हर साल लाखों लोग अपने जीवन की परेशानियों से हारकर आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते हैं। उन लोगों की संख्या भी कम नहीं जो अपने जीवन में एक बार आत्महत्या यानि सुसाइड की कोशिश करते हैं। जब किसी व्यक्ति को तनाव और टेंशन ज्यादा हो जाती है तो वह डिप्रेशन का रूप लेते हुए गलत कदम उठाने को मजबूर हो जाता हैं। आत्महत्या एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है। लेकिन थोड़ी सतर्कता बरती जाए तो इस आंकड़े को कम किया जा सकता हैं। जी हां, व्यक्ति के अंदर आने वाली सुसाइड से जुड़ी सोच को रोकना मुश्किल जरूर हैं लेकिन नामुमकिन नहीं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जो दर्शाते हैं कि शख्स सुसाइड का मन बना रहे हैं। इन लक्षणों की समय रहते पहचान कर उनकी मदद की जा सकती हैं। आइये जानते हैं इन लक्षणों के बारे में...
उदास रहने लगना
अमेरिका के ओहियो स्थित क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार अवसाद ग्रस्त व्यक्ति काफी उदास रहता है। आपके साथ होते हुए भी वो आपके बीच नहीं होता है। उसकी मुस्कुराहट बता देती है कि वो अंदर से उदास हैं। दरअसल उसके अंदर आत्महत्या की सोच पैदा हो जाती है। अगर आप इस लक्षण को नोटिस कर लेते हैं तो उससे बात कीजिए। उसके दर्द को जानिए और उससे बाहर निकलने में मदद कीजिए। हो सके तो उसे तन्हा मत छोड़िए। अगर वो आपका दोस्त हैं और आपको लगता है कि वो गलत कदम उठा सकता है तो उसके परिवार को इसके बारे में बताइए।
जीवन के प्रति असंतोष जताने वाली बातें कहना
यदि आपका कोई अपना इस तरह की बात कर रहा है, जिससे निराशा झलक रही है, तो यह चिंताजनक है। जीवन के प्रति नीरसता, निराशा और असंतोष प्रकट करना, यह कहना कि वे कितने अकेले हैं, जीवन में फंसे या जकड़े हुए हैं- यह आत्महत्या के लक्षण हैं।
लोगों से दूरी बना लेना
डिप्रेशन पीड़ित व्यक्ति लोगों के बीच नहीं रहना चाहता है। वो तन्हाई में रहना चाहता है। जब कोई दोस्त उसे मिलने या पार्टी में बुलाते हैं तो वो टाल देता है। समाजिक गतिविधियों में हिस्सा नहीं लेता। ये भी सुसाइड के लक्षणों में से एक लक्षण होता है। अगर आपके परिवार का कोई व्यक्ति या दोस्त जो पहले समाजिक गतिविधियों में बढ़चढ़कर हिस्सा लेता था और जीवन का आनंद उठाता था। अगर अचानक वो सबकुछ करना बंद कर दे तो उससे बात कीजिए। उसकी समस्या जानिए और जीवन के प्रति पॉजिटिव रहने के लिए प्रेरित कीजिए। उसे काउंसलर के पास लेकर जाइए। लेकिन तन्हा मत छोड़िए।
अचानक शांत हो जाना
हंसता-खेलता, मजाक करता इंसान अगर शांत हो जाए। किसी से बात नहीं करें तो ये भी एक लक्षण होता है कि उसके अंदर सुसाइड का ख्याल चल रहा है। उससे बात करके उसे सही रास्ता दिखाएं। बता कि जिंदगी कितनी खूबसूरत है, जिस दौर में वो अभी है वो गुजर जाएगा। लेकिन अगर जिंदगी चली गई तो वो वापस नहीं मिलेगी।
अचानक मूड स्विंग होना
अगर आपको लगता है कि आत्महत्या करने का विचार रखने वाला व्यक्ति हर वक्त दुखी या हताश रहता है तो ऐसा नहीं है। आत्महत्या करने वाला व्यक्ति बहुत तरह के मानसिक दबाव से गुजर रहा होता है, जिसमें उनका बर्ताव किसी एक प्रकार का नहीं होता। उससे उलट वे बहुत तीव्र मूड स्विंग से गुजरते हैं। छोटी सी बात पर बहुत खुश हो जाना और उतनी ही जल्दी दुखी हो जाना, यह आत्महत्या के लक्षण हो सकते हैं। आत्महत्या ही नहीं, ऐसे मूड स्विंग कई गंभीर मानसिक रोगों के लक्षण होते हैं।
बदलने लगे पर्सनैलिटी
डिप्रेशन से ग्रसित इंसान के व्यक्तित्व में काफी बदलाव आने लगता है। उसकी पर्सनैलिटी वैसी हो जाती है, जैसा वो पहले कभी था ही नहीं। व्यवहार में बदलाव, नींद में बदलाव, बोलने में बदलाव, चलने में बदलाव जैसी चीजें महसूस होने लगती हैं। ऐसे व्यक्तित्व से चिंता बढ़ना लाजिमी है।
खुद के प्रति खतरनाक व्यवहार
अगर कोई इंसान डिप्रेशन में है तो उसका व्यवहार काफी खतरनाक हो जाता है और खुद को नुकसान पहुंचा सकता है। गाड़ी चलाने में लापरवाही, असुरक्षित यौन संबंध , ड्रग्स लेना, शराब पीना आदि लक्षण खतरनाक हो सकते हैं। ये कुछ ऐसे लक्षण और संकेत हैं, जिन्हें अगर आप सही समय पर पहचान गए तो किसी व्यक्ति को सुसाइड करने से रोक सकते हैं।
सोशल मीडिया से दूरी
आत्महत्या करने वाला व्यक्ति अपने आसपास के माहौल से दूर होने लगता है। देखने में आया है कि ऐसे व्यक्ति सार्वजनिक रूप से भी एक दूरी बना लेते हैं। समारोह, आयोजन आदि में ये शिरकत नहीं करते हैं। सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म से इनकी दूरी देखी जा सकती है। अक्सर ऐसे लोग अपनी पुरानी पोस्टों को हटा देतेे हैं। अगर व्यक्ति ऐसा कुछ कर रहा है तो हो सकता है वो आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठाने जा रहा हो। हो सकता है कि व्यक्ति किसी और कारण सोशल मीडिया से दूरी बना रहा हो, लेकिन इन संकेतों से इंकार नहीं किया जा सकता।