ये आहार हो सकते हैं आपके शिशु के लिए खतरनाक

बच्चे सभी को प्यारे होते हैं, जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते जाते हैं, उनके आहार का ध्यान ओर भी ज्यादा रखना पड़ता हैं। नवजात शिशु के लिए तो माँ का दूध ही सबसे उत्तम आहार हैं, जिसे की कम से कम 5 महीने तक तो शिशु को देना ही चाहिए। जब बच्चा खाना, खाना शुरू कर देता है, तो वह धीरे-धीरे हर वह चीज खाना शुरू कर सकता है जिसे बड़े लोग खाते हैं। बस इसकी मात्रा कम होती है। बच्चे को एक बार में खाना-खिलाने के बजाय उसे थोड़ी-थोड़ी मात्रा में थोड़ी-थोड़ी देर में खिलाना चाहिए। पर यदि बच्चे नियमित तौर पर किन्हीं गलत चीजों का सेवन करते हैं तो ऐसे में वह उस चीज से होने वाली बिमारी से ग्रसित भी हो सकते हैं। आइये हम बताते हैं आपको बच्चों को निम्न चीजों का सेवन कम ही मात्रा में करने दें।

# नमक

शिशु के गुर्दे इतने विकसित नहीं होते कि नमक जैसी चीजों को पचा सके। इसलिए बच्चों के खाने में नमक का प्रयोग ज्यादा मात्रा में न करें।

# शहद

एक साल से कम उम्र के बच्चों को शहद नहीं देना चाहिए। चाहे शिशु को खांसी ही क्यों ना हो रही हो। ख़ास तौर पर, वयस्कों के डिब्बाबंद भोजन को, शिशु के आहार में न मिलाएं। डिब्बाबंद भोजन में नमक की मात्रा अधिक होती है।

# तला-भुना

बच्चों को जितना हो सके उबला हुआ भोजन ही दें और तले-भुने भोजन को उससे दूर रखें।

# चीनी

बच्चों को मीठी चीजें देने से उनके दांत ख़राब हो जाते हैं। मिठास के लिए, बच्चों को केला या उबाले हुए फल या मेवे दें। खाद्य पदार्थ में मिठास लाने के लिए, निकाले हुए स्तन दूध या डिब्बाबंद दूध को भी मिलाया जा सकता है।

# साबुत मेवे

शिशु को साबुत मेवे देने से, यह उनके श्वसन मार्ग या गलें में अटक सकते हैं। इन्हें मसल कर या पीस कर बच्चों को खाने में दिया जा सकता है।

# चाय या कॉफी

शिशु को चाय या कॉफी इत्यादि देना सही नहीं है। चाय में मौजूद टैनिन, भोजन के आयरन को सही तरीके से अवशोषित करने में रुकावट पैदा कर सकता है। कैफीन युक्त कोई भी पेय पदार्थ शिशु के लिए उचित नहीं है।

# ऐसा भोजन जिससे संक्रमण होने का खतरा हो

कोई भी ऐसा भोजन जो अच्छी तरह से न उबला हो, बच्चें को न दें क्योकि इनके सेवन से बच्चें के पेट में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

# डिब्बाबंद भोजन

अपने इस उम्र के शिशु को डिब्बाबंद भोजन न दें, क्योंकि इस समय आपके शिशु की पाचन क्रिया इसे पचाने के लिए पूर्ण रूप से तैयार नहीं होती है। ऐसे में, इस तरह के आहार को देने से बचें।