अच्छी सेहत के लिए पानी पीना बेहद जरूरी है। शरीर में मौजूद कोशिकाओं तक पोषक तत्वों और ऑक्सीजन पहुंचाने के लिए भी पानी सबसे जरूरी है। इसलिए सलाह डी जाती हैं कि व्यक्ति को दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पीना चाहिए। लेकिन क्या आप जानते हैं गलत तरीके से पानी पीने से सेहत को फायदा नहीं बल्कि नुकसान होता है। दरअसल, जिस तरह किसी भी चीज का सेवन करने के लिए सही मात्रा और तरीके का ध्यान रखना जरूरी है, ठीक उसी तरह पानी पीने का भी एक सही तरीका होता है। कई लोगों में बुरी आदत होती है खड़े होकर पानी पीने की जो सेहत के लिए नुकसानदायक साबित हो सकती हैं। इससे आप जाने-अनजाने में कई बीमारियों को अपने पास बुला लेते हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं खड़े रहकर पानी पीने के क्या नुकसान हैं और पानी पीने का सही तरीका क्या हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में...
फेफड़ों को नुकसानएक अध्ययन के अनुसार, खड़े होकर पानी पीते से हमारे शरीर को सही तरह से पोषक तत्वे नहीं मिल पाते हैं। पानी हमारे सिस्टम से होते हुए बहुत तेजी से गुजर जाता है। इससे हमारे फेफड़ों और हृदय को भी नुकसान पहुंचता है क्योंकि खड़े होकर पानी पीने से फूड और विंड पाइप में होने वाली ऑक्सीजन की सप्लाई रुक जाती है।
घुटने में दर्द खड़े होकर पानी पीने से आपके घुटनों में दर्द की शिकायत हो सकती है। जब आप खड़े होकर पानी पीते हैं तो पानी आपके शरीर से होकर घुटनों की ओर जाता है और वहां जमा हो जाता है। जिसकी वजह से घुटने की हड्डी पर बुरा बुरा असर पड़ता है। इसके साथ ही शरीर के अन्य जोड़ों में भी दर्द की शिकायत हो सकती है।
किडनी पर असरजब कोई व्यक्ति खड़े होकर पानी पीता है, तो पानी बिना फिल्टर हुए निचले पेट की तरफ तेजी से बढ़ता है। जिसकी वजह से पानी में जमा अशुद्धियां पित्ताशय में जमा हो जाती हैं। जो किडनी के लिए बहुत हानिकारक होती हैं।
बदहज़मीखड़े होकर पानी पीने से पाचन तंत्र को भी नुकसान पहुंचता है। क्योंकि जब हम खड़े होकर पानी पीते हैं, तो यह बड़ी तेज़ गति के साथ भोजन नली से होकर सीधे पेट के निचले हिस्से पर जा गिरता है, जो हानिकारक है। खड़े होकर तेज़ी से पानी पीने से नसें तनावग्रस्त हो जाती हैं, जिससे तरल पदार्थ का संतुलन बिगड़ जाता है, और टॉक्सिन्स व बदहज़मी बढ़ती है।
शरीर से एसिड नहीं निकल पाताशरीर में एसिड बनना सामान्य बात है। लेकिन खड़े होकर पानी पीने से एसिड शरीर से बाहर नहीं निकल पाता है और शरीर में इसका स्तर कम नहीं होता है। जबकि बैठ कर और धीरे-धीरे पानी पीने से ख़राब एसिड शरीर से बाहर निकल जाता है और शरीर में एसिड का स्तर बढ़ता भी नहीं है।
बढ़ता है तनावइस बात पर हो सकता है कि आपको यकीन न हो, लेकिन खड़े होकर पानी पीने से आपका तनाव भी बढ़ सकता है। दरअसल, खड़े होकर पानी पिया जाए, तो इसका सीधा असर हमारे तंत्रिका तंत्र पर पड़ता है। इस तरह से पानी पीने से पोषक तत्व पूरी तरह से बेकार हो जाते हैं और शरीर तनाव में आ जाता है।
हर्निया का खतराइन सब के अलावा खड़े होकर पानी पीने से पेट के निचले हिस्से की दीवारों पर दवाब बनता है। इससे पेट के आसपास के अंगों को नुकसान पहुंच सकता है। वहीं, कई लोगों में ये हर्निया का कारण भी बन जाता है।
क्या है पानी पीने का सही तरीकापानी हमेशा बैठकर और रिलैक्स होकर ही पीना चाहिए। इसके अलावा हमेशा छोटे-छोटे घूंट में पानी पिएं। क्योंकि अगर आप बेहद तेजी से पानी पीएंगे तो उसका फायदा कम होगा। बैठकर धीरे धीरे पानी पीने से इलेक्ट्रोलाइल बैलेंस अच्छा बना रहता है और शरीर को जरूरी मिनरल्स मिलते रहते हैं। इसके लिए पानी बोतल या ग्लास से पी सकते हैं। इसके अलावा रोजाना 2-3 लीटर पानी जरूर पिएं। क्योंकि पानी शरीर के हाइड्रेशन को मेंटेन रखता है और सभी ऑर्गन्स को हेल्दी रखता है।
पानी पीते समय जरूर ध्यान रखें ये बातें - भोजन करते समय या उसके तुरंत बाद बहुत ज्यादा मात्रा में पानी नहीं पीना चाहिए।
- जब भी प्यास लगे तो पानी जरूर पिएं लेकिन बहुत तेजी से पानी पीने से बचें।
- रनिंग, एक्सरसाइज या घुड़सवारी करते समय बहुत ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए।
- एक बार में ढेर सारा पानी पीने के बजाय इसे घूंट-घूंट करके पीना चाहिए।
- लेटकर पानी पीने से बचना चाहिए, इससे आपको कई परेशानियां हो सकती हैं।