जामुन देखने में काले और छोटे होते हैं तो क्या हुआ, आयुर्वेद के अनुसार, जामुन के बहुत सारे औषधीय गुण होते हैं। इन औषधीय गुणों के कारण जामुन के फायदे अनेक हैं। गर्मी के मौसम में आम के आने के समय जामुन भी आ जाता है। आयुर्वेद में जामुन को सबसे ज्यादा मधुमेह को नियंत्रण करने के लिए जाना जाता है।
इसके साथ ही जामुन, खाना को हजम करने के साथ-साथ दांतों के लिए, आंखों के लिए, पेट के लिए, चेहरे के लिए, किडनी स्टोन के लिए भी फायदेमंद होता है। जामुन में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेड भी होता है, इसलिए ये बच्चों की सेहत के लिए भी बहुत अच्छा होता है। जामुन का फल खाने की इच्छा बढ़ाने के साथ-साथ लीवर को स्वस्थ रखने में भी मदद करता है। जम्बुफल की गिरी पाचन क्रिया को सुधारती है। इससे पेशाब और खून में शर्करा की मात्रा कम होती है।
आँखों की बीमारी में जामुन के फायदे
बच्चे हो या बड़े, सभी
को आंखों से संबंधित परेशानी होती ही हैं। आंखों से संबंधित कई तरह के
विकारों में से एक है आंखों का दुखना। आप इसमें जामुन का इस्तेमाल कर सकते
हैं। जामुन के 15-20 कोमल पत्तों को 400 मिली पानी में पका लें। जब यह
काढ़ा एक चौथाई बच जाए, तो इससे आंखों को धोएं। इससे लाभ होता है। जामुन का
प्रयोग मधुमेह के कारण आँखों पर होने वाले नुकसान से बचने में भी कर सकते
हैं।
मोतियाबिंद रोग में जामुन के फायदे
अनेक लोगों
को मोतियाबिंद की समस्या होती है, इसमें जामुन बहुत ही काम आता है। जामुन
की गुठली के चूर्ण को शहद में अच्छी तरह से मिला लें। इसकी तीन-तीन ग्राम
की गोलियां बना लें। रोज 1-2 गोली सुबह-शाम खाएं। इन्हीं गोलियों को शहद
में घिसकर काजल की तरह लगाएं। इससे मोतियाबिन्द में लाभ मिलता है।
त्वचा के लिए जामुन के फायदे
जामुन
का उपयोग त्वचा के रोगों को दूर करने के लिए आंतरिक और बाहय दोनों प्रकार
से कर सकते हैं। जामुन की छाल एक अच्छी रक्तशोधक होती है, जो कि खून को साफ़
कर त्वचा के रोगों को दूर करती है। साथ ही बाहय रूप से प्रयोग के करने पर
जामुन कषाय होने से त्वचा रोग में लाभदायक होता है इस कारण जामुन का रस
स्किन पर लगाने से पिम्पल्स जैसे विकारों से आराम मिलता है।
दांत दर्द के लिए जामुन का प्रयोग
दांत
संबंधी किसी भी समस्या में जामुन फायदेमंद होता है। जामुन के पत्तों की
राख बना लें। इसे दांत और मसूड़ों पर मलने से दांत और मसूड़े मजबूत होते
हैं। जामुन के पके हुए फलों के रस को मुंह में भरकर, अच्छी तरह हिलाकर
कुल्ला करें। इससे पायरिया ठीक होता है।
मुंह के छाले में जामुन के पत्तों का उपयोग
अक्सर
खान-पान में बदलाव होने पर मुँह में छाले होने लगते हैं। जामुन के पत्तों
के रस से कुल्ला करने पर मुंह के छालों में लाभ होता है। 10-15 मिली जामुन
के फल के रस का नियमित सेवन करें। इससे गले के रोग भी ठीक होते हैं। इसके
साथ ही गले के दर्द में 1-2 ग्राम जामुन के पेड़ की छाल के चूर्ण का सेवन
करें। चूर्ण का सेवन शहद के साथ करने से भी आराम मिलता है।
उल्टी से दिलाए राहत जामुन
बार-बार
उल्टी होने पर आम तथा जामुन के कोमल पत्तों को समान मात्रा, या फिर 20
ग्राम की मात्रा में लें। इसे 400 मिली पानी में पकाएं। जब काढ़ा एक चौथाई
बच जाए, तो इसे ठंडा कर पिलाएं। इससे उल्टी बन्द हो जाती है।
जामुन के सेवन से दस्त से मिले राहत
अगर
बार-बार दस्त हो रहा है तो 5-10 मिली जामुन के पत्ते का रस बना लें। इसे
100 मिली बकरी के दूध के साथ मिलाकर पिएं। इससे दस्त में लाभ होता है।
पेचिश में जामुन के फायदे
-
अक्सर मसालेदार खाना खाने या किसी अन्य कारण से पेचिश की समस्या हो जाती
है। पेचिश में दस्त के साथ खून आने लगता है। 10 मिली जामुन की छाल का रस
निकाल लें। इसमें समान भाग में बकरी का दूध मिलाकर पिएं। इससे फायदा
पहुंचता है।
- 2-5 ग्राम जामुन के पेड़ की छाल के चूर्ण में 2 चम्मच मधु मिला लें। इसे 250 मिली दूध के साथ पिएं। इससे पेचिश में फायदा होता है।
-
10 ग्राम जामुन के पेड़ की छाल को 500 मिली पानी में पकाएं। जब यह एक
चौथाई बच जाए तो पिएं। इससे पेचिश में लाभ मिलता है। इस काढ़ा को 20-30
मिली की मात्रा में दिन में 3 बार पीना चाहिए।
बवासीर या पाइल्स के दर्द में फायदेमंद जामुन
-
पाइल्स या बवासीर होने पर जामुन के कोमल कोपलों के 20 मिली रस में,
थोड़ी-सी शक्कर मिला लें। इसे दिन में तीन बार पीने से बवासीर से बहने वाला
खून बन्द हो जाता है।
- 10 ग्राम जामुन के पत्तों को 250 मिली गाय
के दूध में घोंट लें। सात दिन तक सुबह, दोपहर तथा शाम को पीने से बवासीर
में गिरने वाला खून बन्द हो जाता है।
लीवर की बीमारी में जामुन फायदेमंद
तिल्ली
या लीवर में सूजन हो तो, 10 मिली जामुन की गुठली के रस का सेवन करें। इससे
लाभ मिलता है। जामुन का सिरका 10 मिली रोज लेने से तिल्ली और लिवर के
बढ़ने के विकार में बहुत लाभ होता है।
पीलिया में जामुन के फायदे
पीलिया
होने पर जामुन का सेवन करें। जामुन के 10-15 मिली रस में 2 चम्मच मधु मिला
लें। इसका सेवन करने से पीलिया, खून की कमी तथा रक्त-विकार में लाभ होता
है।
पथरी का करे इलाज जामुन
- पथरी या किडनी स्टोन होने पर जामुन का सेवन करें। पके हुए जामुन के फल को खाने से पथरी गल कर निकल जाती है।
-
जामुन के 10 मिली रस में 250 मिग्रा सेंधा नमक मिला लें। कुछ दिनों तक दिन
में 2-3 बार रोज पीने से मूत्राशय में रहने वाली पथरी टूटकर बाहर निकल
जाती है।
- जामुन के 10-15 ग्राम कोमल पत्तों को पीसकर पेस्ट बना
लें। इसमें 2-3 नग काली मिर्च का चूर्ण बुरककर मिला लें। इसका सुबह-शाम
सेवन करने से पथरी पेशाब के रास्ते बाहर निकल जाती है। पथरी के लिए यह एक
उत्तम उपचार है।
मुँहासे दूर करने में जामुन के फायदे
जामुन के रस का उपयोग
पिम्पल्स यानि मुंहासों को कम करने के लिए किया जाता है। इसके लिए जामुन या
इसकी पत्तियों के रस को त्वचा पर लगाने से ये अधिक मात्रा में तेल को
त्वचा पर आने से रोकता है जिससे पिम्पल्स जैसी समस्याओ में आराम मिलता है।
जामुन में कषाय गुण होने के कारण त्वचा के विकारो में फायदेमंद होता है जब
इसको बाहय रूप से उपयोग किया जाता है ।
कान के रोग में फायदेमंद जामुन
कभी-कभी
घाव होने पर या अन्य कारणों से कान से पस निकलने लगता है। इसके लिए जामुन
की गुठली को शहद में घोंट लें। इसकी 1-2 बूंद कान में डालने से कान का
बहना बन्द हो जाता है।