हमारे भारत में ख़ासियत है कि यहां औषधियों का खज़ाना है, फिर चाहे वह किसी पेड़ के रूप में हो, पौधों के रूप में हो या फिर किसी जड़ी-बूटी के रूप में। नीम ऐसी ही औषधियों गुणों वाले पौधों में से एक है।नीम का पेड़ उन चुनिंदा पौधों में से है जिसके लगभग हर भाग का हम इस्तेमाल कर सकते हैं। नीम के फायदे सैंकड़ों हैं और इसका हर भाग आप इस्तेमाल में ला सकते हैं। जहां नीम की पत्तियां त्वचा को स्वस्थ रखने और खून को साफ करके का काम करती हैं तो वहीं इसकी छालें पाचन तंत्र को बेहतर करती हैं। इसके अलावा इसका तेल, बीज और फूल भी कई प्रकार के रोगों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। इसे आप प्रकृति का वरदान कह सकते हैं जो आसानी से उपलब्ध भी हो जाता है, खासकर कि ग्रामीण इलाकों में। इसकी खासियत और फायदों को देखते हुए ही इसका नाम वंडर ट्री यानि अद्भुत वृक्ष भी रखा गया है। प्राचीन समय से ही इस औषधीय पौधे का इस्तेमाल विभिन्न रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है और आज की आधुनिक दवाओं में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है। नीम का प्रयोग न सिर्फ भारत में बल्कि, यूनानी मेडिकल पद्धति में भी किया जाता है। आज हम नीम के सेवन से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में बताने जा रहे हैं...
गठिया और सूजन के इलाज में मदद करता हैनीम आसानी से सूजन और गठिया का इलाज कर सकता है। इस पौधे में निंबिडिनी नामक एक रसायन होता है, जिसमें गठिया-रोधी और सूजन-रोधी गतिविधियाँ होती हैं। निंबिडिन न्यूट्रोफिल और मैक्रोफेज की भड़काऊ क्रियाओं को रोक सकता है। यह सूजन को कम करने में भी सहायता कर सकता है और दर्द और सूजन दोनों को भी कम कर सकता है। नीम उन लोगों के लिए भी बेहद फायदेमंद है जो रुमेटीइड गठिया से पीड़ित हैं। यह एक ऐसी बीमारी है जो ऑटो-इम्यून रिएक्शन के कारण मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बनती है।
त्वचा स्वास्थ्य में सुधारनीम के पत्ते त्वचा के लिए एक वरदान हैं। इनका उपयोग मुँहासे, दाग-धब्बे, त्वचा की खुजली, एक्जिमा, और सोरायसिस जैसी त्वचा समस्याओं के उपचार में किया जाता है। नीम के पत्ते त्वचा की सूजन को कम करते हैं और त्वचा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं।
ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मददगारअगर आप डायबिटीज के मरीज हैं, तो आपके लिए नीम की पत्तियां किसी वरदान से कम नहीं हैं। इन पत्तियों के सेवन से ब्लड शुगर को सामान्य किया जा सकता है।
कैविटीज़ और मसूड़ों की बीमारी को रोकता हैआप अगर कभी ग्रामीण इलाकों में गए होंगे तो देखा होगा कि ग्रामवासी सुबह सुबह ब्रश और टूथपेस्ट नहीं बल्कि नीम की छोटी से ठंडल या टहनी का इस्तेमाल दातों की सफाई के लिए करते हैं। यूट्यूब पर सैंकड़ों विडियोज आपको मिल जाएंगे जिसमें पश्चिकी देशों में नीम की टहनियां काफी महंगी बिकती हैं। क्योंकि नीम में जीवाणुरोधी गुण होते हैं, विशेष रूप से स्ट्रेप्टोकोकस म्यूटन्स के खिलाफ, जो कैविटी से जुड़ा बैक्टीरिया है।
नीम संक्रमण का इलाज कर सकता हैनीम उन लोगों की मदद कर सकता है जो डेंगू बुखार से पीड़ित हैं क्योंकि यह डेंगू वायरस के विकास को रोक देगा। यह कॉक्ससेकी बी वायरस की प्रतिकृति में भी हस्तक्षेप करेगा। यह विषाणुओं का एक समूह है जो मनुष्यों में पूर्ण संक्रमण से लेकर पेट दर्द तक कई तरह की बीमारियों का कारण बनता है। आप नीम का उपयोग वायरल रोगों, जैसे कि चेचक और चिकनपॉक्स के लिए भी कर सकते हैं और उनके लक्षणों को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, नीम त्वचा और जीवाणु संक्रमण का भी इलाज कर सकता है। हाल के एक अध्ययन से पता चला है कि इस पौधे में जीवाणुरोधी गतिविधियां होती हैं, जो दांतों की कैविटी और मसूड़ों की समस्याओं के इलाज में मदद करती हैं।
रक्त शुद्धिकरणनीम के पत्ते शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं, जिससे रक्त शुद्ध होता है। यह रक्त परिसंचरण को सुधारता है और रक्तजनित रोगों के खतरे को कम करता है।
पाचन संबंधी समस्या को दूर करने में कारगरनीम की पत्तियों में फाइबर पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। जो पाचन संबंधी समस्या को कम करने में सहायक है। जिन लोगों को कब्ज की समस्या है, उनके लिए ये पत्तियां बेहद गुणकारी हैं। ये पत्तियां मल त्यागने की क्रिया को आसान बना सकती है।
लिवर के लिए फायदेमंदनीम की पत्तियों में एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो लिवर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इसके सेवन से शरीर के टॉक्सिक पदार्थ बाहर निकलते हैं, जिससे आपका ब्लड सर्कुलेशन भी बेहतर होता है।
सांस सम्बन्धित समस्याओं को दूर करता हैभारी प्रदूषण, नशा पदार्थों और अन्य कई कारणों से लोग सांस संबंधित बीमारियों से जूझ रहे हैं। हर वर्ष लाखों लोग सांस संबधित बीमारियों का सामना करते हैं और इससे कइयों की मृत्यु भी हो जाती है। ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि ये बीमारियां आपको छुएं भी न तो बढ़िया लाइफस्टाइल के साथ साथ नीम का इस्तेमाल आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है।
कैंसर से बचावनीम में फ्लेवोनोइड्स जैसे रसायन होते हैं, जो कैंसर से लड़ सकते हैं। कई अध्ययनों ने प्रमाण दिया है कि फ्लेवोनोइड्स का उच्च स्तर कैंसर के विकास को रोक सकता है। नीम में मानव में कैंसर कोशिकाओं की एक विविध श्रेणी की संभावित क्रिया है।
रैशेज और घाव को खत्म करता हैअगर आपको कोई घाव हो जाता है या आप रैशेज की समस्या से जूझ रहे हैं तो नीम तेल या नीम का पेस्ट बनाकर इस्तेमाल कर सकते हैं। सदियों से इसका इस्तेमाल घावों को भरने और ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। नीम में प्राकृतिक जीवाणुरोधी गुणों वाले यौगिक होते हैं जो घावों और चकत्ते में जीवाणु संक्रमण को रोकने और मुकाबला करने में मदद करते हैं।