गले की खराश के साथ ही कई बीमारियों को दूर करती हैं मुलेठी, जानें इसके फायदों के बारे में

मॉनसून का मौसम जारी हैं जिसमें कई लोगों को मौसम बदलते ही गले में खराश या खांसी जैसी परेशानी होने लगती हैं और इसमें आराम पाने के लिए मुलेठी का इस्तेमाल किया जाता हैं। स्वाद में मीठी मुलेठी कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, प्रोटीन और वसा के गुणों से भरपूर होती हैं जिसका आयुर्वेद में भी बड़ा महत्व बताया गया हैं। औषधीय गुणों से भरपूर मुलेठी का इस्तेमाल कई तरीकों से किया जा सकता हैं जो शरीर से जुड़ी कई बीमारियों का इलाज करने में मददगार साबित होती हैं। आज इस कड़ी में हम आपको मुलेठी से मिलने वाले फायदों की जानकारी देने जा रहे हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...

गले की खराश में फायदेमंद

खांसी और गले की खराश से राहत के लिए मुलेठी का सेवन फायदेमंद माना जाता है। इसमें एंटीबैक्टीरियल और एंटी इन्फ्लामेटरी गुण मौजूद होते हैं जो खांसी और खराश से राहत दिलाने में मदद करते हैं। इसके लिए आप मुलेठी की चाय बनाकर पी सकते हैं या काढ़ा बनाते समय इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए 2- 4 काली मिर्च को 1 मुलेठी के साथ पीस कर तैयार पाउडर का सेवन करने से सूखी खांसी से जल्द ही राहत मिलती है। इसके अलावा आप इसे पानी में उबाल कर भी पी सकते हैं। इसके सेवन से गले में खराश, दर्द, जलन आदि की समस्या से भी निजात मिलेगा।

इम्युन सिस्टम मजूबत करे

मुलेठी लिम्फोसाइटों और मैक्रोफेज जैसे रसायनों के उत्पादन में मदद करती है, इससे हमारी रक्षा प्रणाली में सुधार लाते हैं। मुलेठी में मौजूद लीकोरिस जड़ कब्ज, अम्लता, सीने में जलन, पेट के अल्सर, जैसी पाचन समस्याओं के इलाज में सहायक है। यह जीवाणुरोधी गुण पेट में सूजन को कम करने में मदद करते हैं

आंखों के लिए फायदेमंद

मुलेठी के काढे से आंखों को धोने से आंखों के रोग दूर होते हैं। मुलेठी चूर्ण में बराबर मात्रा में सौंफ का चूर्ण मिलाकर एक चम्मच शाम को खाने से आंखों की जलन मिटती है तथा आंखों री रोशनी भी बढ़ती है। मुलेठी को पानी में पीसकर उसमें रूई का फाहा भिगोकर आंखों पर बांधने से आंखों के आसपास लालपन मिट जाता है।

पेट के अल्सर की परेशानी होगी दूर

ज्यादा तलाभुना, मसालेदार भोजन खाने से पेट के अल्सर की परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में मुलेठी की जड़ के पाउडर को पानी के साथ सेवन करने से फायदा मिलता है। यह इस दौरान शरीर में एसिडिटी, अपच की परेशानी दूर कर पेट में बने अल्सर के के घावों को ठीक करने में मदद करते हैं।

मुंह के रोगों में फायदेमंद

मुंह के छालों की परेशानी के दौरान मुलेठी के टुकड़े में शहद लगाकर चूसते रहने से लाभ होता है। मुलेठी को चूसने से खांसी और गले का रोग भी दूर होता है। सूखी खांसी में कफ पैदा करने के लिए इसकी 1 चम्मच मात्रा को शहद के साथ दिन में 3 बार चटाना चाहिए। इसका 20-25 मिली काढ़ा शाम को पीने से श्वास नलिका साफ हो जाती है। मुलेठी को चूसने से हिचकी दूर होती है।

लिवर के लिए फायदेमंद

मुलेठी पीलिया, हेपेटाइटिस और फैटी लिवर जैसे लिवर रोगों के इलाज में मदद करती है। इसके प्राकृतिक एंटी-ऑक्सिडेंट गुण विषाक्त पदार्थों के कारण जिगर के नुकसान से रक्षा करते हैं। इसके अलावा, मुलेठी हेपेटाइटिस के कारण जिगर की सूजन को शांत करने में मदद करती है।

आर्थराइटिस में फायदेमंद

आर्थराइटिस की समस्या से छुटकारा पाने के लिए तो मुलेठी का सेवन बहुत फायदेमंद माना जाता है। मुलेठी में एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबायोटिक गुण मौजूद होते हैं जिससे अर्थराइटिस की समस्या से छुटकारा मिलता है। मुलेठी का सेवन करने से दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिलती है।

पाचन तंत्र करे दुरुस्त

किसी भी बीमारी की शुरुआत पेट के खराब होने से होती है। अगर पाचन तंत्र कमजोर होगा तो शरीर बेहतर तरीके से विकास नहीं कर पाएगा। ऐसे में मुलेठी का सेवन करने से पेट से जुड़ी परेशानियां जैसे कि गैस, सूजन, अपच, उल्टी, कब्ज आदि से राहत मिलती है। इसका सेवन करने के लिए एक कप गुनगुने पानी में मुलेठी का पाउडर डालकर उबालें। 1-2 उबाल आने के बाद मिश्रण को हल्का ठंडा कर छन्नी की मदद से छान कर पीएं।

दिल के रोगों में फायदेमंद

एक्सपर्ट्स का मानना है कि मुलेठी दिल के रोग में भी लाभकारी है। 3-5 ग्राम तथा कुटकी चूर्ण को मिलाकर 15-20 ग्राम मिश्री युक्त जल के साथ प्रतिदिन नियमित रूप से सेवन करने से हृदय रोगों में लाभ होता है। इसके सेवन से पेट के रोग में भी आराम मिलता है।