शरीर में मिलने वाले ये 7 संकेत करते हैं कमजोर इम्युनिटी की ओर इशारा

कोरोना के बाद से ही सभी अपने शरीर और सेहत पर ध्यान देने लगे हैं। जिसमें खासतौर से शरीर की इम्युनिटी का ख्याल रखा जाता हैं जिसकी मजबूती शरीर को वायरल बैक्टीरियल, फंगल या प्रोटोजोआ आदि से संक्रमित होने से बचाती है। इम्युनिटी शरीर में पहुंचने वाले हानिकारक वायरस से लड़ने में मदद करती हैं। ऐसे में सेहत को बनाए रखने के लिए जरूरी हैं कि आपके शरीर की इम्युनिटी मजबूत हो। इम्युनिटी कमजोर होते ही आपको सतर्क हो जाने की जरूरत हैं ताकि बीमार होने से बचा जा सकें। इसलिए आज इस कड़ी में हम आपको शरीर में दिखने वाले कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे हैं जो कमजोर इम्युनिटी की ओर इशारा करते हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में...

लगातार थकान बने रहना

रात में 7-8 घंटे की नींद लेने के बाद हर कोई सुबह काफी एनर्जेटिक महसूस करता है। लेकिन जिसकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, वह रात में पर्याप्त नींद लेने पर भी अगले दिन काफी सुस्त महसूस करता है। अगर वह कोई मेहनत का काम न भी करे, तो भी उसके शरीर में थकान बनी रहती है और एनर्जी भी काफी कम रहती है। इसका इलाज है कि एक्सरसाइज और योग करें। ये दोनों शरीर में एनर्जी लेवल बढ़ा देते हैं, जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ जाता है और यह तंत्रिका तंत्र को मजबूत करने के साथ-साथ थकान को भी दूर करके शरीर में एनर्जी लाता है।

बार-बार बीमार पड़ना

मौसम बदलने पर बीमार पड़ना आम बात है, खासकर सर्दियों के महीनों में। लेकिन अगर आप हर मौसम में बार-बार बीमार पड़ते हैं, तो ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि आपका इम्यून सिस्टम कमजोर है। इम्यून सिस्टम बैक्टीरिया, वायरस और बीमारी से लड़ता है। अगर आप को अक्सर यूरिन इन्फेक्शन, मुंह के छाले, जुकाम या फ्लू की शिकायत रहती है तो अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

लंबे समय तक सर्दी-जुकाम बना रहना

एक्सपर्ट कहते हैं कि वयस्कों को साल में 2-3 बार सर्दी-जुकाम होना आम बात है, लेकिन वहीं कुछ लोगों में सर्दी जुकाम अधिक लंबे समय तक बना रहता है या बार-बार होता है। सर्दी-जुकाम के समय एंटीबॉडी विकसित करने और कीटाणुओं से लड़ने के लिए प्रतिरक्षा प्रणाली को 3 से 4 दिन लगते हैं, यानी कि सर्दी 3-4 दिन बनी रह सकती है। लेकिन अगर आपको लंबे समय तक सर्दी-जुकाम बना रहता है, तो यह भी कमजोर इम्यूनिटी के संकेत हैं।

एलर्जी की शिकायत

बहुत से लोगों को एलर्जी की शिकायत होती है जिसकी वजह से उन्हें मौसमी बुखार होता रहता है। लेकिन अगर आपकी आंखों में हमेशा पानी रहता है, खाने की किसी चीज से आपको रिएक्शन हो जाता है, स्किन रैशेज, जोड़ों में दर्द और पेट में हमेशा दिक्कत रहती है तो ये भी आपके इम्यून सिस्टम के कमजोर होने का एक संकेत हो सकता है।

लगातार पेट संबंधित समस्या

इम्यूनिटी का संबंध आंत और पेट से भी होता है। इसलिए एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर किसी का पेट खराब है, तो उसकी सेहत कभी अच्छी नहीं रह सकती। हमारे शरीर में लगभग 70% प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले ऊतक हमारी आंत में होते हैं। यदि आप नियमित रूप से पेट की समस्याओं जैसे दस्त, सूजन, कब्ज आदि से पीड़ित हैं, तो यह कमजोर इम्यूनिटी का परिणाम हो सकते हैं।

अधिक तनाव होना

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली का पहला संकेत अधिक तनाव है। एक्सपर्ट बताते हैं कि इम्यूनिटी पर सबसे अधिक प्रभाव तनाव का पड़ता है। अगर कोई अधिक तनाव लेता है, तो जाहिर सी बात है उसकी इम्यूनिटी काफी कमजोर रहेगी। दरअसल, तनाव लेने से श्वेत रक्त कोशिकाओं और लिम्फोसाइट की संख्या में कमी आती है। ये दोनों ही हमारे शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं और कई तरह के वायरस से बचाते हैं। ऐसे में लंबे समय तक तनाव लेने से इम्यूनिटी धीरे-धीरे कमजोर होती जाती है।

शरीर के घाव भरने में देरी

रोजमर्रा के काम करते समय हाथ या शरीर में कट लगना या चोट लगना आम बात है। अगर घाव को सही होने में अधिक समय लगता है, तो यह भी कमजोर इम्यूनिटी का संकेत हो सकता है। इसके अलावा डायबिटीज में भी घाव भरने में देरी होती है, इसलिए एक्सपर्ट से तुरंत सलाह लें।