिक एक्टिविटी पर भी ध्यान दें।
अरंडी का तेलअरंडी के तेल से मालिश करने से जोड़ों का दर्द कम होता है और सूजन की भी परेशानी कम होती है। इस तेल से मालिश करने से शरीर का दर्द धीरे-धीरे गायब हो जाता है।
महुआ का तेलमहुआ का तेल जोड़ों के दर्द में काफी आराम देता है। आप इसे दिन में दो बार शरीर पर लगाकर अच्छी तरह से मालिश कर सकते हैं। नियमित रूप से इसे लगाने से जोड़ों का दर्द धीरे-धीरे गायब हो जाएगा और सूजन भी कम हो जाएगा।
लेमनग्रास ऑयलरुमेटॉइड अर्थराइटिस से ग्रसित लोगों के लिए लेमनग्रास ऑयल फायदेमंद हो सकता है। यह जोड़ों के दर्द से आराम दिलाने में आपकी मदद करता है। अगर आपको रुमेटॉइड अर्थराइटिस की वजह से जोड़ों में दर्द हो रहा है, तो नियमित रूप से लेमनग्रास ऑयल से अपने जोड़ों की मसाज करें। एक्सपर्ट का कहना है कि इस तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी का गुण पाया जाता है, जो अर्थराइटिस में होने वाले सूजन को कम करने में भी सहायक हो सकता है।
हल्दी का तेलमसालों के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली हल्दी का आयुर्वेद में भी विशेष महत्व है। इसमें करक्यूमिन नामक यौगिक होता है, जो एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर है। हल्दी को तेल के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। जोड़ों में दर्द और सूजन को ठीक करने के लिए आप हल्दी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं। रुमेटॉइड गठिया से ग्रसित रोगियों के लिए हल्दी का तेल उपयोगी हो सकता है। आप नियमित रूप से इस तेल को अपने जोड़ों पर लगा सकते हैं। इससे आपको जोड़ों के दर्द से आराम मिल सकता है।