इन घरेलू नुस्खों से डायबिटीज को कर सकेंगे नियंत्रित, बनी रहेगी अच्छी सेहत

आज के समय में एक बड़ी आबादी डायबिटीज की बीमारी से जूझ रही हैं। डायबिटीज में ब्लड शुगर का लेवल बहुत बढ़ जाता हैं और इंसुलिन की उत्पादन क्षमता भी प्रभावित होती हैं। डायबिटीज में खुद के खानपान को संतुलित रखने की जरूरत होती हैं ताकि शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सके। ऐसे में आज हम आपके लिए कुछ ऐसे घरेलू नुस्खें लेकर आए हैं जिनकी मदद से डायबिटीज को नियंत्रित किया जा सकता हैं और सेहत को अच्छा बनाए रखा जा सकता हैं। इन नुस्खों की मदद से आप डायबिटीज को कंट्रोल करके एक सामान्य जीवन जी सकते हैं। तो आइये जानते हैं इन नुस्खों के बारे में।

जामुन के बीजों का सेवन

जामुन के बीज भी डायबिटीज को नियंत्रित करने में कारगर हैं। इसके लिए जामुन के बीजों को पहले अच्छी तरह सुखा लें और फिर सूखने के बाद उन्हें पीसकर चूर्ण बना लें। सुबह खाली पेट जामुन के बीजों को गुनगुने पानी के साथ लें। इससे डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।

सहजन की पत्तियों का सेवन

सहजन की पत्तियों का रस भी डायबिटीज को नियंत्रित करने में बहुत कारगर है। इसकी पत्तियों को पीसकर उसे निचोड़ लें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। इससे शुगर लेवल नहीं बढ़ेगा।

दालचीनी के पाउडर का सेवन

दालचीनी भारतीय व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाला एक प्रमुख मसाला है। दालचीनी के इस्तेमाल से इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ती है। ये ब्लड में शुगर के लेवल को कम करने और नियंत्रित करने में मददगार है। इसके नियमित सेवन से मोटापा भी कम किया जा सकता है। दालचीनी को महीन पीसकर पाउडर बना लें और उसे गुनगुने पानी के साथ लें। मात्रा का विशेष ध्यान दें। बहुत अधिक मात्रा में ये पाउडर लेना खतरनाक हो सकता है।

ग्रीन टी का सेवन

ग्रीन टी में उच्च मात्रा में पॉलीफिनॉल पाया जाता है। ये एक सक्रिय एंटी-ऑक्सीडेंट है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मददगार है। प्रतिदिन सुबह और शाम ग्रीन टी पीने से डायबिटीज के मरीजों को जरूर फायदा होगा।

तुलसी की पत्तियों का सेवन

तुलसी की पत्तियों में एंटी-ऑक्सीडेंट पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो पैंक्रियाटिक बीटा सेल्स को इंसुलिन के प्रति सक्रिय बनाती हैं। ये सेल्स इंसुलिन के स्राव को बढ़ाती हैं। सुबह उठकर खाली पेट दो से तीन तुलसी की पत्ती चबाएं, आप चाहें तो तुलसी का रस भी पी सकते हैं। इससे ब्लड शुगर लेवल यानी रक्त शर्करा का स्तर कम होता है।