इन लोगों के लिए पपीते का सेवन करता हैं धीमे जहर का काम, जानें और रहें सावधान

फलों का सेवन सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता हैं जिनमें कई तरह के पोषक तत्व पाए जाते हैं। इन्हीं फलों में एक हैं पपीता जिनमें विटामिन, फाइबर जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसका दैनिक सेवन आपको बीमारियों से बचा सकता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ लोगों के लिए यही पपीता धीमे जहर का काम करता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए।

​गर्भावस्था में

गर्भवती महिलाओं को अक्सर अपने खाने पीने का काफी ध्यान रखना होता है। लेकिन गर्भवस्था के दौरान उन्हें पपीते के सेवन से पूरी तरह बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि पपीते मीठा होता है और इसमें लेटक्स होता है। जो गर्भाशय के संकुचन को ट्रिगर कर सकता है। इसकी वजह से प्रसव जल्दी भी हो सकता है। साथ ही इसमें पपैन होता है जिसे शरीर प्रोस्टाग्लैंडीन समझने की भूल कर सकता है। यह आर्टिफिशियली रूप से लेबर इंड्यूस करने का काम करता है। इसके अलावा पपीते के सेवन से भ्रूण को सहारा देने वाली झिल्ली को भी कमजोर बना देता है। हालांकि यह ज्यादातर कच्चे पपीते में ही देखा जाता है।

अनियंत्रित हार्टबीट वाले लोग

यूं तो पपीते के सेवन से हृदय रोग के खतरों को कम किया जा सकता है। लेकिन अगर आप पहले से ही इरेगुलर हार्टबीट की समस्या से पीड़ित हैं तो आपको पपीते से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। हाल ही में हुए अध्ययन बताते हैं कि पपीते के अंदर साइनोजेनिक ग्लाइकोसाइड होता है, जो एक अमीनो एसिड है। यह आपके पाचन तंत्र में हाइड्रोजन सायनाइड का उत्पादन करता है। हालांकि यह सेहत के लिए नुकसानदायक नहीं होता। लेकिन अगर आप पहले से ही इरेगुलर हार्टबीट की समस्या से पीड़ित हैं तो यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित हैं तो भी पपीता आपको नुकसान पहुंचा सकता है।

​एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए

ऐसे लोग जो लेटेक्स एलर्जी से पीड़ित हैं उनके लिए पपीता खाना नुकसानदायक होता है। आपको बता दें कि पपीते के अंदर एक एंजाइम होता है जिसे चिटिनेज कहा जाता है। यह एंजाइम लेटेक्स पर क्रॉस रिएक्शन कर सकता है। जिसकी वजह से छींक आना, सांस लेने में दिक्कत, खांसी, और आंखों में पानी आने की समस्या हो सकती है। ऐसे में अगर आपको एलर्जी है तो पपीता खाने से परहेज करें।

किडनी में पथरी से पीड़ित लोगों के लिए

पपीता के अंदर की पोषक तत्व और गुण होते हैं। इनमें से एक है विटामिन सी। पपीते में विटामिन सी अधिक मात्रा में पाया जाता है जो कि एक रिच एंटीऑक्सीडेंट भी है। ऐसे में अगर आप पपीते का सेवन अधिक मात्रा में करते हैं तो यह किडनी में मौजूद पथरी की समस्या को बढ़ा सकता है। दरअसल इसके सेवन की वजह से कैल्शियम ऑक्सलेट की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। इसमें व्यक्ति की किडनी में ही यह एक बड़े स्टोन का रूप ले लेता है। इसके बाद इस पथरी का पेशाब के जरिए बाहर निकलना भी मुश्किल हो जाता है।

मधुमेह रोगियों के लिए भी

ऐसे रोगियों के लिए पपीते का सेवन नुकसानदेह हो सकता है। पपीता ब्‍लड शुगर के लेवल को कम कर सकता है, जो डायबिटीज रोगियों के लिए खतरनाक हो सकता है। ऐसे में अगर आप मधुमेह के रोगी हैं, तो डॉक्टर से परामर्श करना हमेशा सर्वोत्तम रहेगा।

श्वसन रोग वाले

अगर आपको सांस की बीमारी है तो पपीते का सेवन नहीं करना चहिए। इसकी वजह से दमा या अस्थमा का अटैक हो सकता है। सांस लेने की तकलीफ बढ़ सकती है। इसलिए सांस के मरीजों को पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आपको भी इस तरह की कोई परेशानी है तो पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए।

हाइपोग्लाइसीमिया वाले लोग

मधुमेह से पीड़ित मरीजों के लिए पपीता का सेवन फायदेमंद होता है। यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करने या मैनेज करने में मदद करता है। लेकिन जिन लोगों का रक्त शर्करा स्तर पहले से ही कम है या जो हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या से पीड़ित हैं, लिए यह अच्छा विकल्प नहीं है। आपको बता दें कि पपीता खाने में मीठा होता है और यह ग्लूकोज के स्तर को कम करने का काम करता है। ऐसे में वह लोग जो पहले से ही इस समस्या से पीड़ित हैं। पपीता उनके ग्लूकोज के स्तर को एक खतरनाक स्थिति तक लेजा सकता है। जिसकी वजह से हार्ट बीट तेज होना, कंफ्यूज और कंपन जैसी समस्या पैदा हो सकती है।