क्या किडनी डोनेट करना होता है सुरक्षित, एक से भी कैसे जिंदा रहता है इंसान?, डोनेशन से जुड़ी कुछ खास जरुरी बातें

बिहार के पूर्व सीएम और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का आज सोमवार को सिंगापुर के माउंट एलिजाबेथ अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट होना है। उनकी बेटी रोहिणी आचार्य पिता को अपनी किडनी देंगी। बताया जा रहा है कि पहले लालू रोहिणी के किडनी डोनेट करने के फैसले के खिलाफ थे लेकिन बाद में मान गए।

मानव शरीर के अंदर फेफड़ों की तरह किडनी भी दो होती हैं। क्योंकि इनका काम भी बड़ा होता है। आकार में दिल, फेफड़े और जिगर की तुलना में ये बहुत छोटे हैं, लेकिन 24X7 काम करते हैं। किडनी हमारे खून को साफ करने और शरीर से वेस्ट पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती हैं। ऐसे बहुत से लोग हैं जो जरूरत पड़ने पर अपने परिवार वालों को किडनी डोनेट करते हैं लेकिन किडनी डोनेशन कोई छोटी चीज नहीं है। किडनी डोनेशन के बाद कुछ बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत पड़ती है। तोआइए जानते हैं किडनी डोनेशन से जुड़ी किन बातों का ध्यान रखना बेहद जरुरी हैं...

क्या किडनी डोनेट करना होता है सुरक्षित?

डॉक्टर्स किडनी डोनेट करने से पहले व्यक्ति की पूरी तरह से जांच करते हैं। इस दौरान डॉक्टर्सयह जानने की कोशिश करते हैंकि क्या आप किडनी डोनेट करने के लिए बिल्कुल फिट हैं या नहीं। अगर आप स्वस्थ हैं तो किडनी डोनेट करने से आपको कोई गंभीर बीमारी नहीं होगी। हालांकि इस पूरी प्रक्रिया में थोड़ा खतरा होता है लेकिनकिडनी डोनेशन को काफी सेफ माना जाता है। बहुत से मामलों में, किडनी डोनेशन के बाद व्यक्ति को किडनी, डायबिटीज या किसी भी तरह की स्वास्थ्य से संबंधित परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। किडनी एक ऐसा ऑर्गन है जिसके ट्रांसप्लांट और डोनेशन के लिए बायोलॉजिकल संबंधों की जरूरत नहीं पड़ती है। इसके लिए डोनेट करने वाले व्यक्ति का हेल्दी रहना ही मायने रखता है।

नहीं पड़ती दो किडनी की जरूरत

यह जानकर आपको काफी हैरानी होगी लेकिन ये बात बिल्कुल सच है कि आपके शरीर को जरूरी काम करने जैसे वेस्ट पदार्थों को बाहर निकालने और मेटाबॉलिज्म को रेगुलेट करने के लिए दो किडनी की जरूरत नहीं पड़ती है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आमतौर पर हमारे पास दो किडनी होती हैंलेकिन जब कोई व्यक्ति अपनी एक किडनी डोनेट करता है तो बाकी बची एक किडनी से शरीर सामान्य से ज्यादा काम लेता है और एक किडनी का फंक्शन बढ़ जाता है और उतने फंक्शन पर कोई इंसान नॉर्मल जिंदगी जी सकता है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि कुछ लोगों में जन्म से ही दो किडनी के मुकाबले एक किडनी कम काम करती है। इन मामलों में ऐसा देखा गया है कि इस तरह के लोगों को जिंदगी में किसी तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता। तो इन सभी चीजों के चलते यह निष्कर्ष निकला है कि एक किडनी के साथ भी व्यक्ति अपनी जिंदगी जी सकता है।

किडनी डोनेशन के बाद महिलाएं सकती है बच्चे पैदा?

अगर आप एक महिला है और किडनी डोनेट करना चाहती है तो आपको बता दें कि किडनी डोनेशन से आपकी प्रेग्नेंसी पर कोई भी फर्क नहीं पड़ता है। आप किडनी डोनेट करने के बाद भी गर्भधारण कर सकती हैं। चाहे पुरुष हो या महिला, किडनी डोनेशन से फर्टिलिटी पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता। लेकिन जरूरी है कि महिलाएं किडनी डोनेशन के एक साल के बाद ही प्रेगनेंसी प्लान करें। इससे आपके शरीर को फिट होने के लिए काफी समय मिल जाएगा।

किडनी डोनेशन के बाद इन बातों का रखें खास ख्याल

किडनी डोनेशन के बाद डोनर को कुछ बातों का खास ख्याल रखने की जरूरत होती है जैसे किडनी रिमूवल सर्जरी के बाद 6 हफ्तों तक कोई भी भारी सामना ना उठाएं। इस बीच भारी- भरकम एक्सरसाइज और स्पोर्ट्स एक्टिविटीज करने से बचें।

डाइट में रखें इन बातों का ख्याल

किडनी डोनेशन के बाद डोनर को अपनी डाइट और लाइफस्टाइल का ध्यान रखना बेहद जरुरी है। जैसे, शराब, कैफीन और हाई प्रोटीन फूड्स का सेवन ना करें। इन सभी चीजों को तोड़ने के लिए किडनी को काफी अधिक काम करना पड़ता है इससे आपकी किडनी पर भार काफी ज्यादा पड़ सकता है।

डोनर साल में एक बार चेकअप जरूर करवाए

आजकल के समय में लेप्रोस्कोपिक तकनीक से किडनी रिमूवल सर्जरी की जाती है। इस तनीकमें ब्लीडिंग और इंफेक्शन का खतरा काफी कम होता है। किडनी डोनेशन के बाद आमतौर पर, डोनर को पूरी तरह से ठीक होने में एक से तीन महीने का समय लगता है। किडनी डोनेट करने के बाद आपको अस्पताल में ज्यादा दिनों तक रहने की कोई जरूरत नहीं पड़ती आप घर पर रहकर भी आराम कर सकते हैं। डोनेशन के बाद आपकी बची हुई एक किडनी समय के साथ थोड़ी बढ़ने लगती हैक्योंकि इसमें ब्लड फ्लो और वेस्ट पदार्थों को फिल्टर करने की प्रक्रिया तेज हो जाती है। जिसके बाद आप एक आम जिंदगी जी सकते हैं। किडनी डोनेशन के बाद जरूरी होता है कि डोनर साल में एक बार चेकअप जरूर करवाए।

किडनी को हेल्दी रखने के तरीके

किडनी डैमेज होने का एक मुख्य कारण डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर हैं। ऐसे में किडनी को स्वस्थ रखने के लिए जरुरी है कि आप अपने ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल में रखें। गलत लाइफस्टाइल की वजह से आजकल हाई बीपी और शुगर की समस्या आम है। ये किडनी जैसे अंगों को बुरी तरह से प्रभावित करते हैं। अमूमन देखा गया है कि जिन्हें शुगर की समस्या होती है, उन्हें हाई बीपी की परेशानी भी हो ही जाती है। इसलिए बीपी और शुगर के मरीज को किडनी की ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। शुगर और बीपी से परेशान हैं तो डॉक्टर ने जो दवा आपको दी है, उसे हर दिन लें। अगर ये कंट्रोल में हैं तब भी डॉक्टरों की सलाह पर ही चलें। एक्सरसाइज रोज करें।

किडनी खराब होने के ज्यादातर मामले ऐसे मरीजों में होते हैं जिनका शुगर लेवल बढ़ा हुआ होता है। अगर शुगर का लेवल लगातार 6 महीनों से ज्यादा समय तक 250 से ज्यादा हो तो समझें कि किडनी के लिए सांस लेना मुश्किल होने लगता है। इसलिए इसे काबू में रखें। शुगर फास्टिंग: 70-100 मिलीग्राम और खाने के बाद: 135 से 140 मिलीग्राम हो सकती है।

ज्यादा दवाएं ना लें

हमारे देश में हर घर में बिना डिग्री का एक डॉक्टर तो मिल ही जाता है। जिसके कहने पर या फिर यह भी कह सकते है कि इन्टरनेट पर मिल रही जानकारी के अनुसार हम अपनी मर्जी से दवा खरीद कर खाते रहते हैं। ऐसा करना आपकी किडनी के लिए नुकसानदायक साबित होता है। गलत या ज्यादा दवा का सेवन किडनी की हालत खराब कर देता हैहै। पेनकिलर तो इस मामले में बेहद खतरनाक होते हैं। अगर आपको दर्द की समस्या लगातार है तो इसका सही इलाज कराएं नाकि पेनकिलर खरीद कर खाना ने पड़े।

प्रोटीन का अधिक सेवन न करें

बॉडी बिल्डिंग करने वाले लोग मसल्स बनाने के लिए प्रोटीन या स्टेरॉइड्स लेते हैं। ये किडनी के साथ-साथ दूसरे अंगों को भी नुकसान पहुंचाते हैं। जिम में जाकर बॉडी बिल्डिंग करने वाले कई लोग मांसपेशियों को आकार देने के लिए हाई प्रोटीन का सेवन करते हैं। इससे किडनी खराब होने के कई मामले सामने आए हैं।

किडनी में स्टोन

किडनी में स्टोन होने की वजह से भी किडनी डैमेज की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जरूरी है कि आप ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी पिएं और खुद को हाइड्रेटेड रखें ताकि आपकी किडनी में स्टोन ना बन पाएं। इसके लिए आपको रोजाना ढ़ाई से तीन लीटर पानी जरूर पीना चाहिए।

शराब छोड़े

अल्कोहल का सबसे बुास असर किडनी और लिवर पर पड़ता है। शराब, बीयर या ड्रग्स आदि में हानिकारक चीजें तो होते ही हैं, ये पेशाब की फ्रीक्वेंसी और मात्रा को भी बढ़ा देते हैं। ऐसे में किडनी को अपनी क्षमता से कई अधिक काम करना पड़ता है और इससे किडनी पर बुरा असर पड़ता है। जाहिर है, शराब से जितनी दूरी होगी, किडनी उतनी ही स्वस्थ रहेगी। डॉक्टरों का मानना है कि शराब की कम या ज्यादा मात्रा लेने से फर्क नहीं पड़ता, अगर हेल्दी किडनी चाहिए तो शराब से पूरी तरह दूर रहें।