लिवर को साफ और स्वस्थ रखते हैं ये 15 फूड, डाइट में करें शामिल

लिवर शरीर का बेहद महत्वपूर्ण अंग है। आप जो भी खाते हैं उसे पचाने में मदद करता है। यह प्रोटीन पोषण की मात्रा को संतुलित करने, ग्लूकोज को ऊर्जा में बदलने और ब्लड से जहरीले पदार्थ को अलग करने जैसे काम करता है। लिवर की खराबी होने पर हमारी सेहत पर कई रोग हमला कर सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि लिवर की सेहत का खास खयाल रखा जाए। ऐसे में लंबे वक्‍त तक लिवर को स्‍वस्‍थ रखना चाहते हैं तो आज से ही अपनी डाइट में इन चीजों को शामिल करे...

नींबू

इसमें सबसे अधिक विटामिन सी मौजूद होता है। यह इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। इससे लिवर साफ रहता है। नींबू में मौजूद तत्‍व लिवर की कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं। नींबू लिवर को पाचन क्रिया का समर्थन देने के लिए एन्ज़ाइम्स का उत्पादन करने में मदद करता है। यह लिवर द्वारा खनिज के अवशोषण को भी बढ़ावा देता है। आप चाहे तो नींबू पानी भी पी सकते हैं।

बेरीज

इसमें मौजूद पॉलीफेनॉल लिवर को स्‍वस्‍थ रखते हैं। इस फल का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। उचित मात्रा में बेरीज में पोषक तत्‍व होते हैं।

अंगूर

अंगूर सभी को पसंद होते हैं। बच्चे भी बड़े चाव से इसे खाते हैं। अंगूर भी कई प्रकार के होते हैं। लाल, हरे, काले जिनमें जरूरी न्यूट्रिएंट्स मौजूद होते हैं। वहीं काले और लाल अंगूर का सेवन करने से लिवर स्‍वस्‍थ रहता है। लिवर में हुई सूजन, इन्फेक्शन को कम करने में मदद मिलती है। इसलिए अंगूर का सेवन करते रहना चाहिए।

केला

केला पेट संबंधित, अपच की समस्या से निजात दिलाता है। दरअसल, जब लिवर पर सूजन आती है तो खाना आसानी से नहीं पचता है। ऐसे में सुपाच्य भोजन ही करना चाहिए। डॉक्‍टर की सलाह से केले का सेवन कर सकते हैं।

सेब

लिवर के विकारों को दूर करता है सेब का सेवन। सेब पेक्टिन का एक समृद्ध स्रोत है जो पाचन प्रणाली एवं कोलेस्ट्रॉल से विषाक्त पदार्थों की निकाल कर, लिवर को ज़्यादा काम करने से बचाता है। इसके अलावा, सेब में मैलिक एसिड भी निहित है जो खून से कार्सिनोजन और अन्य विषाक्त पदार्थों को दूर करने में सहायक है।

एवोकाडो

एवोकाडो में कुछ ऐसे केमिकल निहित हैं जो लिवर को क्षति होने से बचाते है। एवोकाडो में ग्लूटाथिओन नामक तत्व उच्च मात्रा में पाया जाता है जो लिवर को डीटोक्सीफाय करता है और उसकी कार्यक्षमता में सुधार लाता है। एवोकाडो में समाविष्ट अघुलनशील वसा अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में सहायता करता है और बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। और क्योंकि कोलेस्ट्रॉल का स्तर लिवर को प्रभावित करता है। इसके अलावा इसमें अनेक विटामिन, न्यूट्रिएंट एवं खनिज भी निहित हैं जो लिवर के लिए स्वास्थ्यवर्धक हैं।

पत्तेदार सब्जियाँ

क्लोरोफिल में उच्च, हरी पत्तेदार सब्जियां हमारे रक्त प्रवाह से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालती हैं। अपने आहार में पालक (पालक), हरी मटर, भिंडी, केल, ब्रोकोली, फूलगोभी, सलाद पत्ता आदि को अधिक साग में शामिल करें।

हल्दी

हल्दी के एंटीबायोटिक गुण लिवर को किसी भी नुकसान से बचाते हैं। यह शरीर की वसा को पचाने की क्षमता में सुधार लाती है और लिवर को डीटोक्सीफाय करने में मदद करती है। यह लिवर के क्षतिग्रस्त कोशिकाओं को पुनर्जीवित करने में भी सहायता करती है।

चुकंदर

चुकंदर विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत है। चुकंदर का सेवन पित्त को उत्तेजित करता है और एंजाइमिक गतिविधि को बढ़ावा देता है और उसके समग्र कार्यशीलता में सुधार लाता है। इसके अलावा यह प्राकृतिक रक्त शोधक भी है।

ग्रीन टी

ग्रीन टी में प्लांट-बेस्ड एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो लिवर फंक्शन को बेहतर बनाते हैं। आप रोज़ाना ग्रीन टी पीकर शरीर में एकत्रित हुए वसा एवं विषाक्त पदार्थों को निकाल सकते हैं और साथ ही में शरीर को हाइड्रेट भी कर सकते हैं। ग्रीन टी में उच्च स्तर के एंटीऑक्सिडेंट होते हैं जो शरीर में फैट प्रतिशत और ब्लड में फैट को कम करने में मदद करते हैं। कैंसर कॉज़िस एंड कंट्रोल में प्रकाशित एक 2009 के अध्ययन के अनुसार, जो लोग ग्रीन टी का सेवन नियमित रूप से करते हैं, उनमें लीवर कैंसर के विकसित होने का खतरा कम होता है।

अखरोट

अखरोट में मौजूद अमीनो एसिड की मदद से लिवर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। एक शोध में सामने आया कि अखरोट खाने से नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर की समस्या को कम किया जा सकता है। लिवर की सेहत के लिए रोज 4-5 अखरोट का सेवन करना चाहिए।

गाजर

गाजर में बड़ी मात्रा में प्लांट-फ्लेवोनोइड्स और बीटा-कैरोटीन होता है। जो लिवर के सभी कामों में मदद करते हैं। गाजर में पाया जाने वाला विटामिन ए लिवर की बीमारी से बचाता है। लिवर की सेहत के लिए सलाद, जूस, सूप, सब्जी या करी के तौर पर गाजर को अपनी डाइट में शामिल करें।

लहसुन

लहसुन का सेवन लिवर को उन एंजाइम को सक्रिय करने में मदद करता है जो हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालते हैं। इसमें एल्लीसिन और सेलेनियम नाम के दो तत्व हैं जो लिवर को साफ तो करते ही हैं, परन्तु साथ ही में लिवर को क्षति पहुँचने से भी बचाते हैं। कोलेस्ट्रॉल के उच्च स्तर से लिवर की कार्यशीलता प्रभावित हो सकती है और लहसुन कॉलेस्ट्राल के स्वस्थ स्तर को नियंत्रित कर लिवर के कामकाज को प्रभावित होने से रोकता है। आप 2-3 लहसुन की कलियों का सेवन रोजाना कर सकते है।

ब्रोकोली

लिवर को साफ करने के लिए ब्रोकोली को अपने दैनिक आहार में शामिल करें। उच्च मात्रा में ग्लूकोसाइनोलेट्स निहित होने की वजह से, यह कार्सिनोजन और अन्य हानिकारक विषाक्त पदार्थों को निकास द्वार दिखाने में मदद करता है। इसमें फाइबर और घुलनशील विटामिन ई भी हैं जो लिवर की कार्यशीलता में सुधार लाते हैं। हर सप्ताह तीन बार एक कप ब्रोकोली का सेवन करें और लिवर के स्वास्थ्य को बढ़ावा दें।

चकोतरे

चकोतरा विटामिन सी, पेक्टिन और एंटी-ऑक्सीडेंट का एक समृद्ध स्रोत होने की वजह से लिवर को साफ़ रखने में मदद करता है और लिवर की प्राकृतिक की प्रक्रिया को भी बढ़ावा देता है। इसमें ग्लूटाथिओन, जो की एक प्रभावी एंटी-ऑक्सीडेंट है, भी निहित है। यह लिवर को फ्री-रेडिकल क्षति से बचाता है और भारी धातुओं को डीटोक्सीफाय करने में मदद करता है। लिवर को डेटोक्सीफाय करने के लिए एक गिलास ताज़ा चकोतरे का रस पियें या फिर इसके फल का सेवन करें।

5 ऐसे लक्षण जो लिवर के खराब होने की ओर इशारा करते हैं

- कुछ लोग लि‍वर में सूजन को मोटापा समझने की गलती कर बैठते है जो कि आपको परेशानी में डाल सकती है। ऐसे में अगर आपको रुक-रुक कर दर्द हो रहा तो तुरंत चिकित्सक की सलाह करें।
- त्वचा का रूखा होना, अत्यधिक थकान महसूस होना और आंखों के आसपास काले घेरे हो जाना कभी-कभी लि‍वर की खराबी का नतीजा भी होता है। लि‍वर कमजोर होने की स्थिति में त्वचा क्षतिग्रस्त, बेजान हो जाती है, और बालों से जुड़ी समस्याएं भी होती है।
- पेशाब का रंग बदलना भी लिवर की खराबी के संकेत होते है। ऐसा होने पर पेशाब का रंग गहरा हो जाता है। इसके अलावा जॉन्ड‍िस के लक्षण जैसे नाखूनों व आंखों के सफेद भाग का पीला हो जाना भी इसमें शामिल है।
- पेट में गैस बनना व बदहजमी जैसी समस्याएं लगातार हो रही हैं, तो इसे भी लिवर की खराबी का एक लक्षण माना जाता है। इसके साथ ही छाती में जलन और भारीपन भी होता है।
- मुंह का स्वाद में लगातार कड़वापन बना रहना भी लिवर की खराबी का एक लक्षण माना जाता है। यही नहीं लिवर की खराबी होने पर अमोनिया की अधि‍कता के कारण मुंह से बदबू आना भी शुरू हो जाती है

हालांकि लिवर शरीर का अहम हिस्‍सा है। ऐसे में गंभीर समस्‍या होने पर डॉक्‍टर की सलाह से ही किसी फल और सब्जियों का सेवन करें।