महिलाओं में आम हो गई हैं PCOS सिंड्रोम की समस्या, निजात पाने के लिए आजमाए ये घरेलू उपचार

महिलाओं को होने वाली कई परेशानियों में से एक हैं पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS) जिसका सामना आज के समय में हर दस में से तीसरी महिला कर रही हैं। इसमें महिलाओं के यूट्रेस में मेल हार्मोन एंड्रोजन बढ़ जाता है। जिसकी वजह से ओवरी में सिस्ट बनने लगते हैं। इस वजह से इस बीमारी से पीड़ित कुछ महिलाएं कभी भी ऑव्यूलेट नहीं कर पातीं और इस स्थिति को ऐनोवुलेशन या डिंबक्षरण कहा जाता है। यह न केवल ओवरी और प्रजनन क्षमता पर असर ड़लता है बल्कि यह आगे चल कर कैंसर का रुप भी ले लेती है, कई महिलाओं को मधुमेह होना का भी खतरा होता है। ऐसे में आपको जरूरत हैं घरेलू उपचार की जो इस समस्या को जड़ से दूर करें। आज इस कड़ी में हम आपको इससे निजात पाने के कुछ उपायों की जानकारी देने जा रहे हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...

दालचीनी

पीसीओएस वाली महिलाओं में आमतौर पर इंसुलिन प्रतिरोध और डाइस्लिपिडेमिया की समस्या होती है और दालचीनी इन दोनों समस्याओं को ठीक करने में मदद करती है। 1 चम्मच दालचीनी पाउडर को 1 गिलास गर्म पानी में मिलाकर रोजाना कुछ महीनों तक पिएं। इसके अलावा आप अपनी डेली डाइट जैसे- अनाज, दलिया, पनीर, मूंगफली, मक्खन, सैंडविच आदि में भी दालचीनी पाउडर छिड़कर उसका सेवन कर सकती हैं। ग्रीन टी में भी दालचीनी को डालकर उसे पीना फायदेमंद होता है क्योंकि ग्रीन टी वजन घटाने में और हार्मोनल बैलेंस को बनाए रखने में मदद करती है जिससे पीसीओएस के लक्षण कम हो सकते हैं।

मेथी

वह महिलाएं जो पीसीओ की बीमारी से ग्रस्त हैं, उनके मोटापे का शिकार होना आम बात है, मेथी के पत्ते या बीज का सेवन करने से इंसुलिन के स्तर को नियंत्रण में रखा जाता हैं। मेथी का सेवन करने से वजन भी नियंत्रण में रहता हैं। इसका सेवन करने के लिए मेथी के दानों को एक रात पहले भिगो कर रख दें और सुबह उठने के बाद खाली पेट इसका सेवन कर लें। खाने में डली हुई मेथी भिगोई हुई मेथी दोनों के गुण बराबर होते हैं।

पुदीने की चाय

स्पियरमिंट यानी पहाड़ी पुदीने की चाय पीने से लूटेनाइजिंग हार्मोन को बढ़ावा मिलता है और फॉलिकल को उत्तेजित करने वाले हार्मोन में कमी आती है और ये दोनों ही चीजें मासिक धर्म की उचित प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी हैं। पहाड़ी पुदीने की 2-3 पत्तियों को 1 कप गर्म पानी में 2-4 मिनट के लिए भिगोकर रखें। जितनी ज्यादा देर तक पत्तियां पानी में रहेंगी उनका उतना ही ज्यादा फ्लेवर आपको मिल पाएगा। आप चाहें तो इसमें स्वाद बढ़ाने के लिए चुटकी भर चीनी भी डाल सकती हैं। लेकिन ज्यादा चीनी न डालें क्योंकि इस चाय को रोजाना 1 महीने तक पीना है।

अलसी का बीज

अलसी के बीज में ओमेगा 3 फैटी एसिड , फाइबर और ओमेगा 6 फैटी एसिड का एक बड़ा स्रोत होता है, जिससे शरीर में टेस्टोस्टेरोन की मात्रा कम हो जाती हैं। अलसी के बीज से शरीर में ग्लूकोज बनता है, इसलिए अलसी के बीज पीसीओ की समस्या से निजात दिलाने में काफी आवश्यक हो जाते हैं। आप नाश्ते में अलसी के बीज का सेवन कर सकती हैं। इसका सेवन करते हुए यह बात ध्यान रखें कि इन्हें आपको अच्छे से चबा चबाकर खाना चाहिए।


सेब का सिरका

सेब का सिरका भी पीसीओएस (PCOS) से निपटने के लिए फायदेमंद है, क्योंकि यह रक्त शर्करा को नियंत्रित और आपके शरीर को बहुत अधिक इंसुलिन के उत्पादन से दूर रखने में मदद करता है। एक गिलास पानी में सेब के सिरके के दो चम्मच मिक्स करें। रोजाना सुबह खाली पेट इसे पिएं। कई हफ्तों तक रोजाना ऐसा करना जारी रखें या जब तक आपको कोई सुधार ना दिखना शुरू हो जाए। अगर आपको इसका स्वाद पसंद नही है तो आप इसमे संतरे या किसी अन्य फल के रस के साथ मिक्स करके भी पी सकती हैं।

आंवला

आंवला में विटामिन सी के गुण पाए जाते हैं और अगर आप पीसीओ से ग्रस्त हैं तो आपको आंवला का सेवन करना चाहिए। आंवले के सेवन से ब्लड शुगर स्तर और प्रजनन क्षमता में भी सुधार आता हैं। यह हमारे पाचन तंत्र को मजबूत बनाता हैं और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकाल देता हैं। आप या तो आंवले का रस निकाल कर पी सकती हैं, नहीं तो आप इसका सेवन ऐसे भी कर सकती हैं।

मुलेठी

मुलेठी में ग्लिसाइरिजिक एसिड होता है जो खून में पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरॉन के लेवल को कम करने में मदद करता है। इसके लिए 1 चम्मच मुलेठी की जड़ या मुलेठी पाउडर को 1 कप गर्म पानी में अच्छी तरह से मिक्स करें और रोजाना दिन में एक बार पिएं। लंबे समय तक इस नुस्खे का फायदा आपको मिलता रहे इसके लिए 2 महीने या इससे ज्यादा समय तक इस प्रक्रिया को रोजाना दोहराएं।

तुलसी

वह महिलाएं जो पीसीओ की समस्या से परेशान रहती हैं, उनके चेहरे पर बालों के साथ ही मुंहासे का भी अधिक विकास होता हैं। इसके पीछे अहम कारण इवोलूशन प्रक्रिया अपनी जगह नहीं ले पाता और एण्ड्रोजन का इस्तेमाल नहीं हो पाता। इसलिए लिवर से एसएचबीजी प्रोटीन काफी कम मात्रा में निकलता है। तुलसी से एण्ड्रोजन का उत्पादन काफी बढ़ जाता हैं और इंसुलिन के स्तर को नियंत्रित करता है। यह एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती हैं। इसके लिए तुलसी की दस से बारह पत्तियों को उबालकर सुबह नाश्ते से पहले चबाने से काफी लाभ होता है।