स्वस्थ जीवन की कामना सभी करते हैं और इसके लिए सबसे जरूरी होता हैं संतुलित आहार। कई लोग अपने आहार में संतुलन बनाने के लिए कीटोजेनिक आहार अर्थात कीटो डाइट करना पसंद करते हैं। इस डाइट में दैनिक भारतीय थाली का महत्वपूर्ण हिस्सा रहने वाले गेहूं, चावल, मोटे अनाज जो कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होते हैं उन्हें डाइट से हटाने की जरूरत होती हैं। अनाजों से बनी चपाती, ब्रेड, चावल, नूडल आदि को पूरी तरह से बंद करने की आवश्यकता होती हैं। इस दौरान आहार में प्रोटीन और वसा के उचित आहार लेने की जरूरत होती हैं जिसके बारे में आज हम आपके बताने जा रहे हैं।
कीटो डाइट में कौन से प्रोटीन का चयन करेंपनीरजैसा कि हम सब जानते हैं कि पनीर किसी भी शाकाहारी रसोई में इस्तेमाल होने वाले पसंदीदा भोजनों में से एक है। अगर आप शाकाहारी हैं और कीटो डाइट का पालन करना चाहते हैं, तो चीज और पनीर आपकी प्रोटीन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। 100 ग्राम पनीर में लगभग 12-13 ग्राम प्रोटीन और अच्छी मात्रा में विटामिन बी 12, कैल्शियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम आदि मिलते हैं। इसकी पूर्ण गुणवत्ता का लाभ उठाने के लिए, घर पर ही फुल फैट/फुल क्रीम मिल्क से पनीर बनाने की आदत डालें, ऐसे में आप हानिकारक प्रेजरवेटिव, सोडियम आदि से बचाव कर सकते हैं। इसे आप करी, सलाद, मखनी पनीर, टिक्की, पकौड़े, पनीर टिक्का आदि के रूप में ले सकते हैं।
अंडा100 ग्राम अंडे में लगभग 1 ग्राम कार्बोहाइड्रेट एवं 12 ग्राम प्रोटीन होता है। इसमें विटामिन ए, विटामिन डी, कैल्शियम, फास्फोरस, पोटैशियम, फोलेट, कोलीन आदि भी भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो हमारे शरीर के सभी अंगों को भली भांति काम करने में मदद करते हैं। इस भोजन के कुल लाभ के लिए, अंडे को पीले भाग के साथ लेने की कोशिश करें। आप इस सुपरफूड को पॉच्ड एग, अंडा भुर्जी, अंडा करी, उबला या सनी-साइड-अप के रूप में ले सकते हैं।
मांसचिकन और अन्य मांस उत्पाद कीटो डाइट में मुख्य आहार के विकल्प के रूप में जाने जाते हैं, साथ ही साथ, इसे उच्च जैविक मूल्य/हाई बायोलॉजिकल वैल्यू प्रोटीन के रूप में भी जाना जाता है, जो हमारे शरीर में पूरी तरह से अवशोषित होता जाता है। अमेरिकी कृषि विभाग (यूएसडीए) के अनुसार, 100 ग्राम चिकन में लगभग 10 ग्राम कार्ब्स और 27 ग्राम प्रोटीन होता है। चिकन के अलावा, इस समूह में आने वाले सभी खाद्य विकल्पों में अच्छी मात्रा में प्रोटीन और विटामिन बी समूह, कैल्शियम, जस्ता/ जिंक, सेलेनियम, ओमेगा 3 फैटी एसिड आदि पाए जाते हैं। इस समूह को अपने रोजाना के कीटो डाइट में लेने के लिए, वसायुक्त मछलियां, चिकन, मटन, समुद्री भोजन जैसे कि झींगा, केकड़ा, लॉबस्टर आदि अवश्य लें, आप इस भोजन समूह को मछली की करी, बटर चिकन, मटन कबाब, चिकन कबाब, चिकन सीजर सलाद, मटन करी आदि के रूप में ले सकते हैं।
कीटो डाइट में कौन सी वसा लेना फायदेमंद होगातेलएक शोध अध्ययन में कहा गया है कि नारियल के तेल में मीडियम चैन फैटी एसिड होते हैं जो आसानी से अवशोषित होते हैं और यकृत में चयापचय करते हैं व कीटोन में जल्दी परिवर्तित होते हैं। अतः नारियल के तेल का सेवन केटोसिस स्टेट को जल्दी प्राप्त करने में मदद कर सकता है। इस डाइट के दौरान जैतून का तेल भी सबसे अच्छे विकल्पों में से एक है। जैतून का तेल मोनो अनसैचुरेटेड फैटी एसिड (मूफा) में समृद्ध होता है जो हृदय से संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद करता है। इनके अलावा सूरजमुखी का तेल और केनोला के तेल का भी उपयोग किया जा सकता है, क्योंकि यह विटामिन ई, लिनोलिक एसिड, ओलिक एसिड में भी समृद्ध है।
मक्खन और घीसफेद मक्खन, घी और पीला मक्खन आमतौर पर भारतीय खाना पकाने या खाने में ऊपर से तड़का के रूप में उपयोग किया जाता है, जो कि वास्तव में इस आहार के दौरान सहायक साबित होता है। इनमें ऊर्जा, वसा, कंजुगेटेड लिनोलिक एसिड, विटामिन ए, और विटामिन डी, आदि अच्छी मात्रा में होते हैं। इन्हें आप अपनी करी, चावल के साथ, कबाब आदि को बनाने में इस्तेमाल कर सकते हैं।
नट्स और सीड्सयह फूड ग्रुप कैलोरी, वसा, प्रोटीन, ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड से भरपूर होता है, जो आपको दैनिक पोषण की आवश्यकता को पूरा करने में मदद करते हैं और किटोसिस प्रक्रिया को बनाए रखकर आपके स्वास्थ्य लक्ष्य को प्राप्त कराने में मदद करते हैं। इसके साथ ही यह आपको भूख महसूस नहीं होने देते एवं मीठी चीजों की क्रेविंग भी नहीं होने देते। इस फूड ग्रुप में आप बादाम, अखरोट, काजू, सूरजमुखी के बीज, चिया के बीज, कद्दू के बीज, अलसी के बीज, तिल के बीज आदि का सेवन कर सकते हैं। इसे आप अपने शेक, करी, सलाद, चटनी या कॉफी के साथ स्नैक्स आदि के रूप में ले सकते हैं।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। lifeberrys हिंदी इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले विशेषज्ञ से संपर्क जरुर करें।)