मोटापे का खाने की प्लेट के रंग से भी होता हैं गहरा नाता, जानें कैसे

आज के समय में मोटापा कई लोगों की परेशानी बना हुआ हैं जिसे दूर करने के लिए लोग व्यायाम की मदद लेने के साथ ही खानपान में भी बदलाव करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मोटापे का खाने की प्लेट के रंग से भी गहरा नाता होता हैं। जी हाँ, इसको लेकर विज्ञान में भी जरूरी जानकारी बताई गई हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में कि किस तरह प्लेट का रंग भला इस जटिल प्रक्रिया को कैसे प्रभावित कर सकता है।

वेट लॉस डाइट प्लान की प्रमुख चुनौतियों में से एक हिस्‍सा है खाने की मात्रा को कंट्रोल करना। आप अपनी प्‍लेट में कितना भोजन डालते हैं, वह बाद में जाकर आपकी कैलोरी काउंट में एड हो जाता है। इसलिए यह बेहद जरूरी है कि आप अपनी प्‍लेट में जितना भी भोजन डालें, वह सोंच-समझ कर ही डालें। मगर बहुत से लोग नहीं समझ पाते कि उन्‍होंने अपनी प्‍लेट में भूख से ज्‍यादा खाना परोसा है। यहीं पर आपकी प्‍लेट का रंग सबसे महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करने का काम करता है।

रिसर्च से पता चलता है कि प्लेट और खाने के रंग में अगर अधिक अंतर हो, तो लोग कम खाना खाते हैं। यदि आप गहरे रंग की प्लेट में हल्के रंग का खाना खाते हैं, तो आप शायद कम खाएंगे। इसी तरह से अगर आप हल्‍के रंग का खाना, जैसे कि सफेद रंग के चावल को सफेद रंग की ही थाली में खाएंगे, तो शायद आप जरूरत से ज्‍यादा खा लें, क्‍योंकि दोनों ही रंग एक दूसरे में मिल जाएंगे और उनमें आसानी से अंतर करना थोड़ा मुश्‍किल होगा।

कौन सा है सही रंग

भडकीले रंग जैसे - पीला, नारंगी और लाल, हमारी भूख को सबसे ज्यादा उत्तेजित करने के लिए जाने जाते हैं। विशेष रूप से लाल, हमारे रक्तचाप और हृदय गति को बढ़ाता है, जिससे हमें अधिक भूख लगती है। हालांकि, ग्रे, काले, भूरे और बैंगनी को एक भूख दबाने वाला रंग माना जाता है। इन रंगों की प्लेटों में भोजन करने से, ओवरईटिंग की संभावना कम हो जाती है। नीला रंग सभी के बीच सबसे अच्छा माना जाता है। विज्ञान सुझाव देता है कि गहरे नीले रंग की प्लेट में खाने से आप आसानी से पोर्शन कंट्रोल कर सकते हैं।

बर्तन का आकार

जब बात वेट लॉस की आती है, तो न केवल बर्तनों का रंग बल्कि आकार भी एक अहम भूमिका निभाता है। अपना खाना या पानी, चौड़े बर्तन में लेने के बजाए हमेशा पतले ग्‍लास या कटोरे में सर्व करें। दोनों में समान मात्रा में तरल पदार्थ या भोजन हो सकता है, लेकिन अध्ययन से पता चलता है कि लोग ऐसा महसूस करते हैं कि वे लंबे और पतले बर्तन की वजह से वह किसी भी चीज का सेवन ज्‍यादा कर रहे हें।