त्योहार की मिठास में बीमार बना सकता हैं मिलावटी मावा, जानें इसका पूरा खेल

होली का त्योहार देशभर में बहुत धूमधाम से मनाया जाता हैं और इसकी तैयारियां ही कई दिन पहले से घरों में शुरू हो जाती हैं। इस त्योहार की खुशी को बढ़ाने का काम करती हैं मिठाइयां। लेकिन इन खुशियों में खटास लाता हैं मिलावटी मावा। त्योहारों में मिठाइयों की बढ़ी खपत को पूरा करने के लिए दुकानदार मावे में मिलावट कर देते हैं। इस मावे में इतनी खतरनाक मिलावट होती है कि यह सेहत को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता हैं। मिलावटी मावा तैयार करने के लिए मैदा, डिटर्जेंट, यूरिया और सिंथेटिक दूध को भी प्रयोग में लाया जाता है जो हर रूप में नुकसानदायक हैं। आज इस कड़ी में हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे मिलावटी मावा सेहत को नुकसान पहुंचाता हैं और यह कैसे बनता हैं। आइये जानते हैं इनके बारे में...

ऐसे बनता है मिलावटी मावा

मिलावटी मावा बनाने में दूध के पाउडर का इस्तेमाल होता है। इसमें रिफाइंड या वेजीटेबल ऑयल मिलाया जाता है। इसके अलावा रसायन, आलू, शकरकंदी का प्रयोग भी किया जाता है। इस दौरान सिंथेटिक दूध भी बड़े पैमाने पर बनाया जाता है। इसमें डिटर्जेट पाउडर, तरल जैल, चिकनाहट लाने के लिए रिफाइंड व मोबिल आयल एवं एसेंट पाउडर डाला जाता है। इतना ही नहीं मिलावटखोर कई बार यूरिया के घोल में पाउडर व मोबिल डालकर भी सिंथेटिक दूध तैयार किया जाता है। इसमें थोड़ा असली दूध मिलाकर सोखता कागज डाला जाता है। फिर इसी से नकली मावा व पनीर भी तैयार किया जाता है।

उल्टी और दस्त

नकली खोए को सिंथेटिक दूध से बनाया जाता है। इसका सेवन करने से उल्टी, दस्त, फूड पॉइजनिंग आदि की समस्या हो सकती है। सिंथेटिक मावा बनाने के लिए यूरिया का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए आपको असली और खोया के बीच का अंतर भी पता होना चाहिए।

किडनी-लिवर को खतरा

नकली खोया खाने से किडनी और लिवर जैसे अंगों की समस्याओं के बढ़ने का भी खतरा हो सकता है। जिस तरह से मावा बनाने के लिए डिटर्जेंट और सिंथेटिक दूध के इस्तेमाल की खबरें सामने आई हैं ऐसे में इससे लिवर को गंभीर नुकसान होने का खतरा हो सकता है। हमारा शरीर इन हानिकारक तत्वों को आसानी से फिल्टर नहीं कर पाता है जिसके कारण इनसे किडनी और लिवर की बीमारियों का जोखिम हो सकता है।

वजन बढ़ना

मावे में स्टार्च ,आलू, आयोडीन मिलाया जाता है। इसलिए अगर आप नकली खोए का सेवन करते हैं तो इससे आपका वजन भी बढ़ सकता ह।क्योंकि नकली खोए को केमिकल्स डालकर बनाया जाता है। इसलिए अगर आप अपना वजन कम करना चाहते हैं तो नकली मावे का सेवन करने से बचें।

पेट दर्द होना

नकली या मिलावट खोया खाने से पेट में दर्द की समस्या हो सकती है। अगर आपके घर में बच्चे हैं, तो ज्यादा म िठाईयों के सेवन से उनकी सेहत बिगड़ सकती है। गर्भवती महिलाओं को खोया का सेवन करने से बचना चाहिए। इससे कब्ज की समस्या हो सकती है।

कैसे करें नकली मावे की पहचान?

खाद्य मानक और सुरक्षा प्राधिकरण (FSSAI) ने मिलावटी/नकली मावे या खोया की पहचान करने के कुछ तरीकों के बारे में बताया है जिसकी मदद से आसानी से असली-नकली की पहचान की जा सकती है। इसके लिए एक चुटकी मावा लेकर इसे हथेलियों के बीच में रगड़ें। असली मावा थोड़ा तैलीय और दानेदार होता है। अगर उसमें से घी की महक आ रही हो तो मावा असली है। हालांकि अगर इसमें से अजीब प्रकार की गंध आ रही है तो मावे के मिलावटी होने की आशंका हो सकती है। इसे चखकर भी पहचाना जा सकता है, असली मावा मुंह के अंदर नहीं चिपकता जबकि नकली मावा मुंह के अंदर कई जगह चिपक जाता है।

घर पर मावा कैसे बनाएं?

घर पर खोया बनाने के लिए बर्तन में दूध डालकर उबालें। जब दूध गरम हो जाए, तो उसे 4 से 5 मिनट तक चलाते रहिए। जब दूध गाढ़ा होने लगे, तो करछी चलाते रहें। दूध को हलवे की तरह गाढ़ा होने पर चलाकर पकाते रहें। जब दूध गाढ़ा हो जाए, तो गैस बंद कर दें। मावा तैयार हो जाए, तो बर्तन में निकालकर रख दें।