गर्मियों का मौसम जारी हैं जिसमें ध्यान ना दिया जाए तो खाने के खराब होने का डर बना रहता हैं। यह खराब या संक्रमित भोजन विषाक्त हो जाता हैं जिसका सेवन कर लिया जाता हैं तो फूड पॉइजनिंग का खतरा बन जाता हैं जिसमें दस्त, पेट दर्द, उल्टी जैसी कई समस्या सामने आ सकती हैं। इसी के साथ ही बाहर का ऐसा खाना जिसे बनाने में हाइजीन (स्वच्छता) का ध्यान नही रखा गया हो तो वह भी घातक होता हैं। अगर आप इससे बचना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले अपने खाने-पीने की आदतों में सुधार लाना होगा। इसी के साथ ही आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खों की जानकारी देने जा रहे हैं जो फूड प्वाइजनिंग की समस्या में राहत दिलाने का काम करेगी। तो आइये जानते हैं इन नुस्खों के बारे में...
लहसुन लहसुन एंटीबैक्टीरियल होता है। यह खाने का स्वाद बढ़ाने के साथ-साथ सेहत को भी दुरुस्त रखता है। बेस्ट होगा कि आप लहसुन की कलियां छीलें और पानी से निगल जाएं, मगर कई लोग ऐसा नहीं कर पाते हैं। इसलिए आप शहद के साथ लहसुन के छोटे-छोटे टुकड़े काटें और निगल जाएं। लहसुन को चबाकर खाना और भी फायदेमंद होता है। अगर आप सुबह उठ कर सबसे पहले लहसुन चबाकर खाते हैं तो पेट से जुड़ी हर तरह की शिकायत दूर रहेगी।
फल खाएंकेले में पोटैशियम की अधिक मात्रा होती है, इसलिए जब भी हमें फूड पॉइजनिंग हो तो खूब केला खाना चाहिए। केले में ऑक्सीडेंट मौजूद होता है, जो लिवर में ठंडक बनाये रखने में मददगार होता है। इसके अलावा सेब में भी यही खूबी होती है। यदि आपको फ़ूड पॉइजनिंग हो गया है तो सेब और केले को अच्छी तरह मैश कर ले, फिर इस मिश्रण को दिन में तीन से चार बार लेने से आराम मिलता है।
पुदीना चायपुदीना चाय सिर्फ अरोमाथेरेपी नहीं है बल्कि पेपरमिंट तेल अपने सुखदायक प्रभाव के लिए भी जाना जाता है। फूड पॉयजनिंग से पेट की ऐंठन से पीड़ित लोगों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। अपनी चाय में इसकी कुछ बूंदे जोड़कर देखें, कैसे आपके पेट की ऐंठन कुछ घंटों में गायब हो जाती हैं।
तुलसीये तो आप सभी जानते हैं कि तुलसी कई औषधीय गुणों से युक्त होती है। लेकिन क्या आप ये जानते हैं कि तुलसी फूड प्वाइजनिंग में भी असरदार है। अगर किसी को फूड प्वाइजनिंग की दिक्कत हो तो वो एक कटोरी दही में तुलसी की पत्ती, काली मिर्च और थोड़ा सा नमक डालकर खा सकते हैं। इसके अलावा तुलसी की पत्ती पानी में डालकर पीने से भी आराम मिलेगा।
जीराफूड प्वाइजनिंग में जीरा लाभकारी है। इसका सेवन करने से पेट दर्द के साथ सूजन भी कम हो जाती है। फूड प्वाइजनिंग होने पर एक चम्मच जीरे को भूनकर पीस लें और सूप में इसे डालकर इसका सेवन करें। इसके अलावा आप चाहे तो दही में डालकर इसका सेवन कर सकते हैं।
नींबू का रस अगर आप फूड प्वाइजनिंग से परेशान हैं तो तुरंत नींबू का रस निकालकर पी लीजिए। इससे आपको जल्द ही राहत मिल जाएगी। इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल और एंटीवायरल तत्वों की वजह से फूड प्वाइजनिंग वाले बैक्टीरिया मर जाएंगे। नींबू के रस को आप हल्के गुनगुने पानी में मिलाकर भी पी सकते हैं।
मेथी के बीजमेथी के बीज फूड प्वाइजनिंग लक्षण जैसे कि सीने में जलन, अपच, पेट दर्द, भूख न लगना और दस्त को कम कर सकते हैं। इसमें प्राकृतिक रूप से पाचन गुण होते हैं। पेट और आंतों को आाराम पहुंचाते हैं। साथ ही मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
अदरक और शहद का घोल अदरक में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। अगर आपके पेट में दर्द हो रहा है या बार-बार जी मिचला रहा है तो अदरक का सेवन करने से आपको फायदा मिलेगा। अदरक को कद्दूकस करके उसका रस निकाल लें। अब एक कप पानी में इस रस को मिक्स करें। इस पानी में 1 बड़ा चम्मच शहद और 1 छोटा चम्मच नींबू का रस मिक्स करें। इस मिश्रण में थोड़ा सा काला नमक डालें और इस पानी को पी जाएं।