इस तरह करें औषधीय गुणों से भरपूर लौकी का इस्तेमाल, हमेशा बनी रहेगी सेहत

अच्छी सेहत के लिए अपने खानपान में विभिन्न प्रकार की सब्जियों को शामिल करने की जरूरत होती हैं जो पोषक तत्वों से शरीर के हर अंग को मजबूती प्रदान करें। ऐसे में लौकी को बहुत गुणकारी माना गया हैं जो औषधीय गुणों से भरपूर होती हैं। हांलाकि कई लोग इसके स्वाद के चलते इसे नापसंद करते हैं। लेकिन आज इस कड़ी में हम आपको लौकी के इतने फायदे बताने जा रहे कि आप भी लौकी का सेवन करने पर मजबूर हो जाएंगे। लौकी में भरपूर मात्रा में थायमिन, राइबोफ्लेविन, मिनरल्स, फास्फोरस और सोडियम पाया जाता है जो आपकी सेहत को फायदा पहुचाता हैं। तो आइये जानते है किस तरह लौकी सेहत के लिए लाभदायी है...

- यदि कभी बीमार नहीं पड़ना चाहते हैं, तो हर रोज़ सुबह खाली पेट एक ग्लास लौकी का जूस पिएं। लौकी का जूस बनाने के लिए 250 या 300 ग्राम लौकी, आधा चम्मच जीरा पाउडर, चुटकीभर कालीमिर्च पाउडर, 4-5 पुदीने के पत्ते, नमक स्वादानुसार लें। लौकी को छीलकर धोकर टुकड़े करके पुदीने के पत्ते डालकर मिक्सी में पीस लें। जूस बन जाने पर जीरा, कालीमिर्च और नमक मिला लें। इस जूस को नियमित पीने से भूख कंट्रोल में रहती है।
- लीवर की या फिर पेट की समस्या हो, तो लौकी को धीमी आंच पर हल्का-सा पकाकर इसका रस निकाल लें। फिर इसमें थोड़ा-सा मिश्री मिलाकर पीएं।
- लौकी में ढेर सारा घुलनशील फाइबर पाया जाता है जो उसमें मौजूद ढेर सारे पानी के साथ मिलकर पाचन क्रिया को आसान बनाता है। इस जूस को नियमित पीने से एसिडिटी की तकलीफ़ नहीं होती।
- लौकी के टुकड़ों को तलुओं पर मालिश करने से टायफाइड बुखार की जलन दूर होती है।
- लौकी की गिरी खाने से कफ़-खांसी की तकलीफ़ दूर होती है।

- ज्यादा तेल और मसालेवाला भोजन लीवर को नुक़सान पहुंचाता है, पर रोज़ाना लौकी के जूस का सेवन लीवर से संबंधित परेशानियों को ठीक करने में मदद करता है। लौकी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स और विटामिन सी लीवर में सूजन या दर्द जैसी समस्याओं को कम करते हैं।
- बिच्छू के काटे हुए स्थान पर लौकी पीसकर लेप करें और इसका रस निकालकर पिलाएं। इससे बिच्छू का जहर उतर जाता है।
- लौकी का रायता बनाकर दस्त में देने से दस्त का बार-बार आना बंद हो जाता है।
- गुर्दे के दर्द में लौकी को पीसकर लेप करने से आराम मिलता है।
- लौकी वज़न भी कम करता है। इसके लिए आप लौकी को हर रोज़ सब्ज़ी, जूस आदि रूप में लें। यदि चाहें तो बदलाव के लिए इसे उबालकर नमक डालकर लें।
- लौकी में नेचुरल पानी होता है। ऐसे में इसके नियमित इस्तेमाल से प्राकृतिक रूप से चेहरे की रंगत निखरती है। इसके जूस पीने के अलावा थोड़ा-सा हाथों में लेकर चेहरे पर मसाज करें। इसके स्लाइस को काटकर भी चेहरे पर मसाज कर सकते हैं। इससे स्किन ग्लो करती है।
- शुगर के मरीजों के लिए लौकी बहुत ही फ़ायदेमंद है। इसलिए जिन्हें डायबिटीज़ है, उन्हें हर रोज़ सुबह खाली पेट लौकी का जूस ज़रूर पीना चाहिए।

- लौकी के बीजों को पीसकर होंठों पर लगाने से जीभ और होंठों के छाले ठीक होते हैं।
- यह पेट की गड़बड़ी को भी दूर करता है। दरअसल, लौकी का जूस काफ़ी हल्का होता है और इसमें ऐसे कई तत्व होते हैं, जो बदहजमी, कब्ज़ और गैस की समस्या से निजात दिलाते हैं।
- लौकी नियमित रूप से खाने से हानिकारक कोलेस्ट्रॉल की समस्या कम होती है, जिससे हृदय संबंधी कई बीमारियों और बढ़ते कोलेस्ट्रॉल से होनेवाली तकलीफें नहीं होतीं।
- यदि शरीर की गर्मी के कारण सिरदर्द या फिर अपच होता है, तो लौकी के जूस में अदरक मिलाकर पिएं। इससे हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी ठीक होती है।
- लौकी का जूस कब्ज़, दस्त, एसिडिटी और ख़राब पाचनशक्ति को ठीक करने में मदद करता है। पानी की भरपूर मात्रा होने से लौकी का नियमित इस्तेमाल सुबह आसानी से पेट साफ़ करने में मदद करता है।
- लौकी के जूस में नमक डालकर पीने से शरीर में पानी की कमी से होनेवाली बहुत सारी समस्याएं दूर होती हैं।
लौकी को पैर के तलुवों पर मलने से पैर की गर्मी यानी जलन निकल जाती है।
- मूत्र संबंधी परेशानियों में भी लौकी लाभदायक है। यह शरीर में सोडियम की अधिकता को कम करने में सहायक है, जो यूरिन के ज़रिए बाहर निकल जाता है।
- प्रतिदिन तरोताजा बने रहने के लिए नमक या मसाले मिलाकर लौकी का जूस पीना बेहद उपयोगी है।
- दांत के दर्द में भी उपयोगी है लौकी। 75 ग्राम लौकी में 20 ग्राम लहसुन पीसकर एक लीटर पानी में उबालें। जब आधा पानी रह जाए, तब छानकर इससे कुल्ला करने से दांत दर्द दूर होता है।

- लौकी या तुलसी के पत्तों को पानी के साथ पीसकर बवासीर के मस्से पर दिन में दो-तीन बार लगाएं। इससे दर्द व जलन कम होती है तथा मस्से भी नष्ट होते हैं।
- लौकी के पत्तों को पीसकर बवासीर के मस्सों पर लगाने से भी मस्से खत्म हो जाते हैं।
- लौकी के छिलके को छाया में सुखाकर पीसकर पाउडर बना लें। इसे एक चम्मच हर रोज़ सुबह-शाम पानी के साथ लें। 6-7 दिन लगातार लेने से बवासीर में खून का आना बंद हो जाता है।
- घीया के टुकड़ों से पैरों के तलुवों पर मालिश करने से लू के कारण होनेवाली जलन दूर हो जाती है।
- लौकी को उबालकर खाने से नकसीर में राहत मिलती है।
- यूरिन प्रॉब्लम में 10 मि।ली। लौकी के रस में 20-20 ग्राम मिश्री और कलमी शोरा को 250 मि। ली। पानी में मिलाकर दिन में दो बार सुबह-शाम लें।
- घुटने के दर्द में कच्चे लौकी को काटकर उसकी लुगदी बनाकर घुटनों पर रखकर कपड़े से बांध लें। तुरंत आराम मिलता है।
- चेहरे पर झांइयां हो तो लौकी के ताज़े छिलके को पीसकर चेहरे पर लेप करें।